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मंत्री TS सिंहदेव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को लिखा पत्र, रायपुर एम्स और मेडिकल कॉलेज में जीनोम सीक्वेंसिंग लैब की मांग

छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने रायपुर के एम्स (AIIMS) और पंडित जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय में जीनोम सीक्वेंसिंग (Genome Sequencing) जांच की सुविधा जल्द शुरू करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया को पत्र लिखा है। उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि कोविड-19 का नया वैरिएंट और उसका बदलता स्वरूप वैश्विक स्तर पर गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है। भारत भी इससे अछूता नहीं है। देश के ज्यादातर राज्यों में कोविड के नए वैरिएंट के बढ़ते संक्रमण की खबरें लगातार आ रही हैं। छत्तीसगढ़ कई राज्यों की सीमाओं से घिरा हुआ है। इसलिए यहां भी कोरोना के नए मामले लगातार सामने आ रहे हैं।

स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ में कोरोना के वैरियंट का पता लगाने के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं है। हमें इसके लिए सैंपल भुवनेश्वर (ओडिशा) भेजकर रिपोर्ट मंगानी पड़ती है, जिसमें काफी समय लगता है। जांच की गति धीमी होने के कारण ये भी पता नहीं चल पा रहा है कि हमारे क्षेत्र में फैलने वाला कोरोना वैरिएंट ओमिक्रॉन, डेल्टा या अन्य कोई दूसरा है। इसके कारण कोरोना की रोकथाम, जांच और इलाज के संबंध में महत्वपूर्ण फैसला लेने और रणनीतिक तैयारी करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

मंत्री सिंहदेव ने राज्य की वर्तमान परिस्थितियों के दृष्टिगत एम्स रायपुर में जीनोम सीक्वेंसिंग जांच की सुविधा तत्काल शुरू कराए जाने का आग्रह किया है। उन्होंने रायपुर के शासकीय मेडिकल कॉलेज में भी जीनोम सीक्वेंसिंग जांच की सुविधा जल्दी शुरू करने के लिए जरूरी आर्थिक और तकनीकी सहयोग उपलब्ध कराने का भी अनुरोध किया है। इनके शुरू हो जाने से समय पहले प्रदेश में कोरोना संक्रमण से बचाव और बेहतर इलाज की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा सकेंगी। उन्होंने जन-जीवन से जुड़े इस महत्वपूर्ण और संवेदनशील विषय पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जल्द समुचित फैसला लेकर तत्परतापूर्वक कार्रवाई करने की अपील की है। 

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