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केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री से मिले सांसद चुन्नीलाल, छत्तीसगढ़ में अकाल की स्थिति से कराया अवगत

महासमुंद। मीडिया को जारी बयान में महासमुंद लोकसभा सांसद चुन्नीलाल साहू ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के साथ-साथ महासमुंद संसदीय क्षेत्र में विकट अकाल की स्थिति है। खासकर बागबाहरा, पिथौरा, बसना और सरायपाली विकासखण्ड में 20 सालों बाद अकाल की ऐसी कालीछाया मंडरा रही है। क्षेत्र में सूखा और अल्पवर्षा के कारण खरीफ फसल सूखकर नष्ट हो गया है। 


किसान भविष्य को लेकर भयभीत और चिंतित हैं। मानसून का सितंबर माह में वापसी का समय हो गया है। क्षेत्र में बारिश नही के बराबर हुआ है। क्षेत्र में सिंचाई संसाधनों का अभाव तो है। उपलब्ध लघु ,मध्यम और वृहत जलाशयों में भी अल्पवर्षा के कारण जल भराव नहीं के समान हुआ है। इससे किसानों को सिचाई सुविधा नहीं मिल पा रहा है। ऐसी स्थिति रहा तो आने वाली समय मे निस्तारी की विकराल समस्या से भी जुझना पड़ेगा।


सांसद चुन्नीलाल साहू ने बताया कि सूखा की स्थिति को देखते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कृषि मंत्री रविंद्र चौबे को पत्र लिखा है। जिसमें मांग किया है कि क्षेत्र में अल्पवर्षा और सूखे की स्थिति का विशेष सर्वेक्षण दल भेजकर कृषि फसलों का वास्तविक स्थिति का अवलोकन, निरीक्षण कर तत्काल अकालग्रस्त घोषितकिया जाए। जिससे प्रभावित किसानों को यशस्वी प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी कृषि फसल बीमा योजना का लाभ समय पर किसानों को ज्यादा से ज्यादा मिल सके।

जल्द जारी होगी फसल बीमा की राशि 

सांसद साहू ने बताया कि उत्पन्न अकाल की त्रासदी के संबंध में केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री  कैलाश चौधरी से कृषि भवन नई दिल्ली मे आज मुलाकात कर अवगत कराया। मंत्री ने आश्वस्त करते हुए कहा है कि गिरदावरी का सही-सही आंकलन कर जितनी जल्दी रिपोर्ट केंद्र को राज्य सरकार प्रस्तुत करेंगे। उतनी जल्दी फसल बीमा की राशि जारी कर दिया जाएगा। जिससे प्रधानमंत्री फसल बीमा का लाभ क्षेत्र के किसानों को ज्यादा से ज्यादा मिल सकेगा।

राहत कोष उपलब्ध कराने की मांग

सांसद चुन्नीलाल साहू ने कहा कि राज्य सरकार अकाल घोषित कर क्षेत्र में प्रभावित किसानों के लिए  राज्य आपदा राहत कोष (S.D.R.F.) के तहत तत्काल राहत उपलब्ध करावें। जिससे पीड़ित किसान परिवारों और कृषि मजदूरों को राहत मिल सके। वहीं महासमुंद संसदीय क्षेत्र से लाखों की संख्या में मजदूर रोजी-रोटी और  मजदूरी के तलाश में अन्य प्रदेशों में हर साल पलायन करते हैं। समय पर सथानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध होने से पलायन पर भी विराम लग सकेगा।

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