नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज नीति आयोग की सातवीं शासी परिषद की बैठक की अध्यक्षता की। राष्ट्रपति भवन में आयोजित इस बैठक का उद्देश्य केन्द्र तथा राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों के बीच सहयोग का नया युग शुरू करने के लिए माहौल बनाना था। कोविड महामारी के पश्चात देश के अमृत काल में प्रवेश करने और अगले साल जी-ट्वेंटी की अध्यक्षता भारत को मिलने और इसकी बैठक आयोजित करने के संदर्भ में यह बैठक महत्वपूर्ण थी। सूत्रों के अनुसार छत्तीसगढ़ के गोधन न्याय योजना की प्रधानमंत्री ने सराहना की।
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी शामिल हुए। बैठक में मुख्यमंत्री ने राज्य से जुड़ी विभिन्न योजनाओं और विषयों पर अपनी बातें रखीं। मुख्यमंत्री ने शहरों के पास स्थित ग्रामीण क्षेत्रों और बीस हजार से कम आबादी के शहरों में मनरेगा लागू किए जाने का सुझाव दिया। उन्होंने बैठक में जीएसटी क्षतिपूर्ति का मुद्दा भी उठाया। मुख्यमंत्री ने जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान को दो हजार बाईस के बाद भी आगामी पांच वर्षों के लिए जारी रखने की मांग की। साथ ही बघेल ने केंद्रीय बजट में छत्तीसगढ़ को केंद्रीय करों के हिस्सों की पूरी राशि दिए जाने की बात भी कही। उन्होंने माओवादी उन्मूलन के लिए राज्य में केंद्रीय बलों की तैनाती पर हुए सुरक्षा व्यय ग्यारह हजार आठ सौ अट्ठाईस करोड़ रूपये को केन्द्र सरकार द्वारा वहन करते हुए राज्य को बकाया राशि से मुक्त किए जाने का आग्रह किया।