सीबीआई ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में रविवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से दूसरे दौर की पूछताछ के बाद शाम को गिरफ्तार कर लिया। वहीं मनीष सिसोदिया को सोमवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। इससे पहले राज घाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के बाद सिसोदिया भारी-भरकम बैरिकेड्स वाले सीबीआई कार्यालय पहुंचे थे। सीबीआई की प्राथमिकी में आरोपी नंबर एक सिसोदिया से पहले 17 अक्टूबर को पूछताछ की गई थी।
क्यों हुई मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी?
मनीष सिसोदिया पर सबूतों को नष्ट करने का आरोप लगा है। इतना ही नहीं इस मामले में एक ब्यूरोक्रैट ने सिसोदिया के खिलाफ बयान भी दिया है। उसके बयान को आईपीसी की धारा 164 तहत दर्ज किया गया है। सिसोदिया पर आईपीसी की धारा 120-B (आपराधिक साजिश), 477 -A (धोखाधड़ी करने का इरादा) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा-7 के तहत गिरफ्तार किया गया है। सूत्रों के मुताबिक सीबीआई को इस मामले में सिसोदिया के खिलाफ कई डिजिटल सबूत हाथ लगे हैं। इसमें वॉट्सएप चैट से लेकर कई फोन के आईएमईआई नंबर मिले हैं जिन्हें सिसोदिया इस्तेमाल कर रहे थे। इन सबूतों को पूछताछ के दौरान सिसोदिया के सामने भी रखा गया जिनका वह जवाब नहीं दे पाए।
पॉलिसी में क्यों किया गया बदलाव?
सीबीआई ने सिसोदिया से जब पूछा कि शराब नीति में आखिर बदलाव क्यों किया गया और इनकी जरूरत क्यों पड़ी तो इसका वह जवाब नहीं दे पाए। शराब नीति में कुछ ऐसे प्रावधान जोड़े गए थे जो पहले मसौदे का हिस्सा ही नहीं थे। कई प्रावधानों को लेकर तो ना नीति को लागू करने से पहले कोई चर्चा की गई और ना ही फाइलों में इसका कोई रिकॉर्ड मिला।
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि दिल्ली सरकार 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति लेकर आई थी। हालांकि विवाद बढ़ने के बाद इसे कुछ समय बाद रद्द कर दिया गया था। इस नीति में सरकार ने शराब की बिक्री से खुद को बाहर कर लिया था और केवल निजी दुकानों को ही इसे बेचने की इजाजत दी गई। इसके तहत राजधानी में 32 जोन बनाए गए और हर जोन में ज्यादा से ज्यादा 27 दुकानें खुलनी थीं। इस तरह से कुल मिलाकर 849 दुकानें खुलनी थीं। आबकारी विभाग मनीष सिसोदिया के पास है। इसलिए इस पॉलिसी के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया गया। इस नीति के तहत दिल्ली में शराब की होम डिलीवरी और दुकानों को सुबह 3 बजे तक खुले रहने की भी अनुमति दी गई। इस नीति में लाइसेंसधारियों को शराब पर असीमित डिस्काउंट की भी छूट दी गई। जिस एल-1 लाइसेंस के लिए पहले ठेकेदारों को 25 लाख देना पड़ता था, नई शराब नीति लागू होने के बाद उसके लिए ठेकेदारों को पांच करोड़ रुपये चुकाने पड़े। नई शराब नीति से जनता और सरकार दोनों को नुकसान होने का आरोप है।
मनीष सिसोदिया कि गिरफ्तारी के बाद आप के राज्यसभा सांसद ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने तानाशाही की हद कर दी। अडानी के खिलाफ किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। संजय सिंह ने कहा कि अरविंद केजरीवाल से बीजेपी को डर लगता है। उसके मॉडल से डर लगता है। मोदी जी आपकी तानाशाही का अंत जरूर होगा।
इससे पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने आशंका जताई थी कि मनीष सिसोदिया को रविवार को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। आम आदमी पार्टी की तरफ से कहा गया था कि मनीष सिसोदिया की तरफ से जांच में पूरा सहयोग किया जाएगा। सीबीआई की तरफ से कहा गया है कि मनीष सिसोदिया जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे, इस कारण उन्हें गिरफ्तार करना पड़ा। शनिवार को आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने कहा था कि मनीष सिसोदिया सीबीआई मुख्यालय जाएंगे और जांच में पूरा सहयोग करेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि बीजेपी आज तक एक रुपये का भी भ्रष्टाचार साबित नहीं कर पाई है।