मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वयं सेवक संघ यानी RSS की तुलना नक्सलियों से की है, जिसे लेकर विवाद पैदा हो गया है। BJP सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने CM भूपेश बघेल पर पलटवार किया है। प्रज्ञा ठाकुर ने बुधवार को कहा कि आज हिंदू और देश RSS के कारण ही सुरक्षित है। इधर, कांग्रेस ने BJP सांसद के इस बयान को भारतीय सेना का अपमान करार दिया है।
कांग्रेस नेता के.के. मिश्रा ने ट्वीट करते हुए कहा कि 'बकौल प्रज्ञा सिंह ठाकुर देश सुरक्षित है तो RSS के कारण! क्या हमारी सीमा पर सभी धर्मों की रेजिमेंट के बहादुर और शहीद सैनिक बुजदिल और गद्दार हैं? यह पूछने की हिम्मत है आपमें कि 96 सालों में संघ का पंजीयन,बायलॉज,सदस्यता सूची कहां है, डर है कहीं आप जैसा हश्र अन्य अतिवादियों का न हो?
बकौल प्रज्ञासिंह ठाकुर देश सुरक्षित है तो RSS के कारण! क्या हमारी सीमा पर सभी धर्मों की रेजिमेंट के बहादुर व शहीद सैनिक बुज़दिल व गद्दार हैं? यह पूछने की हिम्मत है आपमें कि 96 सालों में संघ का पंजीयन,बायलॉज,सदस्यता सूची कहाँ है, डर है कहीं आप जैसा हश्र अन्य अतिवादियों का न हो? pic.twitter.com/ax305TQMll
— KK Mishra (@KKMishraINC) October 13, 2021
पूर्व CM रमन सिंह का पलटवार
उन्होंने कहा कि शायद भूपेश जी को नहीं मालूम कि 1965 में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने RSS को गणतंत्र दिवस की परेड में सम्मिलित होने का निमंत्रण दिया था। आज इस देश में जिस प्रकार धर्मांतरण की आंधी चल रही है, उसको रोकने का काम अगर कोई संगठन सामने आकर करता है तो इसमें निश्चित रूप से छत्तीसगढ़ से लेकर पूरे देश में RSS की एक महत्वपूर्ण भूमिका रही है। बच्चों को संस्कार देना शिक्षित और राष्ट्रभक्त बनाना, यह RSS की शाखा में सिखाया जाता है। देश के प्रति अटूट भक्ति के कारण ही आज लाखों बच्चे सरस्वती शिशु मंदिर से निकलते हैं तो संस्कारित होकर निकलते हैं।
'कवर्धा की घटना छोटी नहीं'
'आज भूपेश जी की मानसिकता दिख गई कि कितनी ओछी मानसिकता है उनकी। कैसा विचार वह रखते हैं। वह कह रहे हैं कि कवर्धा की घटना छोटी है और उस घटना को बड़ी किया जा रहा है। महोत्सव मनाना गलत नहीं, आदिवासियों की समस्या का पहले निवारण करें। उत्सव मनाना चाहिए। उत्सव मनाने में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन प्राथमिकता यह होनी चाहिए कि आदिवासियों की मूलभूत समस्याओं का निराकरण होना चाहिए। उनकी बात सुनी जानी चाहिए, जिस प्रकार वह पीड़ित हैं, उनकी पीड़ा का निराकरण होना चाहिए।
सांसद संतोष पांडे ने बोला हमला
BJP के सांसद संतोष पांडे ने भी CM के बयान पर पलटवार किया है। साथ ही मुख्यमंत्री के इस बयान को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। संतोष पांडे ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा नक्सलियों के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तुलना करना बहुत ही दुर्भाग्यजनक है। लेकिन आश्चर्य इसलिए भी नहीं है कि अपनी अकर्मण्यता और अक्षमता को छिपाने के लिए वे यह आरोप लगाते रहे हैं। इनके आका भी आरोप लगाते रहे हैं। मैं इनसे पूछना चाहता हूं कि इनके पिताजी नंद कुमार बघेल राजनांदगांव के मानपुर क्षेत्र में आकर रासुका में तीन बार जेल गए। ऐसे ही सुरजेराम टेकाम से किस हैसियत से मिलते हैं। किस प्रकार से उनके साथ मीटिंग करते हैं, जिनका संबंध घोषित नक्सलियों से है।
सांसद ने उठाए कई सवाल
संतोष पांडे ने कहा कि सुरजेराम टेकाम सीएम हाउस आते हैं। सीएम हाउस में वे उनके कंधे पर हाथ रखकर उनको शाबाशी देते हैं कि आप तो मेरे पिताजी के समान हैं। आप तो मेरे पिता के मित्र हैं। आपके पिता का और आपकी पार्टी के लोगों का नक्सलियों से क्या संबंध है, भूपेश बघेल बताएं। संतोष पांडे ने भूपेश बघेल से यह भी पूछा है कि आपकी आका हाईकमान सोनिया गांधी हैं। हम तो अपने देश की अपनी मातृभूमि से संचालित होते हैं आप तो वेटिकन सिटी से संचालित होते हैं। क्या संबंध है वेटिकन सिटी से आप बताएं। राजीव गांधी फाउंडेशन के लिए आतंकी संगठन से आखिर चंदा क्यों लिया गया ? संतोष पांडे ने भूपेश बघेल से पूछा कि राजीव गांधी फाउंडेशन के लिए आतंकी संगठन से पैसा क्यों लिया गया आप बताएंगे ?
वीर सावरकर की छवि खराब करने की कोशिश: मोहन भागवत
इससे पहले RSS प्रमुख मोहन भागवत ने वीर सावकर को लेकर कहा कि इस देश में सही मायने में वे एक महान व्यक्ति थे, जिन्होंने राष्ट्रीयता को सर्वोपरि रखा और उन्होंने हिंदुत्व को ही राष्ट्रीयता माना, लेकिन शुरू से ही वीर सावरकर की छवि को खराब करने का प्रयास किया गया। साथ ही उन्होंने कहा कि इस देश में वीर सावरकर के बारे में लोगों के पास कम जानकारी है।
'भेदभाव उत्पन्न करने की कोशिश'
रूपा प्रकाशन की ओर से प्रकाशित की गई किताब के विमोचन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि 'सावरकर जी ने मानवता का ही प्रतिपादन किया है। उन्होंने कभी हिंदू-मुसलमान के बीच कोई अंतर नहीं देखा, लेकिन जिन शक्तियों ने देश में हिंदू-मुसलमान के बीच धर्म के आधार पर भेदभाव उत्पन्न करने की कोशिश की उन्हें जवाब देने के लिए उन्होंने कहा कि हिंदुत्व ही राष्ट्रीयता है। इसका मतलब ये नहीं कि वो मुसलमानों को अलग समझते थे।'
'आंख मूंदकर कोई फैसला नहीं लेते थे सावरकर'
RSS प्रमुख भागवत ने कहा कि 'विभाजन के बाद पाकिस्तान गए मुसलमानों का भी आदर नहीं है, लेकिन भारत में ऐसा नहीं है। सावरकर ने कहा था कि हमारे देश में बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक के बीच कोई भी अंतर नहीं रहेगा। ये थी सावरकर की सोच। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि सावरकर कहते थे कि राष्ट्रनीति के पीछे सुरक्षानीति को होना चाहिए। अब 2014 के बाद पहली बार लग रहा है कि सुरक्षा नीति राष्ट्रनीति के पीछे चल रही है। सावरकर जी शुद्ध वैज्ञानिक पद्धति के व्यक्ति थे। कभी भी आंख मूंदकर कोई फैसला नहीं लेते थे, न ही बात मानते थे।'