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छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान में लगातार मिल रही सफलता, मार्च में 57 नक्सलियों ने किया सरेंडर

छत्तीसगढ़ पुलिस और अर्धसैनिक बलों की संयुक्त कार्रवाई में नक्सली समाज की मुख्य धारा की तरफ लौटते हुए नजर आ रहे हैं। DIG (नक्सल अभियान) से मिली जानकारी के मुताबिक मार्च के महीने में 57 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जो पुलिस की नक्सल विरोधी अभियान की सफलता को बयां कर रही है। इसी दौरान 37 नक्सलियों की गिरफ्तारी भी की गई है। जानकारी के मुताबिक मार्च के महीने में अलग-अलग मुठभेड़ में 4 नक्सलियों को ढेर किया गया है। 

नक्सल विरोधी अभियान में पुलिस ने मार्च महीने में दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा जिले में कार्रवाई करते हुए 5 हथियार बरामद किया है। साथ ही 20 IED जब्त कर उसे निष्क्रिय किया है। DIG (नक्सल अभियान) के मुताबिक दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा जिले के जंगल समेत पहाड़ियों में पुलिस और अर्धसैनिक बलों के द्वारा लगातार गश्त-सर्चिंग का कार्य किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा नक्सल गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए नक्सल विरोधी अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में उपलब्धि हासिल करते हुए पुलिस और अर्धसैनिक बलों की संयुक्त कार्रवाई जारी है।

11 जांबाज शूरवीर सम्मान से सम्मानित

वहीं गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा है कि राज्य में सड़कों के विकास से पर्यटन का दायरा बढ़ रहा है। नक्सल प्रभावित जिलों में विकास के लिए स्कूल, स्टील के पुल, बिजली जैसे मूलभूत कार्य संपन्न किए जा रहे हैं, जिसके फलस्वरूप नक्सली घटनाओं में लगातार कमी आई है। साहू ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा नक्सली इलाकों के लिए दिए गए सूत्र वाक्य 'विश्वास, विकास, सुरक्षा' की चर्चा करते हुए कहा कि राज्य शासन के पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर 3 सालों में लगभग 02 हजार नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्य धारा में शामिल होना स्वीकार किया है।

गृहमंत्री साहू ने राज्य में उत्कृष्ट कार्य करने वाले जाबांज पुलिस जवानों को सम्मानित करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि पुलिस को इमानदारी से अपना काम करना चाहिए ताकि आम जनता में उनके प्रति सम्मान दिखे और अपराधियों के मन में पुलिस का भय हो।  साहू ने आरक्षक से लेकर TI रैंक तक के 11 जाबांज पुलिस जवानों को शूरवीर सम्मान से सम्मानित किया। सम्मानित पुलिस जवानों में उप निरीक्षक जाकिर अली, महिला आरक्षक मनीषा यादव, सहायक उप निरीक्षक भूपेश सिंह, प्रधान आरक्षक संदीप दीक्षित, प्रधान आरक्षक सरफराज चिश्ती, निरीक्षक रमन उसेण्डी, उपर निरीक्षक दीपिका निर्मलकर, सहायक उपनिरीक्षक  मनोज राठौर, प्रधान आरक्षक सुशील पांडे, निरीक्षक विजय चेलक और निरीक्षक सुमतराम साहू शामिल थे। इस मौके पर संसदीय सचिव विकास उपाध्याय भी उपस्थित रहे।

छत्तीसगढ़ पुलिस चला रही कई तरह के अभियान

बता दें कि नक्सलियों के खिलाफ छत्तीसगढ़ पुलिस कई तरह के अभियान चला रही है, जिससे प्रभावित होकर कई नक्सली आत्मसमर्पण भी कर रहे है। जबकि सूरक्षाबल के जवान कई नक्सलियों को गिरफ्तार भी कर रहे है, जिससे बौखलाएं नक्सली इस तरह के कायरना हरकत कर रहे हैं। बता दें कि प्रदेश में बीते साल के मुताबले इस साल नक्सली हमले और गतिविधियां कम हुई है। वहीं छत्तीसगढ़ पुलिस और सरकार नक्सलियों को मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।

लोन वर्राटू अभियान

बस्तर में इन दिनों पुलिस लोन वर्राटू अभियान चला रही है। जिसमें माओवाद का रास्ता छोड़ नक्सलियों की घर वापसी कराई जा रही है। बुधवार को लोन वर्राटू अभियान से प्रभावित होकर एक इनामी नक्सली ने समर्पण किया। नक्सली माओवादियों की खोखली विचारधारा को छोड़कर मुख्यधारा से लगातार जुड़ रहे हैं।

क्या है ‘लोन वर्राटू’ अभियान ?

दंतेवाड़ा में नक्सलियों के लिए एक अनोखी पहल की शुरुआत की गई है। जिसका नाम लोन वर्राटू दिया गया है, जिसका अर्थ है घर वापस लौट आइए। इसके लिए पुलिस के जवानों द्वारा गांव-गांव में प्रचार करवाया जा रहा है।गांव-गांव में पुलिस अधिकारियों के फोन नंबर भी दिए जा रहे हैं, ताकि समर्पण की इच्छा रखने वाले नक्सली सीधे उनसे संपर्क कर सकें। इस अभियान के तहत अब धीरे-धीरे पूरे दंतेवाड़ा जिले से स्थानीय कैडर के नक्सली इस अभियान के तहत पुलिस से संपर्क कर सरकार की मुख्य धारा में लौट रहे हैं।

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