नियमावली में संशोधन से बढ़ा है विवाद
ऐसे हुआ आज का घटनाक्रम
बैठक में उपस्थित सामाजिक पदाधिकारियों के अनुसार बैठक में दुर्ग-भिलाई जिला साहू संघ को पृथक संगठन बनाने के एजेंडे पर चर्चा चल रही थी। इस बीच उपाध्यक्ष तुलसीदास साव ने कुछ बात कहना शुरू किया। जिस पर अध्यक्ष अर्जुन हिरवानी ने आपत्ति जताई। अध्यक्ष ने उपाध्यक्ष को बोलने से कथित तौर पर रोक दिया। इसे लेकर जमकर बवाल हुआ। इससे बैठक में अफरातफरी मच गई। वाद-प्रतिवाद की स्थिति में बैठक स्वमेव स्थगित हो गई। इसके पहले विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े साहू समाज के नेताओं द्वारा राजिम जयंती समारोह, आय-व्यय और प्रदेश साहू संघ की कार्यकारिणी को विश्वास में लिए बिना ही प्रदेशाध्यक्ष द्वारा कथित तौर पर मनमानी करने का मुद्दा भी गरमाया रहा।
महासमुन्द जिले से बढ़ा वैमनस्यता
बताया जाता है कि इस वैमनस्यता की जड़ महासमुन्द जिले के बसना और सरायपाली तहसील संघ का विभाजन और इसके चुनाव को लेकर उपजा है। यहां के निर्वाचन को बड़ी संख्या में लोग अवैध ठहरा रहे हैं। 25 अक्टूबर को शपथ ग्रहण और भूमिपूजन कार्यक्रम में प्रदेश के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू महासमुन्द जिले के दौरे पर जाने वाले हैं। बसना क्षेत्र के सामाजिक नेता तुलसीदास साव हैं। प्रदेश उपाध्यक्ष होते हुए भी इस कार्यक्रम में साव की उपेक्षा से वे खासे खफ़ा हैं, ऐसा बताया जा रहा है। गुटबाजी के चलते ही 17 जनवरी 2021 को महासमुन्द में आयोजित संभागीय सम्मेलन में महासमुन्द लोकसभा सांसद चुन्नीलाल साहू को अतिथि नहीं बनाया गया था। इसे लेकर भी जमकर विवाद हुआ था। इस पर प्रदेशाध्यक्ष द्वारा हस्तक्षेप नहीं करने से भी एक बड़ा वर्ग नाराज चल रहा है।
समाज में राजनीति नहीं होनी चाहिए
लंबे अर्से तक प्रदेश साहू संघ का नेतृत्व करने वाले वर्तमान में छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू कहते हैं कि सामाजिक संगठन में राजनीति नहीं होना चाहिए। यह समाज सेवा का मंच है। इसमें दलगत राजनीति और व्यक्तिगत निष्ठा से ऊपर सर्वजन हिताय की दिशा में काम करने वालों को प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए। आपसी वैमनस्यता का सार्वजनिक जीवन में कोई स्थान नहीं है।
मीडिया से बनाई दूरी
इस संबंध में प्रदेशाध्यक्ष अर्जुन हिरवानी का पक्ष लेने मोबाइल पर संपर्क करने पर उन्होंने फोन कॉल रिसीव नहीं किया। वहीं उपाध्यक्ष तुलसीदास साव ने ट्रैफिक में होने की बात कहते हुए कोई वक्तव्य नहीं दिया। बैठक में उपस्थित अनेक पदाधिकारियों ने बैठक में जमकर नारेबाजी, विवाद और मारपीट होने की पुष्टि की है। इस घटना के बाद बड़ी संख्या में सामाजिक नेता गृहमंत्री आवास पहुंचे थे। जहां बंद कमरे में हुई गुप्तगू का खुलासा नहीं हो पाया है।