देश में आत्महत्या की घटनाएं लगातार बढ़ती ही जा रही है। ताजा मामला बिहार के सुपौल जिले का है, जहां त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र में कर्ज में डूबी महिला ने अपने दो बच्चों समेत आग में जलकर आत्महत्या करने की कोशिश की। हालांकि बच्चों के रोने की आवाज सुनकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे और तीनों को बचा लिया गया। घायल बच्चों का इलाज त्रिवेणीगंज अस्पताल में चल रहा है, जहां दोनों खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं।
स्थानीय लोगों के मुताबिक त्रिवेणीगंज पथरा वार्ड नंबर-1 की रहने वाली रूबी देवी ने इससे पहले भी जहर खाकर जान देने की कोशिश की थी। रूबी के पति गुलाब साह लुधियाना में रहकर मजदूरी करते हैं। दो बच्चों के साथ महिला गांव में रहती है। महिला ने बताया कि उसने बैंक से 35 हजार का लोन लिया था, जिसकी प्रति माह किस्त 1910 रुपए हैं, जो उसे जमा करना था। यही बात उसके दिमाग में कई दिनों से चल रही थी, जिसकी वजह से उसने ये कदम उठाया। हालांकि ये जांच का विषय है कि बैंक लोन की किस्त से वो क्यों और कैसे परेशान थी। बच्चों का इलाज जारी है।
मामले की जांच कर रही पुलिस
पुलिस ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। दोनों बच्चों में एक बेटा और दूसरी बेटी है। बच्चों का कहना है कि रात के अंधेरे में मां ने घर के पीछे एक गड्ढा खोदकर दोनों भाई बहनों के ऊपर मिट्टी का तेल छिड़क दिया। इसके बाद खुद के ऊपर भी मिट्टी का तेल छिड़क लिया और आग लगा दी। स्थानीय लोगों के आने के कारण उनकी जान बच सकी। फिलहाल बच्चों के पिता लुधियाना से सुपौल के लिए रवाना हो चुके हैं। जबकि मां और दोनों बच्चे अभी अस्पताल में मौजूद हैं।
लगातार बढ़ रही आत्महत्या की घटनाएं
देश में बेरोजगारी, कर्ज और दिवालियापन के कारण हर साल बड़ी संख्या में लोग आत्महत्या कर रहे हैं। बीते 3 साल के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक सवाल का जवाब देते हुए राज्यसभा में बताया कि साल 2018, 2019 और 2020 के दौरान 25 हजार से ज्यादा लोगों ने आत्महत्या की है। आत्महत्या के पीछे दिवालियापन, बेरोजगारी और कर्ज जैसे बड़े कारण सामने आए हैं। इन 3 सालों में सबसे ज्यादा खुदकुशी की घटनाएं 2020 में हुई हैं। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में बताया कि 2018 से 2020 तक बेरोजगारी, कर्ज जैसे कारणों से कितने लोगों ने अपनी जान दी है।