छत्तीसगढ़ ने केंद्र सरकार से 2850 फुलवारी क्रेश केंद्रों और 400 आंगनबाड़ी सह-क्रेश केंद्रों को फिर से शुरू करने का मुद्दा उठाया है। इसी तरह राज्य में पदस्थ 226 क्रेश कार्यकर्ताओं के लिए मानदेय के साथ योजना को फिर से संचालित करने की स्वीकृति देने की मांग केंद्रीय महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा भुवनेश्वर में आयोजित की गई क्षेत्रीय परामर्श सम्मेलन में की गई है। सम्मेलन में पूरे देश में सक्षम आंगनबाड़ी, मिशन पोषण 2.0, मिशन शक्ति और मिशन वात्सल्य की शुरुआत करने के लिए विस्तृत विचार विमर्श किया गया।
सम्मेलन में छत्तीसगढ़ की महिला बाल विकास की संचालक दिव्या उमेश मिश्रा ने बताया कि राज्य में 10 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों को मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र बनाया जा रहा है। सक्षम आंगनबाड़ी के लक्ष्यों के अनुरूप अगर राज्य को राशि दी जाती है तो साल 2022-23 में ही 10 हजार मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र बनाए जा सकेंगे। उन्होंने वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों के लिए पूर्वोत्तर राज्यों की तरह वाहन व्यवस्था, सभी सखी सेंटर के लिए वाहन व्यवस्था, स्वाधार और उज्ज्वला होम के किराया मद में बढ़ोतरी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए।
महिला बाल विकास की संचालक ने दी जानकारी
मिश्रा ने राज्य में महिलाओं और बच्चों से जुडे़ कार्यक्रमों के बेहतर संचालन के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के मानदेय में बढ़ोत्तरी, पूरक पोषण आहार के वित्तीय मापदंड में वृद्धि, बच्चों के प्रभावी संरक्षण के लिए बाल संरक्षण योजना का ग्राम स्तर तक प्रभावी विस्तार और क्रियान्वयन के लिए अमला, अधोसंरचना, आंगनबाड़ी के हितग्राहियों के लिए पोषण दरों में मंहगाई अनुसार वृद्धि किए जाने के सुझाव दिए। इसके अलावा उन्होंने शहरी क्षेत्रों में आंगनबाड़ी भवनों की स्वीकृति और निर्माण दरों में वृद्धि, प्रत्येक केंद्रों के लिए बाउंड्रीवाल, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं के सभी जिलों में विस्तार करने की आवश्यकता जताई।