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नवजोत सिंह सिद्धू का पंजाब कांग्रेस पद से इस्तीफा, कई मंत्री छोड़ सकते हैं पद

कैप्टन अमरिंदर के CM पद से हटने के 10 दिन बाद ही नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा दे दिया है। हालांकि कांग्रेस के आलाकमान ने नवजोत सिंह सिद्धू का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है और स्थानीय पार्टी नेतृत्व से मामले को सुलझाने को कहा है। राज्य पार्टी प्रमुख के रूप में सिद्धू के इस्तीफे ने पंजाब कांग्रेस में संकट तेज कर दिया है। ऐसे में एक बार फिर पार्टी में चर्चा और मीटिंग का दौर शुरू हो गया है। 


बता दें कि पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफे के बाद नवजोत सिंह सिद्धू के घर पर देर रात तक हलचल रही। सिद्धू के घर पर एक बैठक हुई, जिसमें कैबिनेट मंत्री परगट सिंह, अमरिंदर सिंह राजा समेत कई विधायक मौजूद थे। बैठक के बाद विधायकों ने यही कहा कि जल्द ही मामला सुलझा लिया जाएगा, लेकिन सिद्धू के इस्तीफे के बाद पंजाब कांग्रेस में इस्तीफों का दौर शुरू हो गया है। मतलब मामला सुलझने के बजाय उलझता दिखाई दे रहा है।

वहीं पंजाब के CM चरणजीत सिंह चन्नी ने कैबिनेट की मीटिंग बुलाई है। चन्नी कैबिनेट की मीटिंग पहले 1 अक्टूबर को होनी थी, लेकिन पंजाब में जारी इस्तीफे और राजनितिक गतिविधियों को देखते हुए चन्नी ने आज ही बैठक बुलाई है। सूत्रों के मुताबिक फिलहाल कांग्रेस सिद्धू का इस्तीफा स्वीकार नहीं करेगी और इस मामले में पार्टी वेट एंड वॉच की रणनीति अपनाएगी। वहीं कैबिनेट मंत्री और सिद्धू की करीबी रजिया सुल्ताना ने भी इस्तीफा दे दिया है। दो और मंत्री इस्तीफा दे सकते हैं। पंजाब कांग्रेस के दो महासचिव गौतम सेठ और योगिंदर ढींगरा ने भी इस्तीफा दे दिया है। साथ ही गुलजार इंदर चहल ने पंजाब कोषाध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है।

3 नियुक्तियों से नाराज है सिद्धू

सिद्धू के घर बैठक में शामिल होने वालों में रजिया सुल्ताना भी शामिल थीं। उन्होंने सिद्धू को उसूलों वाला आदमी बताया और कहा कि वो पंजाब के लिए लड़ रहे हैं। सिद्धू के इस्तीफे के पीछे कई वजहों को अहम माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक नवजोत सिंह सिद्धू ने तीन नियुक्तियों पर नाराजगी के चलते इस्तीफा दिया है। राणा गुरजीत को मंत्री बनाने, IPS सहोता को DGP बनाने और APS देओल को एडवोकेट जनरल बनाने को लेकर सिद्धू नाराज है। सिद्धू को लग रहा था कि ना ही मंत्रिमंडल विस्तार में उनकी चली और ना ही अफसरों की नियुक्ति उनके मनमुताबिक हुई।  

विभागों के आवंटन के बाद दिया इस्तीफा    

सिद्धू ने 28 सितंबर को राज्य में गठित नए कैबिनेट के सदस्यों को विभागों के आवंटन के तुरंत बाद पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि, सिद्धू ने यह नहीं बताया कि उन्होंने इस्तीफा क्यों दिया। उन्होंने अपने इस्तीफे के पत्र में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखा कि वह पार्टी की सेवा करना जारी रखेंगे। सिद्धू ने अमरिंदर सिंह के साथ नेतृत्व को लेकर खींचतान के बीच इसी साल जुलाई में पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष का पद संभाला था। अमरिंदर सिंह ने 10 दिन पहले पार्टी आलाकमान पर खुद को अपमानित करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

कैप्टन ने सिद्धू पर कसा तंज

इधर, कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे के बाद कांग्रेस के नेतृत्व पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्होंने पहले ही बता दिया था कि सिद्धू स्थिर व्यक्ति नहीं हैं। उन्होंने ट्वीट किया, ‘मैंने आपसे कहा था वह स्थिर व्यक्ति नहीं है और सीमावर्ती राज्य पंजाब के लिए वह उपयुक्त नहीं है।'

दिल्ली दौरे पर कैप्टन

बता दें कि अमरिंदर सिंह ने सिद्धू को 'खतरनाक' और 'राष्ट्र-विरोधी' बताया था। उनका इस्तीफा अचानक उस दिन हुआ जब अमरिंदर सिंह दिल्ली के लिए रवाना हुए। सिंह की यात्रा की योजना से उन अटकलों को बल मिला था कि वह BJP के कुछ नेताओं से मिल सकते हैं। हालांकि, उनके मीडिया सहयोगी ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिंह निजी दौरे पर राजधानी आए हैं और कपूरथला हाउस खाली करेंगे, जहां पंजाब के मुख्यमंत्री दिल्ली के दौरे के दौरान रुकते हैं।

कैप्टन के करीबी विधायकों  कही ये बात

जानकारी के मुताबिक अमरिंदर सिंह के करीबी विधायकों ने सिद्धू के इस्तीफे को एक मौके के रूप में देखते हुए कैप्टन से फ्लोर टेस्ट की मांग करने को कहा है। नवजोत सिंह सिद्धू के पंजाब कांग्रेस प्रमुख के पद से इस्तीफा देने के कुछ घंटों बाद, कांग्रेसी नेताओं के इस्तीफे की लाइन लग गई। राज्य के कई पार्टी नेताओं के अपने पद से हटने का फैसला किया।

अमरिंदर ने पहले भी लगाया था सिद्धू पर गंभीर आरोप

राज्य पार्टी प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के साथ लंबे समय तक चले विवाद के बाद अमरिंदर सिंह ने विधानसभा चुनाव से ठीक पांच महीने पहले पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा देने के बाद उन्होंने कहा था कि वो आलाकमान के कदमों से अपमानित महसूस कर रहे हैं। इस दौरान कैप्टन ने सिद्धू को राष्ट्र विरोधी और राज्य चलाने के लिए अयोग्य बताया था। अब देखना होगा कि पंजाब कांग्रेस में सब कुछ ठीक हो पाएगा या स्थिति और पेचीदा हो जाएगी।

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