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नॉन इंटरलॉकिंग काम के दौरान बड़ा हादसा, ट्रेन की चपेट में आने से रेलवे के क्षेत्रीय प्रबंधक की मौत

बिलासपुर-कटनी रेलमार्ग पर अनूपपुर-शहडोल के बीच चल रहे नान इंटरलॉकिंग काम के दौरान दर्दनाक हादसा हो गया।  दरअसल, दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे के बिलासपुर डिविजन में बैकुंठपुर में पदस्थ क्षेत्रीय प्रबंधक योगेंद्र सिंह भाटी की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 2018 बैच के भारतीय रेलवे सेवा के अधिकारी भाटी के आकस्मिक निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। CM बघेल ने उनके शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी शोक संवेदना प्रकट की है।

जानकारी के मुताबिक काम के दौरान एक ट्रैक पर मालगाड़ी और दूसरी ट्रैक पर मेमू लोकल आ गई। इसी वजह से ये हादसा हो गया है। DRM ने हादसे की जांच के लिए कमेटी बनाने के निर्देश दिए हैं। वहीं दूसरी ओर अफसर की मां ने इसके लिए वरिष्ठ अफसरों को जिम्मेदार बताया है। अनूपपुर और शहडोल के बीच तीसरी रेल लाइन के लिए 17 जून से 26 जून तक नॉन इंटरलॉकिंग का काम चल रहा है। इसकी वजह से कई गाड़ियों को ब्लॉक दिया गया है और ट्रेनें कैंसिल हैं। गुरुवार को यहां काम के दौरान शाम को अमलाई RRI केबिन के पर एक पटरी पर मालगाड़ी और दूसरी पर कटनी-बिलासपुर मेमू ट्रेन आ गई। ट्रेन आता देख सभी कर्मचारी और मजदूर रेलवे लाइन के किनारे हो गए। कुछ लोग दो लाइन के बीच की खाली जगह पर खड़े थे।  

ट्रेन के गुजरने के बाद लोगों ने देखा कि दोनों ट्रैक के बीच ARM भाटी रेलवे ट्रैक के किनारे खून से लथपथ घायल पड़े थे, जिन्हें आनन-फानन में धनपुरी सेंट्रल हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। राजस्थान के उदयपुर निवासी योगेंद्र सिंह भाटी बैकुंठपुर में क्षेत्रीय रेल प्रबंधक के रूप में कार्यरत थे। बताया जा रहा है कि हादसे के वक्त वह सभी के साथ काम में जुटे थे। ARM भाटी अचानक कब और कैसे ट्रेन की चपेट में आए, इसकी भनक किसी को नहीं लगी।

दोनों ट्रैक के बीच पड़े मिले अफसर

शुरुआती जांच और पूछताछ में पता चला है कि रेलवे के क्षेत्रीय प्रबंधक योगेंद्र सिंह भाटी काम के दौरान RRI केबिन गए थे। वहां ऑफिशियल काम करने के बाद केबिन से उतरकर रेलवे ट्रैक की तरफ आ रहे थे। हालांकि काम के दौरान किसी को उनके आने की भनक नहीं लगी। तभी एक साथ दो ट्रैक पर मालगाड़ी और मेमू लोकल आ गई। ट्रेन गुजरने के बाद ARM भाटी को दोनों ट्रैक के बीच में घायल पड़े देखा गया। अमलाई में बैकुंठपुर के क्षेत्रीय रेल प्रबंधक की ट्रेन की चपेट में आने की जानकारी मिलते ही बिलासपुर डिवीजन के मंडल रेल प्रबंधक आलोक सहाय समेत रेलवे के अधिकारियों की टीम देर रात अस्पताल पहुंच गए। 

कुछ महीने पहले ही हुई थी शादी

शुक्रवार की सुबह उनकी मौजूदगी में शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया। इस दौरान DRM और रेल अफसर घटनास्थल भी गए। उन्होंने हादसा कैसे हुआ इसकी जांच के लिए कमेटी बनाने की बात कही है। ARM योगेंद्र सिंह भाटी की मां ने वरिष्ठ अफसरों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि सीनियर लंबे समय से परेशान कर रहे थे। उनका बार-बार ट्रांसफर किया जाता था। सुविधा के लिए गाड़ी भी नहीं दी जाती। इसके चलते वह मानसिक तनाव में रहते थे। मां ने आरोप लगाया कि बिना सिग्नल के ही ट्रेन के छोड़ दिया गया। इसी कारण चपेट में आने से उनके बेटे की मौत हुई है। फिलहाल इस संबंध में रेलवे का कोई अफसर बोलने को तैयार नहीं है। ARM योगेंद्र सिंह भाटी की पत्नी भी रेलवे में पदस्थ हैं। वे जबलपुर में असिस्टेंट ऑपरेटिंग मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं। बताया जा रहा है कि कुछ महीने पहले ही उनकी शादी हुई थी। 

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