कोरोना अभी तक पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। समय के साथ ही कोरोना भी अपना रूप बदल रहा है। अब तक कोरोना के डेल्टा, डेल्टा + और अल्फा जैसे कई वैरिएंट सामने आ गए हैं। इसी बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यूरोप में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर चेतावनी दी है। WHO का कहना है कि आने वाले महीनों में करीब 7 लाख लोग अपनी जान गंवा सकते हैं। WHO का मानना है कि अभी से लेकर 1 मार्च 2022 के बीच 53 में से 49 देशों में ICU में उच्च या अत्यधिक तनाव हो सकता है। इसी के साथ मरने वालों का आंकड़ा भी 22 लाख के पार पहुंच सकता है।
WHO का कहना है कि कोरोना यूरोप और मध्य एशिया में होने वाली मौतों की अहम और बड़ी वजह बना हुआ है। यूरोप में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी डेल्टा वैरिएंट, टीकाकरण में कमी और मास्क न पहनने समेत सोशल डिस्टेंसिंग जैसी चीजों में लापरवाही बरतने के चलते देखी जा रही है। इसमें टीकाकरण, सामाजिक दूरी, फेस मास्क का उपयोग और हाथ धोना शामिल है।
वैक्सीन प्लस अप्रोच अपनाने की अपील
WHO की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक बीते हफ्ते कोविड से संबंधित मौतें बढ़कर लगभग 4 हजार 200 प्रति दिन हो गई। जबकि सितंबर के आखिर में ये आंकड़ा 2 हजार 100 था। यूरोप के क्षेत्रीय निदेशक हैंस क्लूज ने एक बयान में कहा कि 'यूरोप और मध्य एशिया में कोविड-19 की स्थिति बहुत गंभीर है। हम आगे एक चुनौतीपूर्ण सर्दी का सामना कर रहे हैं।' इससे बचने के लिए उन्होंने वैक्सीन प्लस अप्रोच अपनाने की अपील की है।
क्या है डेल्टा+ वैरिएंट
यह कोरोना का अति संक्रामक वैरिएंट 'डेल्टा' से उत्परिवर्तित होकर 'डेल्टा+' या ‘AY1’ बन गया है। डेल्टा+ प्रकार, वायरस के डेल्टा या ‘बी1.617.2’ प्रकार में उत्परिवर्तन होने से बना है, जिसकी पहचान पहली बार भारत में हुई थी और यह महामारी की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार था। डेल्टा प्लस उस 'मोनोक्लोनल एंटीबाडी कॉकटेल' उपचार का रोधी है, जिसे हाल ही में भारत में स्वीकृति मिली है।