महासमुंद। लोकसभा क्षेत्र के सांसद चुन्नीलाल साहू ने छत्तीसगढ़ के कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उडीसा सीमावर्ती दूरस्थ अंचलों में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधा के नाम पर ग्रामीण के साथ धोखा हो रहा है।वनांचल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में ना ही पर्याप्त मात्रा में दवाई है और ना ही पर्याप्त संख्या में स्वास्थ्य कर्मचारी है। ना ही कुशल डॉक्टर पदस्थ हैं। ऐसी परिस्थितियों में स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव के चलते मरीजों को अन्यंत्र रेफर कर दिया जाता है। अधिकांशतः पीड़ित मरीज रास्ते में ही दम तोड देते हैं। ये सब उत्पन्न समस्या कांग्रेस सरकार की अदूरदर्शिता का परिणाम है जिसे क्षेत्र के जनता को भोगना पड़ रहा है।
सांसद चुन्नीलाल साहू |
कांग्रेस की सरकार छत्तीसगढ़ में हाट बजार क्लिनिक संचालित कर ग्रामीण क्षेत्रों मे भोले-भाले पीडित मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।एक तरफ ग्रामीण क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थ डाँक्टरों को शहर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों मे व्यवस्था कर गांव और शहरवासियों के बीच चिकित्सकीय सुविधाओं में भेद कर रही है। सांसद साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ के कांग्रेस के अदूरदर्शी सोच के परिणामस्वरूप ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों में दो वर्षों के वैश्विक महामारी के चलते अधिकांश समय स्कूल बंद था।
शिक्षकों के अभाव के कारण तालाबंदी
अब कोविड संक्रमण सामान्य होने पर भी स्कूलों में शिक्षकों के अभाव के कारण तालाबंदी हो रहा है। जिससे छात्र-छात्राओं के भविष्य पर संकट मंडरा रहा है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलकर अपनी पीठ थपथपा रही है। जबकि धरातल मे कुछ अलग है। उत्पन्न शिक्षक समस्या का मूल कारण हिंदी माध्यम स्कूलों को आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम मे बिना सेटअप के संचालित करने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों में कार्यरत-पदस्थ शिक्षकों को व्यवस्था/प्रतिनियुक्ति पर आत्मानंद अंग्रेजी स्कूलों में पदस्थ करने के कारण हुआ है। वहीँ वनांचल ग्रामीण क्षेत्रों में कमोबेश सभी जगह विद्यालय एक शिक्षकीय है या शिक्षकविहीन होने से पालक व छात्र-छात्राएं परीक्षा को लेकर काफी चिंतित हैं।
ग्रामीण शिक्षा व्यवस्था सुदृढ़ करने की मांग
सांसद चुन्नीलाल साहू ने आगे बताया कि महासमुंद जिले के सुदूर वनांचल ग्राम खैरटकला के पूर्व माध्यमिक शाला मे 150 छात्र-छात्राओं पर एक शिक्षक, भलेसर पूर्व मा.शा.मे 200 मे एक शिक्षक, भालूकोना पूर्व मा.शा.मे एक शिक्षक तथा भलेसर हाईस्कूल मे मात्र तीन शिक्षक कार्यरत हैं। बोकरामुडा हाईस्कूल व्यवस्था पर चल रहा है। दूसरी तरफ राज्य सरकार व्यवस्था समाप्त करने का तुगलकी फरमान जारी किया है जिससे स्पष्ट है कि कांग्रेस के कथनी और करनी मे अंतर है। नीयत ही नहीं है कि ग्रामीण शिक्षा व्यवस्था सुदृढ़ हो।