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निकोटीन की आदत सेहत के लिए बेहद हानिकारक, हो सकता है लिवर, मुंह, कोलन और गर्भाशय का कैंसर

तंबाकू या इससे बने पदार्थों में मौजूद निकोटीन सेहत के लिए बेहद हानिकारक है। इसका सेवन लिवर कैंसर, मुंह का कैंसर, कोलन कैंसर और गर्भाशय के कैंसर सहित अनेक गंभीर रोगों को आमंत्रित करता है। तंबाकू का सेवन जानलेवा हो सकता है, यह जानते हुए भी दुनियाभर में बड़ी संख्या में लोग किसी न किसी रूप में तंबाकू या इससे बने उत्पादों का सेवन कर रहे हैं। लोगों को तंबाकू के सेवन से रोकने और इससे होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक करने हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस (World No Tobacco Day)  मनाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आह्वान पर वर्ष 1988 से इसे हर वर्ष मनाया जा रहा है। विश्व तंबाकू निषेध दिवस इस साल पूरी दुनिया में “पर्यावरण बचाएं (Protect the Environment)” की थीम पर मनाया जा रहा है।

तंबाकू सेवन से इन बीमारियों का है खतरा

तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. कमलेश जैन ने बताया कि तंबाकू का सेवन कई बीमारियों का कारण बनता है। इनमें दीर्घकालिक अवरोधक फेफड़ों संबंधी बीमारी (सीओपीडी), फेफड़े का कैंसर, हृदयाघात, स्ट्रोक, दिल की बीमारी, वातस्फीति, विभिन्न प्रकार के कैंसर जैसे लिवर कैंसर, मुंह का कैंसर, कोलन कैंसर, गर्भाशय का कैंसर जैसी बीमारियां शामिल हैं। निकोटीन की आदत स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है। तंबाकू या इससे निर्मित पदार्थों का हमें कदापि सेवन नहीं करना चाहिए। 

डॉ. जैन ने बताया कि विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर तंबाकू के इस्तेमाल और इससे होने वाली स्वास्थ्यगत समस्याओं के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग, समाज कल्याण विभाग एवं विभिन्न सार्वजनिक संगठनों के माध्यम से राज्य में जिला स्तर पर सार्वजनिक मार्च, प्रदर्शनी, बैनर, धुम्रपान रोकने और छोड़ने के लिये आम जनता से सीधा संवाद, तंबाकू निषेध क्रिया-कलाप, स्वास्थ्य शिविर, रैली, लोककला के माध्यम से जागरूकता कार्यक्रम इत्यादि आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश में तंबाकू के नशे से मुक्ति के लिए 25 जिला अस्पतालों में टोबैको सिसेशन सेंटर (Tobacco Cessation Center) की स्थापना की गई है। इन सेंटर्स में नशामुक्ति के लिए निःशुल्क काउंसलिंग एवं उपचार की सुविधा प्रदान की जाती है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और जिला अस्पतालों में विशेष तौर पर प्रशिक्षित 60 डेंटल सर्जनों द्वारा तंबाकू के दुष्प्रभावों से बचाव के लिए गैर-औषधीय परामर्श भी प्रदान किया जा रहा है। पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22 में इन केंद्रों के माध्यम से 1946 लोगों ने अपने नशे की आदत पर विजय पाई है।

कोटपा एक्ट के तहत सार्वजनिक क्षेत्रों में धूम्रपान करना वर्जित

प्रदेश में तंबाकू नियंत्रण एक्ट (कोटपा) के तहत सार्वजनिक क्षेत्रों में धूम्रपान करना तथा तंबाकू या इससे बने उत्पाद बेचना प्रतिबंधित है। इस एक्ट की अवहेलना करने वाले दुकानदारों व सार्वजनिक क्षेत्र में धूम्रपान करने वालों पर नगर निगम, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग द्वारा संयुक्त कार्रवाई की जा रही है। राज्य में तंबाकूमुक्त युवा पीढ़ी के निर्माण के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी शिक्षण संस्थानों को तंबाकूमुक्त बनाने शैक्षणिक संस्थाओं के 100 मीटर के दायरे में ‘येलो लाइन (Yellow Line)’ बनाकर अभियान भी चलाया जा रहा है। इस 100 मीटर ‘येलो लाइन’ के दायरे में यह सुनिश्चित किया गया है कि वहां तंबाकू उत्पादों की बिक्री और इस्तेमाल न हो। 

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