राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक बार फिर आग का तांडव देखने को मिला है। दरअसल, मुंडका मेट्रो स्टेशन के पास स्थित तीन मंजिला कॉमर्शियल बिल्डिंग में अचानक भीषण आग लग गई, जिसमें 27 लोगों की जलकर मौत हो गई है। मृतकों में दमकल विभाग के दो कर्मचारी भी शामिल हैं। वहीं 10 लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं। इधर, पुलिस ने इमारत के मालिक हरीश गोयल और वरुण गोयल को हिरासत में ले लिया है।
जानकारी के मुताबिक आग लगने की सूचना शाम 4.40 बजे मिली थी। करीब 7 घंटे बाद आग पर काबू पा लिया गया है। हालांकि देर रात 12 बजे आग फिर से धधकने लगी। दमकल कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर खिड़कियां तोड़ी और बिल्डिंग के अंदर फंसे लोगों को बचाया। दिल्ली पुलिस ने घटनास्थल से संजय गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल तक ग्रीन कॉरिडोर बना दिया है, ताकि घायलों को तेजी से अस्पताल तक पहुंचाया जा सके। आग का गोला बनी इमारत में 30 से 40 लोगों के अभी भी फंसे होने की जानकारी मिली है। बिल्डिंग में कई कंपनियों के ऑफिस थे। यहां से करीब 150 लोगों को रेस्क्यू किया गया है।
बिल्डिंग में राहत और बचाव कार्य के लिए 100 लोगों को तैनात किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने हादसे को लेकर दुख जताया है। साथ ही PM रिलीफ फंड से मृतकों के परिजन को 2-2 लाख रुपए और घायलों को 50-50 हजार रुपए की मदद का ऐलान किया है। इमारत की पहली मंजिल पर CCTV की फैक्ट्री और गोदाम है। यहां शॉर्ट सर्किट से लगी आग ने भीषण रूप ले लिया और पूरी बिल्डिंग आग की चपेट में आ गई। फैक्ट्री में काफी संख्या में मजदूर काम कर रहे थे। इमारत में प्रवेश और निकास एक ही होने से बचाव कार्य जल्द शुरू नहीं हो सका। जगह काफी कंजस्टेड होने से रेस्क्यू ऑपरेशन में भारी परेशानी आई।
At least 20 people were killed in fire that broke out at a building near Mundka Metro Station in Outer Delhi on Friday, Delhi Fire Services chief Atul Garg said. “It’s a massive fire. So far, we have recovered 20 bodies from 1st and 2nd floor.— Millat Times English (@Millat_English) May 13, 2022
वहीं ग्राउंड फ्लोर के अलावा बिल्डिंग की सभी मंजिलों पर हर चीज राख हो गई है। दिल्ली के फायर डायरेक्टर अतुल गर्ग ने बताया कि इमारत में सामान काफी था। इस कारण आग बुझाने में काफी परेशानी आई। बिल्डिंग की तीन में से दो मंजिलों की सर्चिंग पूरी हो गई है। तीसरी मंजिल की सर्चिंग की जा रही है। इमारत की खिड़कियों से निकलते धुएं के बीच लोगों को JCB मशीन और क्रेन के सहारे नीचे उतारा गया। वहीं कुछ लोग रस्सी की मदद से नीचे आए। दिल्ली फायर सर्विस के डिप्टी चीफ फायर ऑफिसर सुनील चौधरी ने बताया कि कुछ लोग बिल्डिंग से कूद गए, जिससे वो घायल हो गए। मौके पर फायर ब्रिगेड की 27 गाड़ियां भेजी गई थीं। एंबुलेंस भी तैनात है। नजदीकी गांव के लोगों ने मौके पर पहुंचकर लोगों को बचाने में मदद की।
16 people dead, several injured in #Delhi #Mundka fire incident, if you look at this commercial building there's no proper fire safety planning, this is major cause for causality, the Govt and authorities should investigate it and punish the guilty. pic.twitter.com/duvxnH9Fqy
— Riaz ᴬʰᵐᵉᵈ (@riazgold) May 13, 2022
पुलिस ने बताया कि मेट्रो स्टेशन के पिलर 544 के पास बनी यह इमारत एक 3 मंजिला कॉमर्शियल बिल्डिंग है, जिसे ऑफिस स्पेस के तौर पर कंपनियों को किराए पर दिया जाता है। इस इमारत की फायर NOC नहीं थी। पुलिस ने इमारत के मालिक हरीश गोयल, वरुण गोयल को हिरासत में ले लिया है। स्थानीय लोगों ने बताया कि बिल्डिंग में जगह कम थी और ज्यादा लोग काम कर रहे थे। ऐसे में जब आग भड़की तो अफरा-तफरी मच गई, जिससे लोग खुद से बचकर नहीं भाग पाए और हादसे के शिकार हो गए।यहां CCTV का गोदाम था। गोदाम में आग लगने से लपटें और भीषण हो गई, जिससे दमकल कर्मियों को आग बुझाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
ये बहुत दर्दनाक घटना थी, हमें करीब 4:50 बजे पर कॉल आया कि एक इमारत में आग लगी है। जिसके बाद हमने यहां बचाव कार्य किया। 27 लोगों की मौत हुई और 12 लोग घायल हुए हैं। करीब 30 दमकल की गाड़ियां आईं। सभी घायल अस्पताल में भर्ती हैं: मुंडका आग घटना पर DCP समीर शर्मा, बाहरी जिला, दिल्ली pic.twitter.com/XQosRYKuPh
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 13, 2022
दिल्ली में ये पहली बार नहीं है जब इतना बड़ा हदसा हुआ हो। इससे पहले भी कई भीषण आगजनी की घटनाएं हो चुकी है। 8 दिसंबर 2019 को रानी झांसी रॉड अनाज मंडी स्थित फैक्ट्री में आग लगने से 43 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं 12 फरवरी 2019 को करोलबाग के अर्पित होटल में आग से 17 लोगों की जान गई थी। 21 जनवरी 2018 को बवाना में पटाखा फैक्ट्री में आग लगने से 17 लोगों की मौत हुई थी। 20 नवंबर 2011 को नंदनगरी में कार्यक्रम में आग से 14 लोगों की मौत हुई थी। जबकि 13 जून 1997 में उपहार सिनेमा में आग से 59 लोगों की मौत दर्ज हुई थी। दिल्ली में आग लगने और उससे होने वाले नुकसान की घटनाएं लगातार आ रही है।