रायपुर। मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने सभी कलेक्टर्स को निर्देश दिए हैं कि वे अपने जिले के मिलर्स की बैठक लेकर उपार्जन केन्द्रों से धान उठाव और भारतीय खाद्य निगम और नागरिक आपूर्ति निगम में चावल जमा करने की लगातार मॉनिटरिंग करें। मुख्य सचिव आज यहां मंत्रालय महानदी भवन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य में खरीफ वर्ष 2022-23 में धान खरीदी के संबंध में कमिश्नर और कलेक्टरों की बैठक में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की समीक्षा कर रहे थे। मुख्य सचिव ने ग्रामीण औद्योगिक पार्क (रीपा), गोबर पेंट के उत्पादन एवं उपयोग की प्रगति, खेतों में से किए पैरा दान को शीघ्र गौठान पहुंचाने, जिलों में भू नक्शों के जिओ रिफ्रेंसिंग, मिलेट्स मिशन, आकांक्षी ब्लॉक प्रोग्राम सहित अन्य योजनाओं के प्रगति की समीक्षा की।
मुख्य सचिव ने
खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 की धान खरीदी की समीक्षा करते हुए कलेक्टरों से कहा कि
सभी जिलों में धान खरीदी की प्रक्रिया सफलता पूर्वक बहुत अच्छे से की जा रही है।
मुख्य सचिव ने शीघ्र ही धान का उठाव, मिलर्स द्वारा कस्टम मिलिंग करने और मिलिंग के बाद चावल को नागरिक
आपूर्ति निगम और भारतीय खाद्य निगम में जमा कराये जाने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने धान खरीदी के अंतिम दिवस पर सभी खरीदी केन्द्रों का भौतिक सत्यापन पूरी
सतर्कता से करने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि हमने धान खरीदी कार्य में
राज्य के किसानों को सर्वोपरि रखा और आगे भी किसानों के हितों को प्राथमिकता दी
जाएगी।
बैठक में खाद्य
सचिव ने जानकारी दी कि धान खरीदी के 110 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी के लक्ष्य के
विरूद्ध करीब 86 प्रतिशत धान की खरीदी की जा चुकी है। जिसमें से 75 लाख मीट्रिक टन
धान का उठाव किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि अब तक करीब पंजीकृत 87 प्रतिशत
किसानों ने अपना धान खरीदी केन्द्रों में बेच दिया है। मुख्य सचिव ने ग्रामीण
औद्योगिक पार्क (रीपा) की समीक्षा करते हुए सभी जिले के कलेक्टरों को निर्देश दिए
है कि वे अपने जिलों में 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर कम से कम एक रीपा का
लोकार्पण अवश्य करवायें। इसके लिए समुचित कार्यवाही सुनिश्चित कर ले।
उन्होंने
कलेक्टरों और संभागायुक्तों को ग्रामीण औद्योगिक पार्कों की स्थापना तेजी से करने
के निर्देश दिए है। इसी तरह से जैन ने कहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की
मंशानुसार शासकीय कार्यालय भवनों,
स्कूल आंगनबाड़ी में गोबर पेंट से पोताई कराने के कार्य को वरीयता
दें। इसके लिए सभी कलेक्टर्स अपने चिन्हित गौठानों में गोबर पेंट इकाई की स्थापना
शीघ्र करें। बैठक में बताया गया कि रायपुर, कांकेर और दुर्ग जिले में गोबर पेंट इकाईयों की स्थापना की जा चुकी
है और गोबर पेंट का उत्पादन प्रारंभ कर दिया गया है। शासकीय भवनांे में भी गोबर
पेंट से पोताई प्रारंभ कर दिया गया है। इसके अलावा प्रदेश के अन्य जिलों में गोबर
पेंट इकाईयों की स्थापना गौठानों में तेजी की जा रही है। किसानों द्वारा अपने
खेतों से स्वेच्छा अनुसार पैरा दान किया जा रहा है। खेतों में एकत्रित पैरा का
गौठानों तक परिवहन में तेजी लायी जाए।
मुख्य सचिव ने
कलेक्टरों को निर्देश दिए है कि वे अपने जिलों में भू नक्शों के जिओ रिफ्रेंसिंग
कार्य के लिए तहसीलदार, नायब
तहसीलदार, राजस्व
निरीक्षक और पटवारियों की वर्कशॉप आयोजित कर उन्हें विशेष प्रशिक्षण देकर भू
नक्शों के जिओ रिफ्रेंसिंग के कार्य में तेजी लाएं। मुख्य सचिव ने जिला अधिकारियों
से कहा कि यदि उनके जिले में स्थित लघु एवं मध्यम उद्योगों के उद्यमी भारत सरकार
के उद्यम पोर्टल में पंजीयन कराने चाहते
है तो उन्हें आवश्यक सहयोग एवं सलाह दें।
मुख्य सचिव ने कहा कि छत्तीसगढ़ में मिलेट्स वर्ष 2023 के पूर्व से ही शासन
द्वारा मिलेट्स मिशन शुरू कर दिया गया है और किसान अब व्यापक पैमाने पर मिलेट्स
फसलों का उत्पादन करने के लिए प्रेरित हुए हैं। उन्होंने कहा कि समाज के सभी
वर्गों को अपने भोजन में मिलेट्स का उपयोग जरूर करना चाहिए। उन्होंने कलेक्टरों से
इस दिशा में और प्रयास करने के निर्देश दिए।
इसी तरह से मुख्य सचिव ने सर्कुलर इकॉनामी और
महिला स्व सहायता समूहों को स्वच्छता के कार्यों के अलावा अस्पतालों के भोजन, फूड जोन के संचालन सहित पर्यटन जैसे
कार्यों से भी जोड़े जाने की जरूरत बताई। बैठक में कलेक्टरों से आकांक्षी ब्लॉक
कार्यक्रम के तहत की गई प्रगति की भी समीक्षा की गई। वीडियो कॉन्फ्रेंस से आयोजित
इस बैठक में कृषि विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, लोक निर्माण विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी, खाद्य विभाग के सचिव टोपेश्वर वर्मा, राजस्व विभाग के सचिव एन.एन.एक्का, योजना एवं आर्थिक सांख्यिकी एवं
सहकारिता विभाग के सचिव हिमशिखर गुप्ता, संचालक भू-अभिलेख रमेश शर्मा, मार्कफेड के प्रबंध संचालक मनोज सोनी सहित सभी संभागायुक्त एवं जिलों
के कलेक्टर एवं अन्य अधिकारी शामिल हुए