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अपने अधिकारों को प्राप्त करने के लिए विधिक रूप से जागरूक होना जरूरी : अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश टोप्पो

मुंगेली। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के दिशा-निर्देश के अनुसार जिले में 13 नवंबर तक कानूनी जागरूकता और आउटरीच के माध्यम से नागरिकों का सशक्तिकरण के संबंध में अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरविंद कुमार सिन्हा के नेतृत्व में और कलेक्टर राहुल देव मार्गदर्शन में आज जिला कलेक्टोरेट स्थित मनियारी सभाकक्ष में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वाधान में जिला स्तरीय मेगा विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।



अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रबोध टोप्पो ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि विधिक जागरूकता का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को कानून से संबंधित बातों से परिचित कराकर उनका सशक्तिकरण करना है। उन्होंने कहा कि विधिक सेवा कार्यक्रम के अंतर्गत न केवल कमजोर व्यक्तियों को विधिक सेवा उपलब्ध कराया जाना शामिल है, बल्कि सुदूर एवं ग्रामीण अंचलों में कैम्प लगाकर आम जनता को विभिन्न विधिक प्रावधानों से अवगत कराते हुए उन्हें विधिक रूप से साक्षर बनाना भी विधिक सेवा कार्यक्रम का एक अभिन्न अंग है, जिसे विधिक साक्षरता कार्यक्रम के रूप में जाना जाता है।

टोप्पो ने कहा कि नागरिकों को अपने अधिकारों को प्राप्त करने के लिए विधिक रूप से जागरूक होना जरूरी है। विधिक अज्ञानता के कारण लोग अपने अधिकारों से वंचित हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि यदि कोई गरीब व्यक्ति धनाभाव के चलते अपने मुकदमे की पैरवी नहीं कर पा रहा है या उसे वकील नियुक्त करने में परेशानी आ रही है तो वह जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में आवेदन कर सकता है, कुछ औपचारिकताओं को पूर्ण करने के बाद उसे प्राधिकरण की ओर से वकील मुहैया कराया जाता है। उन्होंने कहा कि हर जिले व हर तहसील में एक सेवा प्राधिकरण का स्थापना किया गया है, जहां किसी भी समस्या संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बलराम कुमार देवांगन ने कहा कि हम विधि के बारे में जितना ज्ञान रखेंगे, उतना ही हम अपना सर्वांगीण विकास कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि बच्चा जब पैदा होता है, तभी कानूनी प्रक्रिया से जुड़ जाता है। इसलिए सभी को अपने अधिकारों के प्रति सजग रहने की जरूरत है। उन्होंने संविधान में समान विधिक सेवा सभी नागरिकों को उपलब्ध कराने उल्लेखित अनुच्छेदों का जिक्र किया। व्यवहार न्यायाधीश लोकेश कुमार ने कहा कि विधिक जागरूकता का मुख्य उद्देश्य लोगों को दिए गए हक के प्रति जागरूक करना है। निःशुल्क विधिक सेवा सभी नागरिकों का अधिकार है और प्रयास है कि सभी नागरिकों को इसकी जानकारी हो। 

जिला पंचायत के सीईओ डी. एस. राजपूत ने कहा कि वंचितों को आर्थिक एवं सामाजिक न्याय दिलाने के लिए जागरूकता और आउटरीच अभियान एक अभिनव पहल है। उन्होंने कहा कि इसी कड़ी में जिला स्तरीय मेगा विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। यह काफी सहयोगी साबित होगा।स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में ‘‘हक हमारा भी तो है’’ के तहत जिला स्तरीय मेगा विधिक जागरूकता शिविर में शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा 13 हितग्राहियों को आयुष्मान कार्ड

राजस्व विभाग द्वारा 13 विद्यार्थियों को जाति, निवास एवं आय प्रमाण पत्र, जनपद पंचायत लोरमी द्वारा 03 हितग्राहियों को नवीन जाॅब कार्ड, कृषि विभाग द्वारा 10 हितग्राहियों को मिनी किट, समाज कल्याण विभाग द्वारा 07 हितग्राहियों को व्हील चेयर और ट्रायसायकल, खाद्य विभाग द्वारा 09 हितग्राहियों को राशनकार्ड और मछलीपालन विभाग द्वारा 07 हितग्राहियों को जाल, आईस बाॅक्स एवं प्लेक्टान ग्रोवर प्रदान किया गया। इस अवसर पर संयुक्त कलेक्टर नवीन भगत, एसडीएम मुंगेली सुश्री आकांक्षा शिक्षा खलखो सहित संबंधित विभाग के अधिकारी और बड़ी संख्या में हितग्राही उपस्थित थे। मंच संचालन शिक्षक रामपाल सिंह ने किया।

 

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