छत्तीसगढ़ महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से आरंग के डॉ. अंबेडकर सर्वसमाज मांगलिक भवन में मुख्यमंत्री सामूहिक कन्या विवाह कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें 62 वर-वधु सामाजिक रीति-रिवाज के साथ विवाह के बंधन में बंधे। मुख्यमंत्री सामूहिक कन्या विवाह कार्यक्रम में प्रगतिशील सतनामी समाज से शकुन डहरिया बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुई। उन्होंने विवाहित जोड़ों को शुभकामनाएं दी। साथ ही उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
सामूहिक विवाह समारोह में गरीब परिवार की कन्याओं का विवाह हर्षोल्लास और सामाजिक रीति-रिवाज के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर शकुन डहरिया ने कहा कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत जरूरतमंद गरीब लड़कियों का विवाह कराया जाता है। उन्होंने इस तरह की उपयोगी और गरीबों के हित में संचालित योजनाओं के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रति आभार व्यक्त किया।
डहरिया ने कहा कि धर्म जाति से ऊपर उठकर गरीबों के कल्याण के कार्यक्रम में सभी को सहयोगी बनना चहिए। उन्होंने आरंग में इस कार्यक्रम के आयोजित करने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग को भी धन्यवाद दिया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से चंद्रशेखर चंद्राकर, केशरी मोहन साहू, अनिता थानसिंग साहू,खिलेश्वर देवांगन, हेमलता डूमेंद्र साहू, शारद गुप्ता, गौरी बाई देवांगन, सूरज सोनकर और कई जनप्रतिनिधि समेत कई समाज के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
क्या है मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना
इस योजना को छत्तीसगढ़ सरकार ने शुरू किया है। इस योजना के माध्यम से आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की कन्या के विवाह पर सरकार द्वारा 25000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। छत्तीसगढ़ के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा इस योजना का संचालन किया जाता है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए कन्या की आयु 18 या फिर 18 साल से ज्यादा होनी चाहिए। इसके अलावा इस योजना का लाभ सिर्फ एक परिवार की 2 कन्याएं ही उठा सकती हैं।
सामूहिक विवाह का आयोजन
इस योजना के माध्यम से सामूहिक विवाह का आयोजन भी करवाया जाता है। छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अंतर्गत विधवा, अनाथ या निराक्षित कन्याओं को भी शामिल किया गया है। इस योजना के माध्यम से परिवार को विवाह के समय आने वाली आर्थिक कठिनाइयों से निवारण मिलेगा। इसके अलावा ये योजना विवाह में होने वाली फिजूलखर्ची रोकने में भी कारगर साबित होगी। सरकार का कहना है कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के माध्यम से लाभार्थियों के सामाजिक स्थिति में भी सुधार आएगा और सादगी पूर्ण विवाह को बढ़ावा, सामूहिक विवाह का प्रोत्साहन समेत शादी में दहेज की लेनदेन पर रोकथाम भी होगी।