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राजधानी रायपुर समेत ज्यादातर जिलों में हुई तेज बारिश, ओले भी गिरे

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर समेत कई जिलों में साल के आखिरी दिनों में मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है। दरअसल, चक्रवाती हवाओं ने छत्तीसगढ़ का मौसम बदल दिया है। मंगलवार को राजधानी रायपुर, भिलाई, राजनांदगांव, कोरिया, कवर्धा, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा, कोरबा, बेमेतरा समेत अधिकांश जिलों में बारिश हुई। वहीं रायपुर, कवर्धा, बेमेतरा में ओले भी गिरे हैं। इस बारिश की वजह से दिन के तापमान में भी 3 से 4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट होने की संभावना है।

छत्तीसगढ़ के कोरिया और बिलासपुर जैसे कुछ हिस्सों में दोपहर बाद गरज-चमक के साथ बरसात शुरू हो गई थी। शाम होते-होते सरगुजा, बिलासपुर और रायपुर संभाग के अधिकांश हिस्सों में बरसात होने लगी। इस बीच दुर्ग संभाग के जिलों में बारिश के साथ ओले गिरे। रायपुर में शाम को हवा तेज हो गई। करीब 8 बजे से यहां बरसात होने लगी। इसके साथ ओले भी गिरे। गरज-चमक के साथ बरसात देर रात तक होती रही। इस दौरान कई निचले इलाकों में पानी भर गया। ठंडी हवाओं की वजह से रात ज्यादा ठंडी हो गई थी।

आज भी ऐसा ही रह सकता है मौसम

मौसम विभाग के मुताबिक छत्तीसगढ़ में 29 दिसंबर को कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने और गरज चमक के साथ छींटे गिरने की संभावना है। ओले भी गिर सकते हैं। ओलावृष्टि का क्षेत्र मुख्य रूप से प्रदेश का उत्तरी भाग होगा। कुछ क्षेत्रों में सुबह के समय मध्यम से घना कोहरा बनने की प्रबल संभावना है। अधिकतम तापमान में गिरावट होगी। जबकि न्यूनतम तापमान में विशेष परिवर्तन होने की संभावना नहीं है।

बहुत ठंडी हो सकती है 31 दिसंबर की रात

मौसम वैज्ञानिक एचपी चंद्रा ने बताया कि बारिश की वजह से दिन के तापमान में गिरावट आएगी। इससे ठंड का एहसास बढ़ेगा। 31 दिसंबर को जब मौसम साफ होगा तब दिन का तापमान बढ़ेगा, लेकिन रात सामान्य से ज्यादा ठंडी हो जाएगी। न्यूनतम तापमान में गिरावट कुछ दिन बनी रहेगी। नए साल के स्वागत की तैयारियों में ठंड से बचने के उपाय भी शामिल करने होंगे। मौसम विभाग के मुताबिक प्रदेश में उत्तर से ठंडी और शुष्क हवाओं का आगमन बंद हो गया है। वहीं दक्षिण छत्तीसगढ़ में दक्षिण से नमी युक्त अपेक्षाकृत गर्म हवा आ रही है। इसकी वजह से प्रदेश के न्यूनतम और अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी का ट्रेंड जारी है। 

30 दिसंबर के बाद मौसम हो सकता है साफ

रायपुर मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक एचपी चंद्रा ने बताया कि ऊपरी हवा का एक चक्रीय चक्रवाती घेरा दक्षिण-पश्चिम राजस्थान और उसके आसपास 1.5 किलोमीटर ऊंचाई पर बना हुआ है। दक्षिण-पश्चिम राजस्थान से उत्तर तेलंगाना तक विदर्भ होते हुए एक द्रोणिका भी 1.5 किलोमीटर ऊंचाई तक स्थित है। वहीं एक ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती घेरा उत्तर प्रदेश के मध्य भाग में 1.5 किलोमीटर तक स्थित है। इसके प्रभाव से छत्तीसगढ़ के अधिकांश जिलों में हल्की से मध्यम स्तर की बरसात संभावित है। 

कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने की भी संभावना है। हालांकि मौसम विभाग के मुताबिक 30 दिसंबर को मौसम खुलना शुरू हो जाएगा। कुछ क्षेत्रों में बादल छाए रह सकते हैं। इसकी वजह से कहीं-कहीं हल्की बारिश होगी। प्रदेश में धान खरीदी की प्रक्रिया जारी है। ऐसे में ये बरसात किसानों और सरकार दोनों पर भारी पड़ सकती है। खरीदी व्यवस्था में लगे अधिकारियों को धान को भीगने से बचाने का उपाय पहले से करना होगा। वहीं न्यूनतम तापमान में गिरावट आएगी। रातें अधिक ठंडी हो जाएगी।

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