अभनपुर के आमनेर गांव में रहने वाले दिव्यांग डोमार भारती की आंखों को रोशनी मिली है। दरअसल, शारीरिक रूप से 80 से 90 प्रतिशत दिव्यांग डोमार भारती मोतियाबिंद की परेशानी से जूझ रहे थे। वहीं स्वास्थ्य विभाग ने 25 अगस्त से 8 सितंबर तक राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा चलाया था । नेत्रदान पखवाड़े में जांच के बाद नेत्र सहायक अधिकारी रोशन साहू ने बताया कि डोमार भारती के आंख में मोतियाबिंद गंभीर स्तर पर है। इसके बाद उनकी टीम डोमार को रायपुर मेडिकल कॉलेज लेकर गई, जहां डोमार के मोतियाबिंद का सफल ऑपरेशन किया गया।
डोमार भारती का कहना है कि उनकी स्थिति इतनी गंभीर हो गई थी कि कुछ समझ में नहीं आ रहा था। डोमार का कहना है कि उन्हें खुद अपने बीमारी के बारे में पता नहीं था। क्योंकि यह प्रक्रिया धीरे-धीरे शुरू हुई थी। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन के बाद वे पूरी दुनिया को देख सकते हैं। डॉक्टरों की टीम उनकी दुनिया को फिर से रोशन कर दिया है।
आंखों का किया गया ऑपरेशन
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के नेत्र सहायक अधिकारी रोशन साहू ने बताया कि डोमार भारती शारीरिक रूप से दिव्यांग है। साथ ही उन्हें आंख में मोतियाबिंद की गंभीर शिकायत थी। उनको सिर्फ हैंड मूवमेंट दिखाई देता था। भारती पास की अंगुलिया भी नहीं देख पा रहे थे। डोमार के बारे में फील्ड वर्कर पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ता दिलीप साहू के माध्यम से पता चला था जब हम वहां टीम के साथ पहुंचे तो उसकी स्थिति ठीक नहीं थी । उनको प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जहां पर उनकी आंख की जांच की गई। टॉर्च से जब उनकी आंख में रोशनी डाली गई तब पता चला कि उनको मैच्योर कैटरेक्ट (पका हुआ मोतियाबिंद) है। इसके बाद उसका ऑपरेशन किया गया।
विधायक की मदद से हुआ निशुल्क इलाज
विधायक धनेंद्र साहू की मदद से उनका मेकाहारा में निशुल्क इलाज किया गया। नेत्र रोग विभागाध्यक्ष डॉ. निधि पांडेय ने निशुल्क इलाज करवाने में डोमार की काफी मदद की। साथ ही डॉ. स्वाति कुजूर ने दवाइयों की व्यवस्था करवाई। वरिष्ठ नेत्र सहायक अधिकारी संजय शर्मा ने बताया कि मैच्योर कैटरेक्ट एक जटिल प्रक्रिया हो जाती है। क्योंकि इसकी वजह से विजन का स्तर काफी कम हो जाता है। डॉ. ने कहा कि अगर समय पर डोमार भारती का ऑपरेशन नहीं होता तो उनकी आंखों की रोशनी पूरी तरह जा सकती थी।
दोनों आंखों से दुनिया देख सकते हैं डोमार
डॉ. संतोष सिंह और डॉ. रेशू मल्होत्रा की टीम ने 1 हफ्ते के अंदर ही दोनों आंखों के मोतियाबिंद का सफल ऑपरेशन सुरक्षित रूप से किया, जिसमें कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए ऑपरेशन पूर्ण हुआ । अब डोमार दोनों आंखों से दुनिया देख रहे हैं। मोतियाबिंद के ऑपरेशन में अधीक्षक (मेकाहारा) डॉ. अब्दुल वसीम, बीएमओ अभनपुर डॉ. एसडी कंवर, डॉ. शारदा साहू चिकित्सा अधिकारी खोरपा का सहयोग रहा।