निर्भया के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या (Nirbhaya gang-rape and murder) को 8 साल से ज्यादा समय बीत (8 years of nirbhaya scandal) चुका है। वहीं निर्भया से दरिंदगी करने वाले 4 युवकों को फांसी भी दी जा चुकी है, लेकिन फिर भी महिलाओं के खिलाफ अपराधों की संख्या (Number of crimes against women) में कमी नहीं आ रही है। राजस्थान के अलवर में एक बार फिर निर्भया जैसी दरिंदगी दोहराई गई है। दरअसल, यहां दरिंदों ने नाबालिग के साथ गैंगरेप कर उसे पुलिया पर फेंक दिया। लहूलुहान किशोरी एक घंटे तक पुलिया पर तड़पती रही।
सूचना पर पहुंची पुलिस उसे अस्पताल ले गई, जहां हालत गंभीर होने पर डॉक्टर्स ने उसे जेके लोन अस्पताल जयपुर रेफर कर दिया। जेके लोन अस्पताल में नाबालिग का ऑपरेशन किया गया है। गैंगरेप के आरोपी अभी भी पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं। SP तेजस्वनी गौतम ने बताया कि तिजारा फाटक पुलिया पर गैंगरेप के बाद नाबालिग को फेंका गया था। लहूलुहान नाबालिग चिल्ला भी नहीं सकी। जब उसे अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टर्स ने जांच की। तब जाकर पता चला कि पीड़िता मूक-बधिर है। फिलहाल पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है। CCTV फुटेज खंगाले जा रहे हैं। पुलिस की 3 टीम बदमाशों की तलाश में लगी हुई है।
7 डॉक्टर्स की टीम कर रही इलाज
जेके लोन अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अरविंद शुक्ला ने बताया कि 7 डॉक्टर्स की टीम बच्ची का इलाज कर रही है। बच्ची को शॉर्प ऑब्जेक्ट से बुरी तरह घायल किया गया है। महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश और उद्योग मंत्री शकुंतला रावत भी बच्ची का हाल जानने अस्पताल पहुंची थीं। पुलिस को मंगलवार देर रात पता चला कि नाबालिग मूक-बधिर मालाखेड़ा से अलवर की तरफ आई थी। वह टैंपो में बैठी थी। उसके बाद गैंगरेप की वारदात हुई है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि कार सवार लोगों ने नाबालिग को पुलिया पर फेंका है। इसके बाद लोगों ने पुलिस को फोन किया।
लगातार बढ़ रहे अपराध
पुलिस का कहना है कि मालाखेड़ा के पास धवाला से नाबालिग का अपहरण किया गया। इसके बाद बदमाश उसे सुनसान जगह लेकर गए, जहां गैंगरेप के बाद नाबालिग की हालत बिगड़ी तो उसे पुलिया पर फेंका गया। रात से पुलिस ने कई जगहों पर CCTV खंगाले हैं, फिर भी पुलिस अभी खाली हाथ ही है। अलवर जिले में आए दिन गैंगरेप की घटनाएं सामने आती रहती हैं। कुछ समय पहले थानागाजी में हुए गैंगरेप के मामला देशभर में उछला था। मंत्री ममता भूपेश ने कहा कि मामले का पता लगते ही पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की है। ऐसी घटना न हो, इसके लिए लोगों को भी सरकार के साथ मिलकर काम करना पड़ेगा।
पुलिस ने दी जानकारी
पुलिस के मुताबिक दरिंदों ने मूकबधिर नाबालिग के साथ गैंगरेप के बाद किसी नुकीली चीज से उसके प्राइवेट पार्ट पर वार किए हैं, जिसे लेकर युवक गाड़ी में घूमते रहे। जख्मों से खून लगातार बहता रहा। इस बीच वे उसे एक पुलिया पर फेंक कर भाग गए। पीड़िता तिजारा पुलिया पर करीब एक घंटे पड़ी रही। इस दौरान इतना खून बहा कि सड़क लाल हो गई। खून से लथपथ नाबालिग को कुछ राहगीरों ने देखा तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी। डॉ केके मीणा ने बताया कि शुरुआत में नाबालिग को देखकर लगा कि वह मानसिक रूप से कमजोर हो सकती है। मुंह से आवाज नहीं निकल रही थी, तब पता चला कि वह मूक बधिर है। उम्र करीब 14 साल है। मंगलवार शाम करीब 4 बजे घर से निकल गई थी। अभी तक यह पता नहीं चला कि दरिंदों ने कहां से और कैसे उसका अपहरण किया।
नाबालिग के प्राइवेट पार्ट में नुकीली चीज से वार
डॉ केके मीणा ने बताया कि नाबालिग का बहुत अधिक खून बह चुका था। उसके प्राइवेट पार्ट में काफी बड़ा कट लगा हुआ था। किसी नुकीली चीज से ये जख्म किया गया। इसी कारण उसका काफी खून बह गया है। अलवर के अस्पताल में नाबालिग को 2 यूनिट खून चढ़ाया गया। इसके बाद एक यूनिट एक्स्ट्रा खून के साथ नाबालिग को अलवर से जयपुर रेफर किया। जयपुर में डीएसपी अंजू जोरवाल सहित स्टाफ लेकर गया। वहां जेके लॉन अस्पताल में नाबालिग का इलाज चल रहा है। ऑपरेशन की जरूरत भी इसलिए पड़ी क्योंकि नाबालिग के प्राइवेट पार्ट में नुकीली वस्तु डाली गई थी, जिससे काफी बड़ा कट लगा हुआ था।
राजस्थान सरकार से साढ़े 3 लाख की सहायता
नाबालिग के परिवार को सरकार से करीब साढे 3 लाख रुपए की सहायता देने की कलेक्टर ने मंजूर की है। इसके अलावा अलवर ग्रामीण के विधायक, सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के मंत्री टीकाराम जूली नाबालिग के परिवार से मिले हैं और पूरी मदद का आश्वासन दिया है।