छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में जवानों के आत्महत्या (suicide) करने का सिलसिला जारी है। ताजा मामला गरियाबंद का है, जहां CRPF के जवान ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली है। जवान ने AK 47 राइफल से खुद को गोली मारी , जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस के मुताबिक जवान का नाम उदय विर सिंह है, जो एटा उत्तर प्रदेश रहने वाला बताया जा रहा है।
घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस अधिकारियों का दल CRPF कैंप पहुंचा है और घटना स्थल का निरीक्षण किया। वहीं गरियाबंद SP जेआर ठाकुर ने घटना की पुष्टि की है। फिलहाल आत्महत्या के पीछे की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है। पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।
डिप्रेशन बन रही सबसे बड़ी वजह
डिप्रेशन (depression) में आकर जवान लगातार सुसाइड जैसे खतरनाक कदम उठा रहे हैं। इससे पहले बीजापुर के पामेड़ थाना क्षेत्र में पदस्थ एक आरक्षक ने खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी। बताया जा रहा है कि आरक्षक कुछ दिनों से मानसिक तनाव से गुजर रहा था। वहीं सुकमा के पुसपाल थाने में तैनात CAF के जवान ने भी सर्विस राइफल से खुद को गोली मार ली थी।
जवानों का काउंसलिंग
बता दें कि पुलिसकर्मियों को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस ने ‘स्पंदन’ अभियान की शुरुआत की थी। सीएम भूपेश बघेल के निर्देश पर छत्तीसगढ़ पुलिस ने 2 जून से ‘स्पंदन’ अभियान की शुरुआत की थी। जो 2 जून के बाद से पूरे प्रदेश में लागू कर दी गई थी। इस अभियान के तहत जवानों को काउंसलिंग दी जाती है और उनसे उनकी परेशानी पूछी जाती थी। साथ ही खेलकूद, योग और शारीरिक व्यायाम का अभ्यास भी कराया जाता था, जिससे जवानों का तनाव दूर हो।
आत्महत्या करने वाले जवानों के आंकड़ों पर एक नजर
- साल 2019 में छत्तीसगढ़ में 36 जवानों ने खुदकुशी कर ली थी।
- छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग के आंकड़ों के मुताबिक साल 2007 से साल 2019 तक 201 सुरक्षा बल के जवानों ने सुसाइड की है।
- 2020 में करीब 8 से ज्यादा जवान अब तक आत्महत्या कर चुके हैं।
- ज्यादातर आत्महत्या के मामले में डिप्रेशन की बात सामने आ रही हैं।