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भारत पहले भी हिंदू राष्ट्र था आज भी है और रहेगा : पंडित प्रदीप मिश्रा

भिलाई । इस्पात नगरी की पावन धरा पर देवाधिदेव महादेव की कथा सुनाने पहुंचे अंतरराष्ट्रीय कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने छत्तीसगढ़ में लागू गोधन न्याय योजना की सराहना की। शनिवार को पंडित प्रदीप मिश्रा ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान एक सवाल के जवाब में यह बात कही। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गोधन न्याय योजना के माध्यम से भला काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि रायपुर में कथा के दौरान छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने बताया कि वे नंदी को गोठान में सुरक्षित रख रहे हैं। संसार में कोई भी यदि जीव हित का काम करता है वह सराहनीय कार्य होता है। पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि जो भी धर्म के साथ जीव की रक्षा करता है वह श्रेष्ठ काम होता है।


पंडित प्रदीप मिश्रा ने अपने कथा जीवन की शुरुआत के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि उन्होंने सबसे पहले 1999 में कथा की थी और उसके बाद यह क्रम निरंतर जारी है। इस दौरान शिवतत्व पर उन्होंने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि हम सभी में शिव तत्व मौजूद है। वर्तमान समय में शिव भक्ति व धर्म के प्रति आस्था जगी है जो आने वाले समय के लिए अच्छा है। कोरोना के समय में लोगों में सेवा का भाव जगा है। लोगों में आध्यात्म के प्रति जागरुकता आई है और इसका परिणाम है कि कथा स्थल पर लोग लाखों की संख्या में पहुंचते हैं। कथा स्थल पर आने वाले लोगों को बुलाया नहीं जाता बल्कि वे स्वयं के खर्च पर कथा स्थल पहुंचते हैं और शिव तत्व में सम्मिलित हो जाते हैं।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कुबेरेश्वर धाम को लेकर भी बातें कही। उन्होंने बताया कि कुबरेश्वर में रोज हजारों श्रद्धालुओं के लिए भोजन बनाया जाता है जो कि नि:शुल्क है। धाम में आने वाले भक्तों के रहने की व्यवस्था भी की जाती है। यहां के गोशाला में गोवंश की सेवा की जाती है। उन्होंने बताया कि समिति द्वारा नि:शुल्क एंबुलेंस चलाई जाती है। यहां चिकित्सालय हैं जहां नि:शुल्क इलाज किया जाता है ओर दवाइयां भी मुफ्त में दिया जाता है। गोशाला में उतनी ही गायों को रखा जाता है जितने की सेवा की जा सके। कुबेरेश्वर धाम से कुछ दूरी पर बड़ी गोशाला का निर्माण किया जा रहा है।

पंडित प्रदीप मिश्रान इस दौरान धर्मांतरण पर भी बात की। उन्होंने कि देश में बड़े पैमाने पर धर्मांतरण हो रहा है जो चिंता जनक है। यदि कोई धर्मांतरण करता है इसमें हमारी भी उतनी ही गलती है। जरूरत है हमें संगठित होने की और दूसरों के प्रति सेवा भाव रखने की। आप यदि सनातन धर्म के हैं तो अपने धर्म को श्रेष्ठ मानें। पैसे लेकर कथा करने के आरोपों पर प्रदीप मिश्रा ने कहा कि उन्होंने कभी कथा के लिए रुपए नहीं मांगे। पंडित मिश्रा ने टोटकों को लेकर किए गए सवाल पर कहा कि वे जो भी बताते हैं उनका वर्णन शिव पुराण है। शिवलिंग को बेलपत्र अर्पण करना, बेल पत्र में शहद लगाना यह कोई टोटका नहीं है।

औषधि का काम कर रहा है बेलपत्र

पंडित मिश्रा ने कहा कि समस्या ग्रस्त लोगों को वे उपाय बताते हैं और वह वैज्ञानिक आधार पर होता है। आज मंदिरों में जो बेलपत्र चढ़ाते हैं वे पहले फेंक देते थे। आज उसे औषधि की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। बेलपत्र में ऐसा तत्व छिपा है जिससे बीपी, शुगर व थाईराइड जैसी बीमारियों का निवारण हो रहा है। कथा स्थल पर महंगे समान की बिक्री पर उन्होंने कहा कि जो भी धर्म की जगह पर ऊंची कीमतों पर बेचते हैं तो वह गलत करते हैं। यहां लिया गया पैसा कहीं न कहीं व्यर्थ ही होगा।

संविधान बदलने कभी नहीं कहा

पंडित मिश्रा ने अपने भजनों में संविधान बदलने की बात कही है और उस पर हुए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वे कभी यह नहीं कहते कि संविधान बदलना चाहिए। वह शब्द केवल उनके भजन का हिस्सा है और उसे कहने का तात्पर्य भी अलग है। हमारे व्यास पीठ से यह कभी नहीं कहा गया कि संविधान बदलिए। हमारे भजन की लाइन है संविधान को बदलो, हमें हिन्दू राष्ट्र बनाना है। यदि कोई भजन की लाइन को कैच करता है तो यह सही नहीं है। हिन्दू राष्ट्र को लेकर भी पंडित मिश्रा ने कहा कि भारत देश हमेशा हिन्दू राष्ट्र रहा है और आगे भी रहेगा। यहां रहने वाले हर धर्म के लोग हिन्दू राष्ट्र का ही हिस्सा हैं।

गुलामी देने के लिए बने हैं कॉन्वेंट स्कूल

पंडित मिश्रा ने बच्चों को स्कूल न भेजने के सवाल पर कहा कि वे कॉन्वेंट स्कूल के खिलाफ हैं। अंग्रेजों ने जो कान्वेंट स्कूल बनाएं हैं वे गुलाम बनाने के लिए हैं। भारत में गुरुकुल होते हैं जो राज सिंहासन पर बैठाना सिखाते हैं। राजगद्दी तक पहुंचाने का रास्ता हमारे गुरुकुल हैं। छत्तीसगढ़ की नक्सल समस्या को लेकर उन्होंने कहा कि यह लोग जो काम कर रहे हैं वह तोड़ने का काम है। हमारे सैनिक व पुलिस कर्मी यदि इनके निशाने पर हैं तो इनके पीछे पूरा परिवार है तो इसका खामियाजा भुगतता है। यही प्रयास करना चाहिए कि अपने जीवन को अच्छा बनाएं।


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