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महासमुन्द विधायक के 'चंदू चाचा' गिरफ्तार, आदिवासी पिता-पुत्र से मारपीट का है आरोप !

रायपुर। महासमुन्द विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक और छत्तीसगढ़ सरकार में संसदीय सचिव विनोद सेवनलाल चंद्राकर के चाचा चंद्रपाल चंद्राकर उर्फ 'चंदू चंद्राकर' को पुलिस ने देर रात गिरफ्तार किया है। मामला एक आदिवासी परिवार के साथ कथित ज्यादती और मारपीट करने का है। सत्ता पक्ष से जुड़ा प्रकरण होने से पुलिस इस मामले में मीडिया को कुछ भी जानकारी देने से कतरा रही है। बहरहाल, नाम नहीं छापने की शर्त पर एक पुलिस अधिकारी ने केवल इतना कहा कि विधायक श्री चंद्राकर बहुत संवेदनशील व्यक्ति हैं। उन्होंने न्यायहित में अपने चाचा की गिरफ्तारी पर भी किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं किया। इस तरह सिद्धांतवादी जनप्रतिनिधि का प्रशासन को सहयोग मिलने से ही हम गांव के संवेदनशील मामले में गिरफ्तारी कर पाए हैं।

पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सामने प्रदर्शन करते ग्रामीण

इधर, ग्रामीणों का आरोप है कि विधायक के चाचा ने कथित तौर पर पुलिस के साथ मिलीभगत कर नाबालिग आदिवासी लड़के की बेदम पिटाई कर दी है। इतना ही नहीं नाबालिग लड़के के पिता से भी कथित तौर पर मारपीट की गई है। समूचा मामला महासमुंद जिले के बकमा गांव का है। इस मामले को लेकर सर्व आदिवासी समाज और ग्रामीणों में गहरी नाराजगी है। 

Video: आक्रोशित ग्रामीण कलेक्टोरेट में प्रदर्शन करते हुए


जनाक्रोश को दबाने रातोंरात हुई गिरफ्तारी


मामले के जानकार सूत्र बताते हैं कि जन दबाव बढ़ने पर पुलिस ने विधायक के चाचा को 12 सितम्बर की रात में प्रतिबंधात्मक कार्यवाही करते हुए धारा 151 के तहत गिरफ्तार किया। घटना 10 सितम्बर की है।  गांव में गणेश विसर्जन का कार्यक्रम चल रहा था। ट्रैक्टर से ग्रामीण युवक गणेश मूर्ति का विसर्जन करने जा रहे थे। इसी बीच विधायक के चाचा चंदू चंद्राकार बकमा से होकर गुजर रहे थे। तब चंदू ने रास्ता छोड़कर जुलूस निकालने की बात कही। गांव वालों ने थोड़ा ही समय में रास्ता क्लियर हो जाने की बात कही। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार इसी बात को लेकर वहां तनातनी का माहौल बन गया। तब चंदू चंद्राकर विधायक के चाचा होने का रौब जमाकर कथित तौर पर ग्रामीणों को धमकाने लगे। 
Video: आक्रोशित ग्रामीण कलेक्टोरेट में प्रदर्शन करते हुए



पुलिस के सामने ही जमकर पिटाई !

ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस को किसी नेता ने फोन करके गांव भेज दिया। गांव के कुछ लोगों को सिटी कोतवाली ले आए और पुलिस के सामने ही जमकर पिटाई करने लगे। पुलिस के सामने ही नाबालिग और उसके पिता से कथित तौर पर मारपीट किया गया। आदिवासी नाबालिग बालक ने आरोप लगाया है कि विधायक के चाचा के साथ ही पुलिस ने भी उससे मारपीट की है। इस बात की जानकारी ग्रामीणों को हुई तो वे आक्रोशित हो गए और पुलिस अधीक्षक कार्यालय का घेराव करने पहुंच गए। 

12 सितम्बर की रात 10 बजे तक ग्रामीण एसपी ऑफिस के सामने नारेबाजी करते रहे। बाद में सिटी कोतवाली महासमुन्द पहुंचकर प्रदर्शन करने लगे। जन दबाव बढ़ने पर पुलिस ने विधायक के चाचा को रात में ही प्रतिबंधात्मक कार्यवाही करते हुए धारा 151 के तहत गिरफ्तार किया। तब जाकर ग्रामीण गृहग्राम बकमा लौटे। पुलिस की कार्यप्रणाली पर उंगली उठाते हुए ग्रामीणजन  सत्ता पक्ष के दबाव में काम करने की बात कह रहे हैं। वहीं आदिवासी समुदाय के साथ ज्यादती करने का आरोप लगा रहे हैं। बहरहाल, इस मामले को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही है। पुलिस की पक्षपातपूर्ण  कार्यप्रणाली के विरुद्ध आदिवासी नेताओं ने मोर्चा खोल दिया है। 
 

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