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शीत लहर के कारण होने वाली मौसमी बीमारियों से बचाव के लिये बरते सावधानी

दुर्ग। शीत लहर के कारण मौसमी बीमारियां जैसे उल्टी-दस्त, स्वाइन फ्लू व कोविड जैसे बीमारियों की बढ़ने की संभावना बढ़ सकती है। शीत लहर के कारण सर्दी, खाँसी, जुखाम व बुखार जैसे लक्षण हो सकते है। शीत लहर से बचाव के लिए विशेष सावधानी रखें जैसे गर्म कपड़े, स्वेटर, उनी कपड़े, टोपी एवं मफलर, कंबल, अलाव, नियमित रूप से गर्म तरल पदार्थों का सेवन करे तथा शरीर का तापमान संतुलित बनाये रखने के लिए स्वास्थ्यवर्धक, ताजा, गर्म और स्वस्थ भोजन एवं विटामिन से भरपूर फलों एवं सब्जियों का सेवन करें साथ ही बासी भोजन लेने से परहेज करें एवं सड़े गले एवं ठण्डे पदार्थों के सेवन करने से बचें।

मौसम से संबंधित समाचार एवं संदेशों को सुनकर अनुसरण करें। बुजुर्ग एवं बच्चों की विशेष देखभाल करें यथासंभव हो सके तो उन्हें घर पर ही रखें। स्वास्थ्य केंद्रों के अंतःरोगी कक्ष में विशेष तौर पर शिशुरोग वार्ड, प्रसव कक्ष तथा रैन बेसरों में रोगियों एवं आमजनों के लिए पर्याप्त मात्रा में चादर, कंबल एवं गर्म कपड़े उपलब्ध कराए। सर्दी, खाँसी, बुखार एवं स्वांस लेने में परेशानी के मरीज स्वास्थ्य केन्द्रों में जाकर नियमित रूप से आवश्यक जाँच करावें एवं चिकित्सक अथवा स्वास्थ्य कार्यकर्ता के सलाह से दवाईयों का सेवन करें। जिससे शीत लहर के कारण होने वाले मौसमी बीमारियों से बचा जा सके।

सर्दी से संबंधित कोई प्रभाव शरीर पर दिखाई दे, जैसे नाक-कान, पैर हाथ की उंगलियां आदि लाल हो जाएं, अत्यधिक कांपना, सुस्ती कमजोरी, सांस लेने में तकलीफ हो तो तत्काल स्थानीय चिकित्सक से परामर्श लें। तबियत ठीक न हो तो आवश्यकतानुसार ही जरूरी कार्य के लिए ही घर से बाहर जायें। ताजा व गर्म भोजन तथा पेय पदार्थ का सेवन करें। धुम्रपान, कोल्डड्रिंक एवं व्यसन आदि से परहेज करें। नियमित रूप से व्यायाम, योग करते रहें एवं पौष्टिक व सुपाच्य भोजन करें। भीड़-भाड़ वाली जगह में जाने से बचें एवं मास्क का उपयोग करें। मौसम से संबंधित समाचार सुनें तथा आसपास कहीं भी एकसाथ बहुत से ज्यादा लोग बीमार हो रहें तो तुरंत स्वास्थ्य संबंधी सलाह व सूचना के लिए टोल फ्री नंबर 104 पर डायल करें।

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