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रीपा से मिले सहयोग से महिलाएं गलीचा बुनकर जीवन का ताना बाना करेंगी मजबूत

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अम्बिकापुर। ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देने शुरू की गई रीपा योजना के द्वारा जिला प्रशासन द्वारा मुहैया कराए गए सुविधाओं से महिलाओं के हौसले बुलंद है। लुण्ड्रा जनपद के बटवाही गोठान में रीपा के तहत गलीचा बुनाई केंद्र शुरू किया गया है जिसमें समूह की महिलाओं के लिए सुविधायुक्त वर्किंग शेड उपलब्ध कराया गया है। इस वर्किंग शेड में बुने गए गलीचों की बिक्री से महिलाओं को आय अर्जित होगी जिससे वे अपने जीवन का ताना-बाना मजबूत कर पाएंगी।

छत्तीसगढ़ हस्तकला बोर्ड एवं बिहान के द्वारा महिलाओं को गलीचा बुनाई का प्रशिक्षण दिया गया है। शुरुआत में कच्चा माल भी उपलब्ध कराया गया है। रीता स्व सहायता समूह के सदस्यों द्वारा यहां गलीचा निर्माण का कार्य शुरू किया गया है। समूह की सदस्य श्रीमती कमला साय ने बताया कि शासन द्वारा रीपा शुरू कर महिलाओं को उद्यमी बनने का बहुत अच्छा अवसर दिया है। अब महिलाएं केवल घर के काम तक ही सीमित नहीं रहेंगी बल्कि बाहर निकलेंगी तो उन्हें रोजगार मिलेगा। अतिरिक्त आय से घर-परिवार खुशहाली होगा। उन्होंने बताया कि गलीचा बुनाई का प्रशिक्षण मिलने के बाद अब स्वयं गलीचा का निर्माण कर रहे हैं। एक गलीचा करीब 2200 रुपये तक में बिक्री होगा।

कलेक्टर कुन्दन कुमार ने बताया कि प्रत्येक विकासखण्ड में 2-2 गोठानों को  रीपा हेतु चयन किया गया है। उद्यमियों की सुविधा के लिए रीपा में प्रशासनिक भवन, भण्डारण कक्ष, वर्किंग शेड का निर्माण कराया गया है। शासकीय संस्थाओं सहित निजी संस्था या व्यक्ति भी रीपा में उद्यम स्थापित कर सकता है। रीपा आने वाले समय मे जीविकोपार्जन का केंद्र बनेगा। उन्होंने बताया कि रीपा में स्थानीय कच्चा माल की उचित प्रोसेसिंग के साथ  पैकेजिंग, ब्रांडिंग भी किया जाएगा तथा सी-मार्ट में बिक्री के लिए उपलब्ध रहेगा।

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