दक्षिण अफ्रीका में कोरोना का नया वैरिएंट मिलने के बाद पूरी दुनिया सतर्क हो गई है। इस बीच कर्नाटक में 2 संक्रमित मरीजों में ओमिक्रोन वैरिएंट की पुष्टि हुई है। 66 साल और 46 साल के दो लोगों में ओमिक्रोन का संक्रमण पाया गया है और इसके लक्षण हल्के हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के ज्वाइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी है।
लव अग्रवाल ने कहा कि 29 देशों में 373 ओमिक्रोन के केस दुनिया में रिपोर्ट हुए हैं। भारत इस पर नजर रखे हुए है। उन्होंने कहा कि ये ओमिक्रोन वैरिएंट बीटा और डेल्टा वैरिएंट से ज्यादा तेजी से फैलता है। WHO के मुताबिक इस वैरिएंट में 45 से 52 म्यूटेशन देखे गए हैं। रिपोर्ट में जो अब तक आई है उसमें इसे माइल्ड पाया गया है। ओमिक्रोन के खतरों के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि वैक्सीन पर हमें ध्यान देना है, उसी तरह मास्क और बाकी चीजें जैसे हाथ धोना जारी रखना है।
ज्वाइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने दी जानकारी
ज्वाइंट सेक्रेटरी ने कहा कि जो भी यात्री एट रिस्क देशों से आ रहे हैं, उनका RT-PCR टेस्ट किया जा रहा है। अगर कोरोना की पुष्टि होती है तो उन्हें गाइडलाइन के मुताबिक ट्रीट किया जाता है। अगर रिपोर्ट निगेटिव आती है तो उन्हें 7 दिनों के लिए क्वारंटाइन किया जाता है। 30 नवंबर को अपडेट सूची के मुताबिक जोखिम वाले (एट रिस्क) देशों में यूरोपीय देश, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बोत्सवाना, चीन, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे, सिंगापुर, हांगकांग और इजराइल शामिल हैं।
All #Omicron related cases are found to have mild symptoms so far...In all such cases in the country and across the world so far, no severe symptom has been noted. WHO has said that its emerging evidence is being studied: Lav Agarwal, Joint Secretary, Union Health Ministry pic.twitter.com/7cfCAwHRt0
— ANI (@ANI) December 2, 2021
ICMR के महानिदेशक ने लोगों से की अपील
ICMR के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने कहा कि ओमिक्रोन वैरिएंट आए हैं, लेकिन पैनिक करने की जरूरत नहीं है। कोविड नियमों का पालन करना जरूरी है। लोगों को वैक्सीन जरूर लेनी चाहिए। वहीं नीति आयोग के सदस्य डॉ वी के पॉल ने कहा कि 125 करोड़ वैक्सीन डोज लग चुकी है और 89 फिसदी को पहली डोज लग चुकी है। हर घर दस्तक कार्यक्रम की वजह से वैक्सीन में बढ़ोतरी हुई है।
नए वैरिएंट से संक्रमितों में से एक डॉक्टर
वहीं कर्नाटक में मिले नए वैरिएंट के मरीजों को लेकर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ के सुधाकर ने जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि संक्रमितों में एक की उम्र 66 साल है और वो दक्षिण अफ्रीकी नागरिक है। दूसरे 46 साल के डॉक्टर हैं। इनकी ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है यानी की हाल फिलहाल में डॉक्टर ने विदेश यात्रा नहीं की है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर की प्राइमरी और सेकेंडरी कॉन्टैक्ट का पता लगाया है। इनमें से 5 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। सभी को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। किसी में गंभीर लक्षण नहीं मिले हैं। सभी को वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी थी।
2 people found positive for the #Omicron variant of COVID19. One person is about a 66-year-old, South African national, who has gone back. Another person is a 46-year-old doctor. He doesn't have any travel history: Karnataka Health Minister Dr K Sudhakar pic.twitter.com/5aBjETtIUt
— ANI (@ANI) December 2, 2021
डॉक्टर सुधाकर ने दी जानकारी
डॉक्टर सुधाकर ने कहा कि जो दूसरा व्यक्ति दुबई के रास्ते दक्षिण अफ्रीका लौटा है उसने कोरोना निगेटिव रिपोर्ट दी। कोरोना की जांच प्राइवेट लैब में किया गया था। उसके प्राइमरी और सेकेंडरी कॉन्टैक्ट्स की जांच की गई। इनमें कुल 264 लोगों की कोरोना जांच निगेटिव आई है। इसका मतलब है कि सर्टिफिकेट सही होगा। दक्षिण अफ्रिकी नागरिक 20 नवंबर को बेंगलुरू आए थे। इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कर्नाटक में मिले दो मामलों की पुष्टि की थी। साथ ही कहा था कि 'हमें ओमिक्रोन के मामले सामने आने पर दहशत में आने की जरूरत नहीं है, बल्कि जागरूक होने की जरूरत है।
डॉ नरेश त्रेहान ने नए वैरिएंट के बारे में दी जानकारी
कोरोना का नया वैरिएंट देश में पैर पसारे उससे पहले ही डॉक्टर्स लोगों को जागरूक कर रहे हैं और इससे अलर्ट रहने की सलाह दे रहे हैं। देश के चर्चित डॉक्टर और मेदांता अस्पताल के फाउंडर डॉ नरेश त्रेहान ने कोरोना के इस नए रूप को लेकर अहम जानकारियां दी हैं। उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित एक व्यक्ति 18 से 20 लोगों को कोरोना पॉजिटिव कर सकता है। उन्होंने बताया कि ओमिक्रॉन का R नॉट वैल्यू अन्य वैरिएंट की तुलना में कहीं ज्यादा है। डॉक्टर त्रेहान ने लोगों को कोरोना के इस वैरिएंट से सतर्क रहने की सलाह दी है।
There are 2 parts to the virus to worry about-infectivity & virulence. The R0 factor may be 12-18 times or even higher. It means it could be a very devastating spread. Right now, we don't know the exact details of it: Dr Naresh Trehan, Chairman-MD, Medanta, The Medicity#Omicron pic.twitter.com/DQDXoY624y
— ANI (@ANI) December 2, 2021
टीकाकरण के अलावा और कोई विकल्प नहीं: डॉ त्रेहान
डॉ त्रेहान ने कहा कि हमारे पास वैक्सीनेशन के अलावा कोई विकल्प नहीं है, क्योंकि इससे न्यूनतम सुरक्षा बनी रहेगी। उन्होंने ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर बताया कि इसके बारे में जानने और रोकने के लिए इस पर ज्यादा से ज्यादा डेटा की आवश्यकता है। डॉ त्रेहान ने कहा कि ये ठीक होने वाला है या विनाशकारी होने वाला है, इससे संबंधित हमारे पास कोई सुझाव नहीं है। हम सिर्फ इतना जानते हैं कि हम बहुत मुश्किल स्थिति में हैं, क्योंकि जो नया वैरिएंट मिला है उसके 30 से ज्यादा रूप हैं।
घबराना नहीं सावधान रहना है: डॉ त्रेहान
डॉ त्रेहान ने कहा कि हम नहीं जानते कि यह कैसा व्यवहार करेगा, लेकिन अगर आप दक्षिण अफ्रीका के शुरुआती आंकड़ों पर नजर डालें तो यह कहता है कि एक दिन में मामलों की संख्या दोगुनी हो सकती है। यह एक ऐसा सच है जो पूरी दुनिया को सतर्क कर रहा है। हमें सावधान रहना चाहिए, लेकिन घबराना नहीं चाहिए। टीकाकरण महत्वपूर्ण है।
भारत के लिए आने वाले 2 हफ्ते काफी अहम
गंगाराम अस्पताल के डॉ धीरेन ने कहा कि भारत में ओमीक्रॉन मामलों के आने की उम्मीद थी। भारत में लोगों को शांत और संयमित रहने की जरूरत है, लेकिन साथ ही हमें सतर्क भी रहना है। हमारी प्रारंभिक रिपोर्ट के साथ, हम कह सकते हैं कि यह अन्य वैरिएंट की तुलना में एक हल्का वायरस है। उन्होंने आगे कहा कि लोगों में जागरूकता की कमी के कारण बिना लक्षण वाले मामले तेजी से फैलते हैं। टीकाकरण से हम सभी को लाभ होगा। अगले 2 हफ्ते काफी अहम होने वाले हैं। इस अवधि को पर्सनल लॉकडाउन के तौर पर लें। दक्षिण अफ्रीका में ओमीक्रॉन से युवा प्रभावित हुए हैं।
WHO ने की इन देशों की सराहना
WHO दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉ पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा है कि WHO उन देशों की सराहना करता है नए वैरिएंट के मामलों का शीघ्रता से पता लगाने और रिपोर्ट करने में सक्षम हुए हैं। उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन वैरिएंट में बड़ी संख्या में म्यूटेशन होते हैं, जिनमें से कुछ चिंता का विषय हैं। दुनिया भर के शोधकर्ता ओमिक्रॉन की संप्रेषण क्षमता, गंभीरता और प्रतिरक्षा से बचने की क्षमताओं को बेहतर ढंग से समझने के लिए अध्ययन कर रहे हैं। इसी के साथ उन्होंने ये भी कहा कि भारत में सामने आए ओमीक्रॉन के दो मामले जो WHO दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में पहले दो मामले हैं, आपस में जुड़ी दुनिया को देखते हुए अप्रत्याशित नहीं थे।
एक दिन में बढ़कर दोगुनी हुई मरीजों की संख्या
इधर, दक्षिण अफ्रीका में कोरोना के नए वैरिएंट से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या एक दिन में दोगुनी हो गई है। इस रफ्तार से बढ़ रहे मामलों ने ना सिर्फ दक्षिण अफ्रीका बल्कि उन 24 देशों को भी तनाव में ला दिया है जहां ओमिक्रोन वेरिएंट के मरीज सामने आए हैं। वहीं दूसरी तरफ दक्षिण अफ्रीका ने भी वैक्सीनेशन की रफ्तार भी तेजी लाई है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीनेट कर नए वैरिएंट से बचाया जा सके।
इम्यूनिटी से बचने में सक्षम
वहीं ओमिक्रोन पर स्टडी कर रहे एक्सपर्ट की माने तो इस स्ट्रेन के शुरुआती संकेत बताते हैं कि ओमिक्रोन पिछले वैरिएंट की तुलना में ज्यादा संक्रामक हो सकता है, जो पहले से ही वित्तीय बाजारों में हलचल मचा चुका था। दक्षिण अफ्रीका के नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर कम्युनिकेबल डिजीज ने कहा कि ओमिक्रोन के प्रोफाइल और शुरुआती महामारी विज्ञान के आंकड़ों से पता चलता है कि यह कुछ इम्यूनिटी से बचने में सक्षम है, लेकिन वैक्सीन अभी भी लोगों को मौत से बचा सकती है।
10 तक पहुंच सकती है संख्या
राष्ट्रीय संक्रामक रोग संस्थान ने बुधवार शाम आंकड़ा जारी करते हुए बताया कि कोरोना के इस नए स्ट्रेन ने पिछले 24 घंटे में 8,561 लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है, जबकि इससे एक दिन पहले 4,373 मामले पाए गए थे। वहीं महामारी रोग विशेषज्ञ डॉ. सलीम अब्दुल करीम मामलों के स्पीड को देखते हुए कहा कि अगर ये वायरस इसी तरह फैलता रहा तो सोमवार तक ओमिक्रोन के मामलों की संख्या 10 तक पहुंच सकती है।
गाउतेंग प्रांत से सामने आए 72% मरीज
वायरस के संक्रमण का शिकार हुए मामलों में 72 प्रतिशत मरीज गाउतेंग प्रांत से सामने आए हैं। संक्रमितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए गाउतेंग प्रांत में होने वाले किसी भी समारोह पर अनिश्चितकाल तक रोक लगा दी गई है। साथ ही सरकार पर इस बात का दबाव बढ़ गया है कि उन लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगाया जाए, जिन्होंने टीकाकरण नहीं कराया है। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने रविवार को घोषणा की थी कि देश में सबसे निचले स्तर यानी पहली श्रेणी का लॉकडाउन ही जारी रहेगा। विश्लेषकों का कहना है कि निचले स्तर के इस लॉकडाउन के तहत देश में बड़ी संख्या में लोगों को एकत्र होकर सभाएं करने की अनुमति है और इस संख्या को कम किए जाने की आवश्यकता है।
क्यों उभर रहे नए वैरिएंट
ओमिक्रोन में म्यूटेशन की असामान्य रूप से बड़ी संख्या हैरान करने वाली है, लेकिन इसके अन्य वैरिएंट का सामने आना अप्रत्याशित नहीं है। इसकी एक व्याख्या ये है कि ऐसे मरीज, जिसकी प्रतिरक्षा प्रणाली दब गई हो, उसके लंबे समय तक बीमार रहने से कई म्यूटेशन हो सकते हैं। यह एक ऐसी स्थिति है, जो विषाणु के लगातार होने वाले विकास को जन्म दे सकती है। रिसर्च करने वालों के जताए गए अनुमान के मुताबिक पहले के कुछ सार्स-सीओवी-2 वैरिएंट जैसे कि अल्फा लगातार संक्रमित हो रहे मरीज से पैदा हुआ हो सकता है। हालांकि ओमिक्रोन के कई म्यूटेशन इसे अलग ही बनाते हैं और इस पर यह सवाल उठता है कि यह कैसे आया।
जानिए कहां से आया ओमिक्रोन वैरिएंट
वायरस के वैरिएंट का एक अन्य संभावित स्रोत पशु हो सकते हैं। जिस वायरस से कोविड-19 होता है, वह जानवरों की कई प्रजातियों को संक्रमित कर सकता है, जिनमें बाघ, शेर, बिल्ली और कुत्ते समेत अन्य शामिल हैं। रिसर्चर कहते हैं कि यह एक ऐसी स्टडी है, जिसकी अभी समीक्षा नहीं हुई है। एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने हाल में पाया कि अमेरिका में खुले क्षेत्र और बंद क्षेत्र मे रखे गए सफेद पूंछ वाले हिरण ज्यादा संख्या में संक्रमित पाए गए हैं। इसलिए ओमिक्रोन के किसी जानवर से उभार की संभावना को खारिज नहीं किया जा सकता। स्टडी में यह पाया गया कि सार्स-सीवोवी-2 के मूल और शुरुआती वैरिएंट की तुलना में डेल्टा वैरिएंट से संक्रमित मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने का ज्यादा खतरा रहता है।
डेल्टा से ज्यादा शक्तिशाली है ओमिक्रोन!
फिलहाल ये कहना अभी जल्दबाजी होगी कि ओमक्रोन डेल्टा से ज्यादा शक्तिशाली है। ओमिक्रोन में कुछ म्यूटेशन डेल्टा वैरिएंट के हैं, लेकिन इसमें अन्य वैरिएंट के भी म्यूटेशन हैं, जो कि बिल्कुल अलग है। वहीं एक खास कारण से अनुसंधान समुदाय ओमिक्रोन को लेकर चिंतित है, क्योंकि इसमें रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन में 10 म्यूटेशन है। मतलब स्पाइक प्रोटीन का वो हिस्सा जो कोशिकाओं में प्रवेश में मध्यस्थता की भूमिका निभाता है। जबकि डेल्टा वैरिएंट में ये सिर्फ दो ही थे। इस बात की ज्यादातर आशंकाएं हैं कि ओमिक्रोन वैरिएंट सार्स-सीओवी-2 का अंतिम वैरिएंट नहीं है और इसके और भी वैरिएंट आने की आशंकाएं हैं और कोविड-19 के प्रसार को ध्यान में रखते हुए ऐसे वैरिएंट भी सामने आ सकते हैं, जो डेल्टा से ज्यादा संक्रामक हों।