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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नन्हीं लोक गायिका आरू के गायन को सराहा

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास में गोवर्धन पूजा के दौरान राउत नाचा और सुआ नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति के दौरान नन्हीं लोक गायिका आरू साहू के सुमधुर गायन की सराहना की और कहा कि आरू ने बहुत पुराना गीत 'चना के दार राजा, चना के दार रानी' की खूबसूरत प्रस्तुति दी है। उन्होंने छत्तीसगढ़ी गीतों के लालित्य और भाषा की मधुरता का उल्लेख करते हुए कहा कि आरु ने अपनी प्रस्तुति से पुराने भूले बिसरे छत्तीसगढ़ी गीतों की याद को ताजा कर दिया है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर देश के सुप्रसिद्ध गायक मोहम्मद रफी साहब को याद किया और कहा कि उन्होंने भी छत्तीसगढ़ी के 'गोंदा फूल गे मोर राजा, गोंदा फूल गे मोर बैरी' गाया था, जो काफी लोकप्रिय हुआ था।

बता दें कि आरू साहू ने 18 जुलाई को महासमुंद संसदीय क्षेत्र के लोकसभा सदस्य चुन्नीलाल साहू को उनके जन्मदिन पर गीत गाकर बधाई दी थी। उस समय गीत गाकर बधाई देने वाला ऑडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा था, जिसमें आरू कह रही थी- 'दादा जी ! आपके जन्मदिन पर मुझे गाना गाकर बधाई देना है।'  उन्होंने गीत गाकर बधाई देने के साथ बड़ी ही चतुराई से अपने नए गीतों का सांसद के समक्ष प्रमोशन भी किया था। 

कई मंचों पर दे चुकी है अपनी प्रस्तुति 

गौरतलब है कि महज 13 साल की आरू की दिल छू लेने वाली आवाज से उसकी छत्तीसगढ़ी हर गाने की लोकप्रियता दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। आरू साहू की माता पूर्णिमा साहू चारामा में जन्मी और वहीं पर उनकी शिक्षा दीक्षा पूर्ण हुई। उनकी शादी धमतरी जिले में हुई। आरू का जन्म नगरी में हुआ। 6 साल की उम्र से ही आरू घर पर रहकर ही अपने माता पूर्णिमा साहू, पिता शीत कुमार साहू के सहयोग से गीत संगीत सीख रही है। बीते कुछ सालों से छत्तीसगढ़ समेत राज्य के बाहर कई मंचों पर अपनी प्रस्तुति दे चुकी है। 

राष्ट्रीय लोक कलाकार मंच की ब्रांड एंबेसडर है आरू 

2019 के छत्तीसगढ़ राज्योत्सव में आरू साहू द्वारा उद्घाटन समारोह में छत्तीसगढ़ का राजकीय गीत 'अरपा पैरी के धार, महानदी हे अपार...।'  गाकर सबका मन मोह लिया। तभी उन्हें राष्ट्रीय लोक कलाकार मंच का ब्रांड एंबेसडर बनाया गया। महज 13 साल की आरू छत्तीसगढ़ का नाम पूरे भारत में रोशन कर रही है, जिस उम्र में बच्चे माइक पकड़ने से घबराते हैं। उस उम्र में छोटी सी आरू ने छत्तीसगढ़ी गीतों को नई पहचान देकर नाम रोशन किया है। आरू साहू अब तक 50 से ज्यादा छत्तीसगढ़ी गीत गा चुकी है। इसके अलावा हिंदी गाने भी आरू ने खुद की आवाज में गाकर लोगों तक पहुंचाया है।

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