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तीन छात्राओ ने मिलकर बनाया हाइटेक जूता, राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर किया गया लांचिंग

जूते से होगा मोबाइल चार्ज, एलईडी बल्ब भी जलेगी यही नहीं महिला सुरक्षा व सैनिकों के सुरक्षा के लिए भी कारगर

पिथौरा /- महासमुंद जिले के पिथौरा के संस्कार शिक्षण संस्थान के तीन विद्यार्थियों ने युवा वैज्ञानिक गौरव चन्द्राकर के नेतृत्व में ऐसे जूता का अविष्कार किया है। जिसमें मोबाइल चार्ज किया जा सकेगा। इतना ही नहीं बल्कि बिजली भी मिल सकेगी। जी हां, पढ़ने में अजीब सा जरूर लग रहा है लेकिन इस बात को सच कर दिखाया है। महासमुंद जिले के तीन छात्राओं ने जिसमें पिथौरा कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के कक्षा ग्यारहवीं साइंस में पढ़ने वाली कुमारी अलीबा भोई ,मेघा सिन्हा ,प्रीति चौहान छात्रों ने आज 28 फरवरी राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर बहुउद्देश्यीय हाईटेक जूता बनाकर जिला को गौरवान्वित किया है।


इस हाईटेक जूते की खासियत एक नहीं अपितु अनेक है। पहला जूते से मोबाइल व अन्य इलेक्ट्रॉनिक चीजें आसानी से चार्जिंग कर सकते हैं,दूसरा महिलाओं की सुरक्षा के लिए भी काफी कारगर है ।इस स्मार्ट जूता से महिलाओं के साथ अगर किसी प्रकार की अनहोनी घटना हो रही हो तो इस जूते में दो सिस्टम के जरिए काम करेगी।, एक सामने वाले को करंट झटका देकर कर उनसे दूरी बना सकते हैं । साथ ही इसमें एक जीपीआरएस सिस्टम भी लगा हुआ है जिससे अनहोनी की घटना की जानकारी नजदीकी पुलिस थाना और अपने परिवार में भी दुनिया के कोई भी कोने से मोबाइल एसएमएस के जरिए खबर कर सकते हैं। जिससे महिलाओं के ऊपर होने वाली अनहोनी घटनाओं को काफी हद तक रोका जा सकता है।

मोबाइल की चार्जिंग लो होने पर भटकने की जरूरत नहीं है, जूते से होगा चार्जिंग।

इस हाईटेक जूता से मोबाइल चार्ज होने के साथ ही 3 .5 पावर की एलईडी बल्ब भी जलेगा। बाल वैज्ञानिक अपने इस मॉडल को पूरे 6 महीने की मेहनत से 28 फरवरी राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर अपने मार्गदर्शक शिक्षक युवा वैज्ञानिक गौरव चंद्राकर व जी एम साहू के निर्देशन में मल्टीपर्पज हाईटेक जूता का लांचिंग किया गया है। लांचिंग कार्यक्रम में मुख्य रूप से शिवानंद तिवारी थाना प्रभारी पिथौरा, द्वारका पटेल सहायक विकास खंड शिक्षा अधिकारी पिथौरा ,एफ ए नंद परियोजना अधिकारी साक्षरता पिथौरा, मुख्य रूप से उपस्थित थे इस जादुई जुता पूरा वेट पीजों सिस्टम से कार्य करती है, जो जूते के नीचे तलवे में लगी रहती है।जैसे हीं इस जुते को पहनकर हम चलते हैं ,तो पैर की दबाव से इलेक्ट्रिसिटी प्रोड्यूस होती है जिसे बैटरी एकत्रित करके रखतीं हैं।इसके साथ ही इसमें इन्वर्टर सर्किट लगा है जो 3.6 बोल्ट की विद्युत ऊर्जा को पांच बोल्ट में परिवर्तित करता है। जूते के आगे एक एलईडी लगाई गई है जो रात को उजाले के लिए उपयोग में लाई जा सकती है।जूते के बाहर एक यूएसबी बोर्ड लगा है,जिससे मोबाइल और विद्युत उपकरणों को चार्ज किया जा सकता है। जूते का डिजाइन इस प्रकार तैयार किया गया है कि सारे सर्किट जूते के तला में फिट हो जाये। जब कोई भी आदमी जूता पहनकर चलेगा तो उसके तले में लगाया वेट पीजों सिस्टम से बिजली पैदा होगी।

इन्वर्टर के माध्यम से बिजली तले में लगी बैटरी में संरक्षित होती रहेगी।

सेना के जवानों के लिए होगा उपयोगी

मार्गदर्शक शिक्षक गौरव चंद्राकर ने बताया कि इस हाईटेक जूते को खास तौर पर सेना के जवानों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। क्योंकि सैनिक कई दिनों तक सीमा में जंगलों व सुदुर क्षेत्रों में रहते हैं, जहां बिजली की कोई व्यवस्था नहीं हो पाती है। ऐसे में इस बहुद्देश्यीय जूते से आसानी से मोबाइल चार्जिग कर सकते हैं। जूते के आगे लगी एलईडी के प्रकाश से रात में आसानी से कांबिंग की जा सकती है। साथ ही मोबाइल वायरलेस लैपटॉप को आसानी से चार्ज किया जा सकता है।

महिला सुरक्षा पर स्मार्ट जूता की कार्यप्रणाली पर गौरव चंद्राकार उनके साथ कार्यरत बाल वैज्ञानिक अलीभा ने बताया आगे बताया कि आजकल, महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा हमारे समाज का एक प्रमुख मुद्दा है। दिन प्रतिदिन महिला व बच्चीयो के साथ अत्याचार बढ़ती जा रही है।कई दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं नियमित रूप से घटित हो रही हैं।जिसकी सुरक्षा को ध्यान में रखकर ही इसमें ऐसे सिस्टम लगाया गया है कि किसी हमले या अप्रिय घटना के समय संबंधित परिवार व पुलिस को सूचित किया जा सके। जिसे हर जगह आसानी से ले जाया जा सकता है। साथ ही तकनीक के इस युग में, मोबाइल फोन उन गैजेट्स में से एक है जिसका उपयोग लगभग हर परिवार और दोस्तों के संपर्क में रहने के लिए करता है। इस सिस्टम में ऐसे हाईटेक डिवाइस से डिज़ाइन किया गया है जिसे मॉडल महिलाओं के जूते के अंदर रखने के लिए एक माइक्रोकंट्रोलर आधारित हाईटेक डिवाइस व विशेष रूप से महिलाओं की सुरक्षा के लिए एंड्रॉइड एप्लिकेशन का उपयोग करता है। जब भी आवश्यकता हो, इस ऐप को बटन के एक क्लिक से सक्रिय किया जा सकता है। खतरे की स्थिति में पीड़िता को केवल जूता पर लगे स्विच को दबाने की जरूरत है।यह ऐप जगह की पहचान करता है, और जूते के तलवे में लगा कटिंग तारों से झटका देने के साथ ही तदनुसार सहेजे गए संपर्कों को एक संदेश भेजती है। तथा सहेजे गए आपातकालीन नंबरों पर कॉल भी करती है। और मैसेज भी जाता है इस एप्लिकेशन की अनूठी विशेषता यह है कि उपयोगकर्ता चयनित संपर्क नंबर को संशोधित और सहेज सकता है । पांच मिनट के अंतराल के साथ कम से कम तीन बार सभी संपर्कों को कॉल और संदेश भेजती है।युवा वैज्ञानिक गौरव चंद्राकार द्वारा लगातार बाल वैज्ञानिकों की पहचान कर नये नये युक्तियां बनाने में लगे हुए हैं। तथा नगर व जिला का नाम राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रौशन कर रहे हैं। इसके पूर्व में भी नींद या झपकी आने के कारण होने वाली रोड़ एक्सटेंड को रोकने के लिए स्मार्ट चस्मा बना जा चुके है। इस उपलब्धि के लिए संस्कार शिक्षण संस्थान की संचालिका श्रीमती सीमा चंद्राकर ,विद्यालय के प्राचार्य आसाराम बरिहा, व्याख्याता शिक्षक अमृत लाल पटेल सहित कन्या विद्यालय एवं संस्कार शिक्षण संस्थान के समस्त शिक्षक गणों ने बच्चों को बधाई प्रेषित किए हैं

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