नई दिली: दिल्ली के रामलीला मैदान में जमीयत उलेमा-ए-हिंद का 34वां सत्र शुरू हो चुका है. इसकी अध्यक्षता जमीयत चीफ मौलाना महमूद मदनी कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने कहा कि, ‘RSS और BJP से हमारी कोई मजहबी अदावत नहीं है. हमारे नज़र में हिंदु व मुसलमान बराबर हैं,हम इंसान के दरमियान कोई फर्क नहीं करते हैं. जमियत ए उलेमा की पॉलिसी रही है कि भारत के तमाम शहरी बराबर हैं, इनके बीच भेदभाव नहीं होना चाहिए.
जमीयत चीफ मौलाना महमूद मदनी आगे कहा कि, ‘हम RSS और उसके सर संघचालक को न्योता देते हैं, आइए आपसी भेदभाद व दुश्मनी को भूलकर एक दूसरे को गले लगाए और देश को दुनिया का सबसे शक्तिशाली मुल्क बनाए. हमें सनातन धर्म के फ़रोग़(रोशनी) से कोई शिकायत नहीं है,आपको भी इस्लाम के फ़रोग़ से कोई शिकायत नहीं होनी चाहिए.
दरअसल, देश के अलग-अलग राज्यों में ठीक विधानसभा चुनाव से पहले और यूनिफॉर्म सिविल कोड से ठीक पहले जमीयत ने यह अधिवेशन बुलाया है. इसमें समाज के प्रतिष्ठित उलेमा और नुमाइंदे यूनिफॉर्म सिविल कोड समेत कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं.
बता दें कि शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई के मारोल में शुक्रवार को अल जामिया-तुस-सैफियाह (सैफ अकादमी) के नए परिसर का उद्घाटन किया. इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि, ‘देश आज़ादी के अमृत काल की यात्रा शुरू कर रहा है,तो शिक्षा के क्षेत्र में बोहरा समाज के इस योगदान की अहमियत बढ़ जाती है. उन्होंने आगे कहा कि, ‘जब आप मुंबई,सूरत जाएं तो दांडी जरूर जाइएगा. दांडी यात्रा गांधी जी की आज़ादी की लड़ाई में एक मोड़ था. नमक सत्याग्रह से पहले गांधी जी दांडी में आपके घर रुके थे.