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अंधेरे में आई उम्मीदों की रोशनी... सुदूर वनांचल गांव पूटा के पहाड़ में आदिवासियों के घर बिजली से हुये रोशन

रायपुर। सुदूर वनांचल पूटा गांव के आदिवासी परिवारों के बच्चे अब केरोसिन की लाईट में पढ़ाई नहीं करेंगे। गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के सुदूर वनांचल क्षेत्र में पूटा के पहाड़ पर बसे विद्युत विहीन 7 आदिवासी परिवारों के घर क्रेडा के माध्यम से सौर बिजली की सविधा पहुंचने से उनका जीवन जगमगा उठा है। राज्य में पिछले चार सालों में दूरस्थ पहुंचविहीन 80 हजार से अधिक घरों में बिजली पहुंचायी गयी है।

उल्लेखनीय है कि भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान ग्राम कोटमी में 4 जुलाई को ग्राम पूटा के आदिवासी परिवारों ने बिजली की मांग की थी। इस मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने क्रेडा के अधिकारियों को निर्देशित किया था। मुख्यमंत्री के निर्देश पर क्रेडा ने पूटा गांव के सात आदिवासी परिवारों में सौर बिजली कनेक्शन पहुंचा दिया है।

बिजली कनेक्शन नहीं पहुचने के कारण पूटा गांव के आदिवासी परिवार अंधरे में गुजारा कर रहे थे। यह बात मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के संज्ञान में आने पर उनके निर्देश पर छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) द्वारा डीएमएफ मद से छह माह के भीतर सोलर होम संयंत्र स्थापित कर प्रकाश की व्यवस्था की गई। प्रत्येक संयंत्र में 5 नग एल.ई.डी. ट्यूब लाईट, 1 नग पंखा एवं मोबाइल चार्जर पोर्ट शामिल है। सोलर होम लाईट स्थापित होने से आदिवासी परिवार लाईट, पंखे की सुविधा के साथ ही रात में बच्चों को पढ़ने-लिखने के लिए केरोसिन का चिमनी-दीया नहीं जलाना पड़ेगा। सोलर लाईट से जहां उनके अजीविका में सुधार हुआ है, वहीं रात में रोशनी होने से जंगली जानवरों से वे सुरक्षा महसूस कर रहे हैं।

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