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देवों की नगरी उत्तराखंड में कुदरत ने फिर बरपाया कहर, भारी बारिश और भूस्खलन से अब तक 47 लोगों की मौत

देवों की नगरी उत्तराखंड में एक बार फिर से कुदरत ने कहर बरपाया है। प्रदेश के कुमाऊं और गढ़वाल क्षेत्र में मूसलाधार बारिश से मंगलवार को 42 और लोगों की मौत हो गई है। जबकि कई मकान ढह गए हैं। इसके साथ ही भारी बारिश से जुड़ी घटनाओं में अब तक मरने वालों की संख्या 47 हो गई है। प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि खराब मौसम के बीच कई घंटे के संघर्ष के बाद मंगलवार देर शाम नैनीताल से संपर्क बहाल कर दिया गया है। 

कुमाऊं क्षेत्र में 42 लोगों की मौत के साथ ही आपदा के कारण मरने वालों की संख्या 47 हो गई है। क्योंकि पांच लोगों की मौत सोमवार को हुई थी। मौसम विभाग के मुताबिक बुधवार को भी प्रदेश के कई इलाकों में बारिश के आसार बने हुए हैं। DIG निलेश आनंद भरणे ने बताया कि कुमाऊं क्षेत्र में मरने वालों की संख्या 40 से ज्यादा हो गई है। अधिकारी ने बताया कि इन 42 मौतों में से 28 लोग नैनीताल जिले में मारे गए हैं। जबकि छह-छह लोगों की मौत अल्मोड़ा और चंपावत जिलों में, एक-एक व्यक्ति की मौत पिथौरागढ़ और उधम सिंह नगर जिले में हुई है।

PM मोदी ने लिया जायजा

PM नरेंद्र मोदी ने भी फोन पर धामी से बात की और स्थिति का जायजा लिया। साथ ही हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ कुमाऊं क्षेत्र में बारिश प्रभावित इलाकों का दौरा करने गए पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि नैनीताल के काठगोदाम और लालकुआं और ऊधम सिंह नगर के रुद्रपुर में सड़कों, पुलों और रेल पटरियों को नुकसान पहुंचा हैं। कुमार ने कहा कि क्षतिग्रस्त पटरियों को ठीक करने में कम से कम चार-पांच दिन लगेंगे।

DIG ने दी जानकारी

DIG भरणे ने कहा कि खराब मौसम और लगातार बारिश के बावजूद नैनीताल में बंद सड़कों को खोल दिया गया है, मलबे हटा दिए गए हैं और पर्यटक स्थल का संपर्क बहाल कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि फंसे हुए पर्यटक कालाधुंगी ओर हलद्वानी के रास्ते अपने स्थानों के लिए रवाना हो रहे हैं। धामी ने कहा कि भारतीय वायु सेना के तीन हेलीकॉप्टर राज्य में पहुंच गए हैं और राहत और बचाव कार्यों में मदद कर रहे हैं। दो हेलीकॉप्टर नैनीताल जिले में तैनात किए गए हैं। जबकि तीसरा हेलीकॉप्टर गढ़वाल क्षेत्र में बचाव अभियान में शामिल है।

मौसम में सुधार होने की बात

मुख्यमंत्री ने राज्य के आपदा प्रबंधन मंत्री धन सिंह रावत और पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार के साथ बारिश से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। धामी ने कहा कि व्यापक क्षति हुई है। उन्होंने कहा कि फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने पर ध्यान दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने लोगों से नहीं घबराने की अपील करते हुए कहा कि लोगों की जान बचाने के लिए हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मौसम विभाग ने मंगलवार शाम से मौसम में सुधार होने की बात कही है।

CM धामी ने लोगों से की ये अपील

CM धामी ने चारधाम यात्रियों से फिर अपील की है कि वे जहां हैं, वहीं रुक जाएं और मौसम में सुधार होने से पहले अपनी यात्रा शुरू नहीं करें। उन्होंने चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों के जिलाधिकारियों से चारधाम यात्रा मार्ग पर फंसे हुए तीर्थयात्रियों की खासतौर से देखभाल करने का निर्देश दिया। इस बीच SEOC ने कहा कि राज्य की ज्यादातर नदियां उफान पर हैं और हरिद्वार में गंगा का जलस्तर 293.90 मीटर तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान 294 मीटर से मामूली नीचे है।

घटना को लेकर PM ने जताया दुख 

SEOC ने बताया कि नैनीताल में 90 मिलीमीटर, हल्द्ववानी में 128 मिमी, कोश्याकुटोली में 86.6 मिमी, अल्मोड़ा में 216.6 मिमी, द्वाराहाट में 184 मिमी और जागेश्वर में 176 मिमी बारिश हुई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बारिश से प्रभावित इलाकों का जायजा लिया और हरसंभव मदद का भरोसा दिया। CM धामी ने कहा कि प्रदेश में बड़ी आपदा आई है, जिसमें जनहानि के साथ ही पशु हानि भी हुई है।आपदा में जान गंवाने वालों के परिजनों को 4 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। वहीं PM मोदी ने आपदा से जान गंवाने वाले लोगों को लेकर दुख जताया है।

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