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छत्तीसगढ़ को मोतियाबिंद मुक्त राज्य बनाने की तैयारी, साल 2025 तक 4 लाख ऑपरेशन का लक्ष्य

छत्तीसगढ़ में मोतियाबिंद की वजह से किसी भी व्यक्ति की आंखों की दृष्टि न छिन जाए, इसके लिए एक महत्वाकांक्षी योजना की शुरूआत की गई है। 'मोतियाबिंद दृष्टिहीनता मुक्त राज्य' नाम से शुरू इस महती योजना में राज्य में अंधत्व नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत साल 2025 तक कुल चार लाख मोतियाबिंद ऑपरेशन कर दृष्टिहीनता के मामलों में कमी लाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, मितानिनों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा दृष्टिदोष रोगियों की सूची तैयार की जा रही है। नेत्र सहायक अधिकारियों के माध्यम से चयनित विकासखंडों में भेजकर तैयार सूची से रोगियों की पुष्टि कर मोतियाबिंद ऑपरेशन के लिए चिन्हांकन किया जा रहा है।

प्रदेश में चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में 1 अप्रैल 2021 से 31 जनवरी 2022 तक 59 हजार 793 मोतियाबिंद पीड़ितों का सफल ऑपरेशन किया जा चुका है। राज्य के सभी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों, जिला चिकित्सालयों और दुर्ग जिले के सुपेला सिविल अस्पताल, बलौदाबाजार जिले के भाटापारा सिविल अस्पताल और जशपुर जिले के पत्थलगांव सिविल अस्पताल, कोरिया जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों मनेंद्रगढ़, सोनहत और पटना में निशुल्क मोतियाबिंद के ऑपरेशन किए जा रहे हैं। इन सभी अस्पतालों में उत्तम गुणवत्ता के लेंस के साथ शासन द्वारा निर्धारित सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए मोतियाबिंद के मरीजों का सुरक्षित ऑपरेशन किया जाता है। 

आंखों की उच्च स्तरीय जांच की सुविधा

ऑपरेशन के बाद मरीजों की नियमित फॉलोअप की जाती है। साथ ही उन्हें निशुल्क दवा और चश्मा भी प्रदान किया जाता है। आयुष्मान योजना के अंतर्गत इन सभी शासकीय अस्पतालों में मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराया जा सकता है। रायपुर के माना स्थित सिविल अस्पताल में हाल ही में आंखों की जांच, इलाज और ऑपरेशन की सुविधा शुरू की गई है। यहां मरीजों के लिए 100 बिस्तरों की व्यवस्था की गई है। वर्तमान में जिला अस्पताल पंडरी के उपलब्ध संसाधनों को माना अस्पताल में ट्रांसफर कर ये सेवाएं शुरू की गई है। 

इस हफ्ते 70 ऑपरेशन किए गए

माना सिविल अस्पताल में इस सप्ताह 70 मरीजों के आंखों का सफल ऑपरेशन भी किया गया है। यहां शासकीय कार्य दिनों में सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक नेत्र परीक्षण की सुविधा है। अंधत्व निवारण कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी सुभाष मिश्रा ने बताया कि छत्तीसगढ़ को मोतियाबिंद दृष्टिहीनता मुक्त राज्य बनाने की दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। आंखों के इलाज के लिए निकट भविष्य में माना अस्पताल में और भी सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। 

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