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राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ की नीतियों को फिर मिला सम्मान

रायपुर. छत्तीसगढ़ की नीतियों को एक बार फिर केन्द्र सरकार ने सराहा है। केन्द्रीय उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग द्वारा आज स्टेट्स स्टार्टअप रैंकिंग की घोषणा की गई. केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल द्वारा नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ को प्रदेश में स्टार्टअप्स ईकोसिस्टम के विकास हेतु एस्पायरिंग लीडर के रूप में सम्मानित किया गया.


मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने इस उपलब्धि के लिए उद्योग विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को बधाई दी है. गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ की वर्तमान औद्योगिक नीति 2019-24 के अंतर्गत स्टार्टअप इकाइयों को लाभान्वित करने हेतु स्टार्टअप पैकेज लागू किया गया है. राज्य में कुल 748 स्टार्टअप पंजीकृत है. एस्पायरिंग लीडर के रूप में छत्तीसगढ़ को प्रदान किए गए प्रशस्ति पत्र में यह उल्लेख किया गया है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए कई सराहनीय पहल की गई है. 


जिनमें स्टार्टअप पॉलीसी की स्थापना, स्टार्टअप्स के लिए करों में छूट और अनुदान का प्रावधान और इन्क्यूबेटर्स की स्थापना और उनका उन्नयन प्रमुख पहल है. इन्क्यूबेटर्स के माध्यम से स्टार्टअप्स के लिए को-वर्किंग स्पेस, मेंटरशिप, फंडिंग और प्रौद्योगिकी सपोर्ट के प्रावधान किए गए हैं. 
केन्द्रीय मंत्री द्वारा स्टार्टअप क्षेत्र में विशेष योगदान हेतु छत्तीसगढ़ के तीन अधिकारियों अनुराग पांडेय, विशेष सचिव वाणिज्य एवं उद्योग विभाग, प्रवीण शुक्ला अपर संचालक उद्योग, एवं श्रीमती सुमन देवांगन सहायक संचालक को सम्मानित किया गया.

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक नीति- 2019-24 के अंतर्गत स्टार्टअप इकाईयों को प्रोत्साहित करने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य स्टार्टअप पैकेज लागू किया गया है. भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त इकाईयों को छत्तीसगढ़ में स्थापित होने पर विशेष प्रोत्साहन पैकेज घोषित किया गया है. पैकेज के तहत ब्याज अनुदान अधिकतम 70 प्रतिशत अधिकतम 11 वर्ष के लिए, स्थायी पूंजी निवेश अनुदान अधिकतम 55 प्रतिशत, नेट एसजीएसटी प्रतिपूर्ति अधिकतम 15 वर्ष तक, 



विद्युत शुल्क छूट अधिकतम 10 वर्ष तक एवं पात्रता अनुसार औद्योगिक नीति 2019-24 में उल्लेखित अन्य अनुदान जैसी भू-प्रब्याजी में छूट, स्टाम्प शुल्क छूट, परियोजना प्रतिवेदन में छूट आदि की सुविधा प्रदान की जाती है. स्टार्टअप को तीन वर्षों तक भवन किराए का 40 प्रतिशत, जिसकी अधिकतम सीमा 8 हजार रूपए प्रति माह प्रतिपूर्ति दी जा रही है और स्टार्टअप इकाईयों द्वारा सेमिनार, वर्कशॉप, संगोष्ठी, प्रदर्शनी में भाग लिए जाने पर 50 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति, जिसकी अधिकतम सीमा एक लाख रूपए प्रति वर्ष होगी, दी जा रही है।

राज्य में स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने इन्क्यूबेटर की स्थापना के लिए किए जाने वाले व्यय का 50 प्रतिशत अधिकतम राशि 50 लाख रूपए एवं संचालन के लिए 3 लाख रूपए प्रति वर्ष अनुदान के रूप में दिया जा रहा है. औद्योगिक पुरस्कार योजना पुरस्कार योजना के अंतर्गत स्टार्टअप श्रेणी में भी पुरस्कार देने का प्रावधान किया गया है. प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कारों के रूप में क्रमशः 1,51,000 रूपए, 1,00,000 रूपए एवं 51,000 रूपए की राशि एवं प्रशस्ति पत्र देने का प्रावधान किया गया है.

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