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महंगाई का सितम: बिजली उपभोक्ताओं को लगा बड़ा झटका, 10 से 15 पैसे प्रति यूनिट हुई महंगी

छत्तीसगढ़ के बिजली उपभोक्ताओं को महंगाई का बड़ा झटका लगा है। प्रदेश में बिजली 2.31 प्रतिशत महंगी हो गई है। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग ने बुधवार को नया टैरिफ जारी कर दिया। इसमें घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली दर 10 पैसा प्रति यूनिट की दर से बढ़ाई गई है। अन्य सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दर 15 पैसा प्रति यूनिट की दर से बढ़ी हैं।​​​​​ छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष हेमंत वर्मा ने बताया कि राज्य सरकार के स्वामित्व वाली तीनों बिजली कंपनियों ने टैरिफ बढ़ाने के लिए याचिका लगाई थी। 

कंपनियों ने 2022-23 के लिए 1004 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे की पूर्ति का प्रस्ताव दिया था। आयोग ने अपने परीक्षण के बाद सिर्फ 386 करोड़ रुपए का घाटा स्वीकार किया है। विद्युत वितरण कंपनी ने 19 हजार 336 करोड़ 76 लाख की राजस्व आवश्यकता बताई थी। उसको घटाकर सिर्फ 17 हजार 115 करोड़ 85 लाख रुपया मान्य किया गया। आयोग ने 2022-23 के लिए बिजली की औसत लागत 6.22 रुपया निर्धारित की है। 2021-22 की प्रचलित दर से औसत बिल 6.08 रुपया आता है। ये औसत विद्युत लागत से 14 पैसा कम है। 

विद्युत नियामक आयोग ने दी जानकारी

विद्युत नियामक आयोग ने बताया कि बिजली कंपनियों की ओर से प्रस्तावित कुल 1004 करोड़ रुपए के घाटे की भरपाई की जाती तो टेरिफ में औसतन 5.39% की बढ़ोतरी करनी पड़ती। इसे घटाकर 386 करोड़ रुपए ही मान्य किया गया। ऐसे में बिजली की दरों में औसतन 2.31% की बढ़ोतरी की गई है। बिजली की नई दरें एक अप्रैल 2022 से प्रभावी हो चुकी हैं। यानी अप्रैल महीने का बिजली बिल नए टैरिफ के हिसाब से आएगा।

सभी घरेलू बिजली दरों में बढ़ोतरी

आयोग के मुताबिक सभी घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरों में 10 पैसा प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की गई है। अन्य सभी बिजली उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरों में 15 पैसा प्रति यूनिट की बढ़ोतरी हुई है। 220 केवी और 132 केवी के उच्च दाब स्टील उद्योगों के लिए बिजली दरों में पांच पैसा प्रति यूनिट की बढ़ोतरी हुई है। HV-5 श्रेणी के तहत आने वाले पोहा, मुरमुरा मिल को अभी ऊर्जा प्रभार में 5% की छूट मिल रही है। इसी प्रावधान को LV-5 श्रेणी के पोहा-मुरमुरा मिल पर लागू करते हुए उन्हें भी 5% की छूट दी गई है।

आयोग ने स्थिर प्रभार में नहीं की कोई बढ़ोतरी 

HV-3 श्रेणी में आने वाले टेक्सटाइल उद्योग के साथ पॉवरलूम, हैंण्डलूम, जूट इंडस्ट्री और एथेनॉल उद्योग को ऊर्जा प्रभार में 25% की छूट रहेगी। बिजली की पिछली दर 5 किलोवॉट तक 3.60 रुपया प्रति यूनिट थी। 101 से 200 यूनिट तक 3.80 रुपया प्रति यूनिट की दर का स्लैब था। 5 से 10 किलोवॉट तक 201 से 400 यूनिट तक 5.20 रुपया प्रति यूनिट और 401 से 600 यूनिट तक 6.20 रुपया प्रति यूनिट की दर थी। नए टैरिफ के मान से घरेलू उपभोक्ताओं को 100 यूनिट की खपत पर 10 रुपए अधिक देने होंगे। एक हजार यूनिट खर्च पर यह रकम 100 रुपया तक पहुंच जाएगी। आयोग ने स्थिर प्रभार में कोई बढ़ोतरी नहीं की है।

कृषि उपभोक्ताओं को छूट 

आयोग ने स्पष्ट किया है कि गैर सब्सिडी वाले कृषि पंप वाले उपभोक्ताओं को ऊर्जा प्रभार में 20% की छूट जारी रहेगी। खेतों में लगे बिजली के मोटर पंप और खेतों की रखवाली के लिए 100 वॉट के भार के उपयोग की सुविधा प्रभावी है। आयोग ने इसको इस साल भी जारी रखा है। ग्रामीण क्षेत्रों, बस्तर विकास प्राधिकरण और सरगुजा विकास प्राधिकरण क्षेत्र में संचालित अस्पतालों, नर्सिंग होम, डायग्नोस्टिक सेंटर के लिए प्रचलित बिजली दरों में 7% की छूट होगी। ये छूट पहले भी मिल रही थी। महिला स्व-सहायता समूहों से संचालित ग्रामीण व्यावसायिक गतिविधियों में ऊर्जा प्रभार पर 10 प्रतिशत की छूट।

बीते साल अगस्त में बढ़े थे दाम

विद्युत नियामक आयोग ने एक अगस्त 2021 को बिजली दाम बढ़ाया था। बिजली की औसत दर 6. 41 रु प्रति यूनिट निर्धारित किया गया। उससे पहले के 2 सालों में ये दर 5.93 रुपया प्रति यूनिट थी। नई दर बीते साल की तुलना में 8 पैसे प्रति यूनिट ज्यादा थी। किसानों को खेतों में लगे विद्युत पंपों और खेतों की रखवाली के लिए लिए पंप के समीप 100 वॉट के भार उपयोग की सुविधा दी गई थी। किसानों के व्यापक हित को ध्यान में रखते हुए आयोग ने 100 वॉट तक लाइट और पंखे की स्वीकृति जारी रखी गई। वहीं गैर सब्सिडी वाले कृषि विद्युत पंप वाले उपभोक्ताओं को ऊर्जा प्रभार वर्तमान में प्रभावशील 10 प्रतिशत की छूट को बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया।

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