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ऑनलाइन गेम की लत ने ले ली नाबालिग की जान, मामले की जांच में जुटी पुलिस

भारत में ऑनलाइन गेम का क्रेज बच्चों में तेजी से बढ़ रहा है। आज कल हर दूसरा बच्चा आपको बाहर खेलते हुए नहीं बल्कि गेम खेलता मिलेगा। इसी के चक्कर में कई बच्चे आत्महत्या जैसे घातक कदम भी उठाने लगे हैं। ताजा मामला मुंबई के भोईवाड़ा इलाके का है, जहां एक 14 साल के छात्र ने मोबाइल गेम के चक्कर में आकर आत्महत्या कर ली है। जानकारी के मुताबिक छात्र ऑनलाइन गेम में चैलेंज को पूरा करने और ज्यादा खेलने की मांग अपने घरवालों से कर रहा था, लेकिन परिवार वाले उसे मना कर रहे थे। इसके बाद उसने आत्महत्या कर ली। फिलहाल भोईवाड़ा पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है। 

पुलिस के मुताबिक कक्षा 7वीं के छात्र को फ्री फायर गेम खेलने की आदत थी। इस गेम को भारत सरकार ने अन्य कुछ गेमों के साथ प्रतिबंधित कर दिया है, लेकिन चोरी छिपे इस गेम को खेला जा रहा है। हालांकि बच्चे के माता-पिता का कहना है कि इस छात्र को लत नहीं थी वो कभी-कभी ही फ्री फायर गेम खेलता था। बच्चे के माता-पिता और शिक्षकों का कहना है कि लड़का पढ़ाई में अच्छा था और उसे क्रिकेट खेलना पसंद था। 

घर पर नहीं थे पिता

जानकारी के मुताबिक रविवार रात करीब साढ़े 7 बजे लड़के ने अपने पिता को फोन किया था। लड़के के पिता यात्रा कर रहे थे। इसलिए बात नहीं कर पाए। जब लड़के के पिता ने वापस कॉल किया तो लड़के ने फोन नहीं उठाया। बच्चे की मां भी काम के सिलसिले से बाहर थी। दोनों के घर पहुंचने पर बच्चे ने दरवाजा नहीं खोला, जिसके बाद दरवाजे के तोड़ने पर बच्चा मृत मिला। 

MP में  13 साल के बच्चे ने की थी खुदकुशी

भोईवाड़ा पुलिस का कहना है कि ये ऑनलाइन फ्री फायर गेम ग्रुप में खेला जाता है। ग्रुप में दोस्त भी जुड़े होते हैं। ऐसे में ये पता लगाया जा रहा है कि आखिरकार ऐसा क्या हुआ होगा जिसके कारण युवक ने ये कदम उठाया। क्या कोई चैलेंज था जिसे पूरा करने के लिए युवक ने खतरनाक कदम उठाया। बता दें कि इससे पहले एक ऐसा ही मामला MP से भी सामने आया था, जहां ऑनलाइन गेम में हजारों रु गंवाने के बाद एक बच्चे नें सुसाइड कर लिया था। 

सुसाइड नोट में बच्चे ने मांगी थी माफी

13 साल के बच्चे ने एक गेम के चक्कर में 40 हजार रुपये गंवा दिए थे, जिसके बाद उसने आत्महत्या कर ली थी। इस बच्चे को भी फ्री फायर गेम की आदत थी। बताया गया कि बच्चे की मां ऑफिस में थी जब उनके फोन पर पैसे कटने का मैसेज आया। मां ने फोन कर अपने बेटे को डांटा, जिसके बाद उसने आत्महत्या कर ली। मामले की जांच करने पहुंची पुलिस ने घटनास्थल से सुसाइड नोट बरामद किया था, जिसमें बच्चे ने अपनी मां से माफी मांगी थी। 

नाबालिग ने की थी आत्महत्या

वहीं सूरत में भी मोबाइल नहीं मिलने पर 16 साल की लड़की ने खुद को फांसी लगा ली। परिजन का कहना था कि मोबाइल की वजह से पढ़ाई नहीं हो पाती है इसलिए नाबालिग से परिजन ने मोबाइल ले लिया था और उसे वापस नहीं लौटाया, जिससे नाराज होकर उसने कमरे में खुदकुशी कर ली। 

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