एड्स एक प्रकार के जानलेवा इन्फेक्शन से होने वाली गंभीर बीमारी है, जिसे मेडिकल भाषा में ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस यानी HIV के नाम से जाना जाता है। आम बोलचाल में ये एड्स यानी एक्वायर्ड इम्यून डेफिसिएंसी सिंड्रोम के नाम से जाना जाता है। HIV हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम कर देता है। इससे तरह-तरह की बीमारियां लोगों को जल्द घेर लेती हैं। इसी अवस्था को एड्स कहते हैं। HIV संक्रमण की वजह से होने वाली ये बीमारी किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। एड्स वर्तमान युग की सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है।
इसी बीच भारत में HIV से संक्रमित मरीजों की संख्या को लेकर RTI में चौकाने वाला खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक असुरक्षित यौन संबंध से बीते 10 सालों में भारत में 17 लाख से ज्यादा लोग HIV से संक्रमित हुए हैं। RTI के एक जवाब में राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन की ओर उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक असुरक्षित यौन संबंध बनाने के कारण बीते 10 सालों में देश में 17 लाख से अधिक लोग HIV से संक्रमित हुए। हालांकि 10 सालों में HIV से संक्रमित लोगों की संख्या में काफी कमी आई है। असुरक्षित यौन संबंध से HIV संचरण 2011-12 में 2.4 लाख लोगों में दर्ज किया गया। जबकि 2020-21 में ये संख्या घटकर 85 हजार 268 हो गई।
आंध्रप्रदेश में सबसे ज्यादा HIV पॉजिटिव
मध्य प्रदेश के एक्टिविस्ट चंद्रशेखर गौर की ओर से दायर RTI के जवाब में NACO ने कहा कि भारत में 2011-2021 के बीच 17 लाख 08 हजार 777 लोगों ने असुरक्षित यौन संबंध से HIV पॉजिटिव पाए गए। राज्यों में आंध्र प्रदेश में HIV संचरण के सबसे ज्यादा 3 लाख 18 हजार 814 मामले दर्ज किए गए। इसके बाद महाराष्ट्र और फिर कर्नाटक का नंबर है। वहीं तमिलनाडु में 1 लाख 16 हजार से अधिक HIV संक्रमण के मामले सामने आए। उत्तर प्रदेश में ये आंकड़ा 1 लाख 10 हजार के पार है। जबकि गुजरात में संक्रमित लोगों की संख्या 1 लाख से कम है।
केंद्र शासित प्रदेशों में गिरावट
रिपोर्ट के मुताबिक 15 हजार 782 लोगों ने 2011-12 से 2020-21 तक ब्लड और ब्लड प्रोडक्ट के माध्यम से HIV से संक्रमित हुए। 18 महीने के एंटीबॉडी परीक्षण डेटा के मुताबिक 4 हजार 423 लोगों ने इस बीमारी से संक्रमित पाए गए। आंकड़ों में कहा गया है कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में HIV के संचरण के मामलों में लगातार गिरावट देखी गई है। 2020 तक देश में 81,430 बच्चों समेत HIV से पीड़ित 23,18,737 लोग हैं। RTI आवेदन में कहा गया है कि HIV के संचरण के तरीकों की जानकारी काउंसलर द्वारा पूर्व-परीक्षण या परीक्षण के बाद परामर्श के दौरान HIV पॉजिटिव व्यक्तियों द्वारा दी गई प्रतिक्रिया से दर्ज की गई है।
इस तरह फैसला है संक्रमण
डॉक्टरों के मुताबिक HIV शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमला करता है। अगर HIV का इलाज नहीं किया जाता है, तो यह एड्स (एक्वायर्ड इम्युनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम) को जन्म देता है। वायरस संक्रमित रक्त, वीर्य या योनि तरल पदार्थ के संपर्क में आने से फैल सकता है। HIV संक्रमण के कुछ ही हफ्तों के भीतर बुखार, गले में खराश और थकान जैसे फ्लू जैसे लक्षण हो सकते हैं।
एड्स के प्रमुख कारण और लक्षण
एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. एसके बिंझवार ने बताया कि असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित खून चढ़ाना, एचआईवी पॉजिटिव महिला से उसके बच्चे को एक बार इस्तेमाल की जानी इन्फेक्टेड सुई को दूसरी बार उपयोग करना HIV-एड्स के प्रमुख कारण हैं। लगातार बुखार रहना, अचानक वजन घटना, लगातार दस्त होना इसके लक्षण हैं।
HIV इंफेक्शन से कैसे बचें
HIV इन्फेक्शन से बचने के लिए यौन संबंध बनाने के दौरान कंडोम का उपयोग करना चाहिए। HIV का वायरस infected blood transfusion ट्रांसमिटेड ब्लड या रियूज इंजेक्शन सिंरिंज के जरिए भी फैल सकता है, इसलिए हमेशा ब्लड लेते-देते समय licensed Blood Bank lena chahiy /नई सिरिंज needle का ही उपयोग करें। HIV वायरस हाथ मिलाने, साथ खाना खाने और साथ रहने से दूसरे में नहीं फैलता है, इसलिए HIV पीड़ितों से किसी भी तरह का भेदभाव नहीं करना चाहिए।