आंध्र प्रदेश के पूर्व CM और TDP चीफ चंद्रबाबू नायडू अमरावती में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रोने लगे। जानकारी के मुताबिक चंद्रबाबू नायडू व्यक्तिगत हमलों से आहत थे। TDP ने एक बयान में कहा कि उन्होंने विधानसभा की तुलना 'कौरव सभा' से की और YSRCP के मंत्रियों और विधायकों की ओर से 'चरित्र हनन' के विरोध में 2024 तक इसका बहिष्कार करने का फैसला किया। चंद्रबाबू नायडू ने कसम खाते हुए कहा कि जब तक सत्ता में नहीं लौटूंगा, विधानसभा में कदम नहीं रखूंगा।
सदन में विधानसभा अध्यक्ष तम्मिनेनी सीताराम ने जब उनका माइक संपर्क काट दिया, तब भी नायडू ने बोलना जारी रखा था। 2019 में हुए विधानसभा चुनावों में तेलुगूदेशम पार्टी को YSR कांग्रेस के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा था। भावुक हुए नेता विपक्ष ने सदन में कहा कि सत्तारूढ़ YSR कांग्रेस के सदस्यों के उनके खिलाफ लगातार इस्तेमाल किए जा रहे अपशब्दों से वह आहत हैं। नायडू ने कहा कि 'पिछले ढाई साल से मैं अपमान सह रहा हूं लेकिन शांत रहा। आज उन्होंने मेरी पत्नी को भी निशाना बनाया है। मैं हमेशा सम्मान के लिए और सम्मान के साथ रहा। मैं इसे और नहीं सह सकता।'
#WATCH | Former Andhra Pradesh CM & TDP chief Chandrababu Naidu breaks down at PC in AmaravatiHe likened the Assembly to 'Kaurava Sabha' & decided to boycott it till 2024 in protest against 'ugly character assassinations' by YSRCP ministers & MLAs, says TDP in a statement pic.twitter.com/CKmuuG1lwy— ANI (@ANI) November 19, 2021
विधानसभा अध्यक्ष तम्मिनेनी सीताराम ने जब उनका माइक संपर्क काट दिया, तब भी नायडू ने बोलना जारी रखा। सत्तारूढ़ दल के सदस्यों ने नायडू की टिप्पणी को 'नाटक' करार दिया। कृषि क्षेत्र पर एक चर्चा के दौरान सदन में दोनों पक्षों के बीच तीखी नोकझोंक के बाद पूर्व CM ने निराशा जताई। बाद में उन्होंने अपने केबिन में अपनी पार्टी के विधायकों के साथ अचानक बैठक की, जहां वह कथित तौर पर बहुत भावुक हो गए और रोने लगे।
तेदेपा के स्तब्ध विधायकों ने नायडू को सांत्वना दी, जिसके बाद वे सभी सदन में वापस आ गए। नायडू ने तब अपने फैसले की घोषणा की और कहा कि 'सत्ता में लौटने तक' वह विधानसभा सदन में कदम नहीं रखेंगे। पूर्व CM का रोते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।