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पाकिस्तान और आतंकियों को लेकर सेना ने किया बड़ा खुलासा, 'जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की तैयारी में 200 आतंकी'

पूर्वोत्तर सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पाकिस्तान और आतंकियों को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि घाटी में आतंकी घुसपैठ में भारी कमी आई है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में करीब 200 आतंकवादी पाकिस्तान से जम्मू-कश्मीर में घुसने के लिए तैयार बैठे हैं। लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में प्रशिक्षित आतंकवादियों की संख्या घट रही है, क्योंकि उन्हें स्थानीय समर्थन नहीं मिल रहा है और इसके अभाव में इस साल अब तक 21 विदेशी आतंकवादियों का सफाया कर दिया गया है।

जनरल ने कहा कि पाकिस्तान लगातार आतंकवादियों को आश्रय दे रहा है। सीमा के उस पार 6 बड़े और 29 छोटे आतंकी कैंप अब भी बने हुए हैं। कश्मीर में 40 से 50 विदेशी आतंकी सक्रिय थे। इसके अलावा पाकिस्तानी सेना की मदद से कश्मीर में कई लॉन्च पैड भी स्थापित किए गए हैं। सेना के मुताबिक पिछले 11 से 12 महीनों में अगर 2-3 घटनाओं को छोड़ दिया जाए तो फरवरी 2021 से लेकर अब तक दोनों देशों के बीच सीज फायर शांतिपूर्ण ढंग से कायम है, जिसके कारण घाटी में आतंकी हमलों में मरने वालों की संख्या में काफी गिरावट दर्ज की गई है। 

घाटी में घुसपैठ की कोशिश

बता दें कि जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान की नापाक हरकत किसी से छिपी नहीं है। आए दिन पाकिस्तान कश्मीर में शांति भंग करने के मंसूबे बनाता रहता है। कश्मीर में किस तरह से शांति भंग हो इसके लिए सीमा पार से आतंकियों की घुसपैठ लगातार जारी है, लेकिन सीमा के इस पार भारतीय सेना हर बार पाकिस्तानी आतंकवादियों को उनके मंसूबे पूरे नहीं करने देते हैं। ऐसे कई मौके सामने आए हैं जब यह साबित हो चुका है कि कश्मीर में फैली अशांति के लिए पाकिस्तान और उसकी सेना ही जिम्मेदार है। लेकिन बावजूद इसके पाकिस्तान अभी भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। 

लगातार अभियान चला रही सेना

कई दिनों में कश्मीर में भारतीय सेना ने कई आतंकी गतिविधियों को रोकने में कामयाबी हासिल की है, लेकिन बावजूद इसके आतंकी कश्मीर में वारदात को अंजाम देने से बाज नहीं आ रहे हैं। आतंकवादी घाटी में आतंक का खौफ कायम करने के लिए आम नागरिकों के साथ-साथ सेना पर हमला करने से भी गुरैज नहीं कर रहे हैं। बीते दिनों ही ऐसी ही एक घटना में आतंकवादियों ने घात लगाकर सेना के जवानों पर हमला कर वहां से फरार हो गए थे। इस आतंकी हमले में सेना के दो जवान शहीद हो गए थे। घाटी में आतंकवादियों पर नकेल कसने के लिए सेना हर संभव प्रयास कर रही है।

आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दे रहे जवान

सेना समय-समय पर विशेष अभियान चला रही है। साथ ही सीमा से लगे इलाकों में सैन्य गतिविधियों को बढ़ा दिया गया है। आतंकियों से मुकाबला करने के लिए सेना को आत्याधुनिक हथियारों से लैस किया गया है। सेना ना सिर्फ आतंकियों पर नकेल कस रही है, बल्कि स्थानीय लोगों आंतक का भय भी खत्म करने में जुटी हुई है। इसके लिए सेना के जवान और अधिकारी समय-समय पर दूरस्थ इलाकों में स्थित गांवों में लोगों के बीच पहुंचकर वहां का जायजा ले रहे हैं, जिससे कि कश्मीर के लोगों के बीच आंतकियों के खौफ को कम किया जा सके। साथ ही घाटी में शांति स्थापित की जा सके।  

घाटी में 150 से 200 आतंकी अभी भी सक्रिय

बता दें कि 38 विदेशियों समेत 150-200 आतंकी अभी भी सक्रिय हैं। सुरक्षाबलों की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक 38 गैर-स्थानीय आतंकवादी जो ज्यादातर पाकिस्तान से हैं, वर्तमान में जम्मू कश्मीर में सक्रिय है। साथ ही ये विदेशी आतंकवादी पूरे जम्मू कश्मीर में फैले हुए हैं और शहरों के साथ-साथ वन क्षेत्र में छिपे हुए हैं। जो लगातार अपनी कायराना करतूत को अंजाम दे रहे हैं।

कश्मीर में मेजर रघुनाथ अहलावत शहीद 

जम्मू-कश्मीर के बारामूला के उरी में 5 मई को अपनी ड्यूटी निभाते हुए मेजर रघुनाथ अहलावत (उम्र 34) शहीद हो गए। दरअसल, खराब मौसम के चलते इलाके में फिसलन पैदा हो गई थी। इससे मेजर अहलावत 60 मीटर गहरी खाई में गिर गए थे। इससे उन्हें गंभीर चोट लगी थी। सेना ने बताया कि उन्हें खाई से निकालकर सेना के अस्पताल लाया गया, लेकिन रास्ते में ही उनका निधन हो गया। मेजर अहलावत ने 2012 में सेना में कमीशन लिया था। वे दिल्ली के रहवासी थे।

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