UP के अमेठी के मोहनगंज थाने में तैनात महिला इंस्पेक्टर रश्मि यादव का शव उनके सरकारी आवास में फांसी के फंदे से लटका मिला है। जानकारी के मुताबिक महिला दरोगा का शव जब फांसी के फंदे से उतारा गया तो वो वर्दी में थीं। जूते भी पहने हुए थे और कमर में पिस्टल लगी थी। वहीं उन्होंने करीब डेढ़ घंटे पहले ही मीटिंग अटैंड की थी। मीटिंग के दौरान किसी का फोन आया, वो बात करते हुए अपने घर की ओर निकल गईं थीं।
इधर, महिला इंस्पेक्टर के पिता ने हत्या का आरोप लगाया है। इस बीच एक मंत्री के बेटे के साथ विवाद का भी कनेक्शन सामने आया है। हालांकि पुलिस इसे सुसाइड बता रही है। फिलहाल मौके से कोई सुसाइड बरामद नहीं हुआ है। वहीं मौत का कारण भी अज्ञात है, जिसका पता लगाने की कोशिश पुलिस कर रही है।
उपनिरीक्षक थीं रश्मि यादव
बता दें कि SI रश्मि यादव 2017 बैच की उपनिरीक्षक थीं। गुरुवार दोपहर CO तिलोई के साथ मीटिंग की। मीटिंग के बाद रश्मि ने थाने के मुंशी से कहा कि 4 बजे एडिशनल SP के साथ मीटिंग है। वो कमरे पर जा रही हैं। मीटिंग के लिए उनको बुला लें। इसके बाद फोन पर बात करते हुए निकल गईं। मुंशी करीब साढ़े तीन बजे रश्मि को बुलाने गया, तो कमरे का दरवाजा नहीं खुला। फोन करने पर भी कोई जवाब नहीं मिला। उसने मामले की सूचना प्रभारी निरीक्षक और अन्य स्टाफ को दी।
सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस कमरे का दरवाजा तोड़ अंदर गई, तो महिला दरोगा का शव दुपट्टा के सहारे लटकता मिला। थानाध्यक्ष मोहनगंज भी दल-बल के साथ मौके पहुंचे। इसके बाद SI रश्मि यादव को नीचे उतार कर अस्पताल भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने रश्मि यादव को मृत घोषित कर दिया।
लखनऊ की रहने वाली थीं SI
SP दिनेश सिंह ने बताया कि क्षेत्राधिकारी ऑफिस में एक मीटिंग में वो गईं थीं, वहां ऐसा कोई संकेत नहीं मिला था। शाम को थाने का मुंशी उनके कमरे पर पहुंचा, खटखटाने पर कमरा नहीं खुला तो उसने थानाध्यक्ष को बताया। वो मूलत लखनऊ की रहने वाली थीं। दरोगा के पिता मुन्ना लाल यादव ने बताया कि रश्मि डिप्रेशन में थीं। दो-तीन दिन पहले उसने कहा था कि उसका ट्रांसफर कर दिया जाए तो ठीक है। उसका ट्रांसफर हुआ तो वो बहुत खुश थी, लेकिन उसने मुझे कोई फोन नहीं किया, लेकिन मुझे लगता है कि बेटी का मर्डर किया गया है।
ये हो सकता है कारण
जानकारी के मुताबिक 5 दिन पहले मंत्री के बेटे से किसी बात को लेकर विवाद हुआ था। इसको लेकर इंस्पेक्टर से काफी बहस भी हुई थी। इंस्पेक्टर ने महिला दरोगा का ट्रांसफर वन स्टॉप सेंटर करवा दिया था। इससे महिला दरोगा डिप्रेशन में थीं। उन्होंने ये बात अपने बैचमेट को भी बताई थी। उन्होंने कहा था कि इंस्पेक्टर सही नहीं है। काफी बदतमीज टाइप का है। आए दिन परेशान करता है।
कांग्रेस पार्षद ने की आत्महत्या
बता दें कि 31 मार्च को छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में नगर निगम की पार्षद संजना शर्मा ने खुदकुशी कर ली थी। जानकारी के मुताबिक उन्होंने कुछ जहरीला पदार्थ खा लिया था। इसके बाद उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। संजना शर्मा कांग्रेस की बहुत चर्चित और तेज तर्रार नेता थीं। पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें लिखा है कि अगर उन्हें कुछ होता है तो इसका जिम्मेदार उसे ही माना जाए।
बताया गया था कि उन्होंने कोई जहरीला पदार्थ खा लिया था। हालांकि उन्होंने क्या खाया इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। उनकी ओर से भी किसी को नहीं बताया गया था। पार्षद संजना के भाई ने जब गुरुवार दोपहर उन्हें उल्टी करते देखा तो उन्हें जहरीला पदार्थ खाने की जानकारी मिली। इसके बाद संजना को दोपहर करीब ढाई बजे आनन-फानन में मेट्रो अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।