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सावधान: बच्चों में तेजी से बढ़ रहा कोरोना, एक हफ्ते में वायरस की चपेट में आए 2 हजार से ज्यादा बच्चे, इस तरह करें बचाव

कोरोना की दूसरी लहर भारत समेत कई देशों के लिए काफी घातक साबित हुई है। हालांकि धीरे-धीरे स्थित में सुधार हो रहा है। इसी बीच तीसरी लहर की चिंता सताने लगी है। जानकारों के मुताबिक तीसरी लहर बच्चों के लिए सबसे ज्यादा घातक होगी। संभावित तीसरी लहर की आशंका के बीच कोरोना बच्चों पर कहर बनकर टूट पड़ा है। जानकारी के मुताबिक इस समय अमेरिका के अस्पतालों में कुल 2396 कोरोना पॉजिटिव बच्चे भर्ती हैं, जो अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है। इतना ही नहीं बीते एक हफ्ते के दौरान बच्चों में संक्रमण के 2.5 लाख से ज्यादा मामले सामने आए है, जो अपने आप में रिकॉर्ड है। महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक एक हफ्ते में बच्चों के संक्रमित होने की ये सबसे ज्यादा संख्या है। 


अमेरिका में मिल रहे नए कोरोना पॉजिटिव मरीजों में 26 प्रतिशत सिर्फ बच्चे हैं। 5 अगस्त से 2 सितंबर के बीच यानी लगभग चार हफ्ते के अंदर बच्चों में संक्रमण के 7 लाख 50 हजार नए मामले सामने आए। यह बहुत डराने वाला आंकड़ा है। हालांकि बच्चों की मृत्यु दर काफी कम है। आंकड़ों के मुताबिक अभी तक सिर्फ 520 बच्चों की मौत कोरोना से हुई है। अगस्त, 2020 से अब तक अस्पताल में भर्ती होने वाले बच्चों की संख्या 55 हजार से पार पहुंच चुकी है। 

 CDC की रिपोर्ट में खुलासा

अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक 6 सितंबर को खत्म हुए हफ्ते में प्रतिदिन 369 से ज्यादा पॉजिटिव बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। हालांकि विशेषज्ञ बच्चों के संक्रमित होने का एक मात्र कारण स्कूल खुलने को नहीं मान रहे हैं। इसलिए देशभर में डेल्टा वैरिएंट के कहर को देखते हुए संक्रमित होने वाले बच्चों की संख्या में और बढ़ोतरी की आशंका जताई गई है।

स्वस्थ बच्चों में भी कोरोना का खतरा

बता दें कि वायरस ज्यादातर उन्हीं को संक्रमित कर रहा है जिनको टीका नहीं लगाया गया है। कोलंबिया यूनिवर्सिटी के इर्विंग मेडिकल सेंटर के प्रोफेसर डॉ. एडिथ ब्राचो-सांचेज ने हालात को चिंताजनक करार दिया है। इधर, CDC ने भी कहा है कि स्कूलों को संचालन जारी रखने के लिए यह जरूरी है कि बच्चों को संक्रमण से बचाया जाए। CDC के मुताबिक अस्पताल में भर्ती अमेरिकी बच्चों में से करीब 46.4 फीसदी को कोई पूर्व बीमारी नहीं थी। इससे यह भ्रम टूट जाता है कि स्वस्थ बच्चों में कोरोना संक्रमण का खतरा किसी पूर्व बीमारी से जूझ रहे बच्चों की अपेक्षा कम रहता है।

25 फीसदी बच्चों को लग चुके हैं दोनों डोज

अमेरिका में बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित बच्चे मल्टी इंफ्लामेंटरी सिंड्रोम इन चिल्ड्रेन (मिस-सी) नामक बीमारी से ग्रस्त हुए। CDC के मुताबिक 4661 बच्चे मिस-सी से पीड़ित हुए जिसमें से 41 की मौत हो गई। इस बीमारी में शरीर के विभिन्न अंदरूनी अंगों जैसे कि लीवर और मस्तिष्क में सूजन आ जाती है। अमेरिका में 12 साल या इससे ज्यादा उम्र के बच्चों को टीका लगाया जा रहा है। CDC के मुताबिक 12 से 15 साल के 25 फीसदी अमेरिकी बच्चों को कोरोना टीके की दोनों खुराक लगाई जा चुकी है। इस आयु वर्ग में 33 फीसदी बच्चों को टीके की एक खुराक दी गई है। 16 से 17 साल के बच्चों में 37 फीसदी को दोनों खुराक दी जा चुकी है, जबकि 45 फीसदी को एक खुराक दी गई है।

कामकाजी लोगों को विशेष एहतियात बरतना जरूरी

वर्ल्ड मेडिकल एसोसिएशन के सलाहकार का कहना है कि कोरोना से बच्चों की सुरक्षा करने से पहले बड़ों को खुद अपनी सुरक्षा करनी पड़ेगी क्योंकि अगर बड़े सुरक्षित होंगे, तभी बच्चे भी सुरक्षित रह पाएंगे। उन्होंने बच्चों की सुरक्षा को लेकर तीन बड़े सुझाव दिए हैं। डॉ. बेदी ने बताया कि कोरोना के चलते बच्चों के स्कूल बंद हैं। कोरोना की वजह से बच्चे बाहर खेलने के लिए भी नहीं जा रहे हैं, लेकिन घर के जिम्मेदार लोग कामकाज के लिए घर से बाहर जा रहे हैं। ऐसे में घर के बड़े लोग बाहर से संक्रमण को घर में ला सकते हैं। ऐसे में घर के कामकाजी लोगों को विशेष एहतियात बरतनी होगी।

एक्सपर्ट ने दी जानकारी

एक्सपर्ट का कहना है कि परिवार में बड़ों को सबसे ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है। बड़े जब घर आएं तो वह अपने कपड़े बाहर ही उतारें और मास्क भी उतारें। खुद को सैनेटाइज करें इसके बाद वे घर के अंदर आएं। घर में आने के बाद भी बच्चों से उचित दूरी बनाकर रखें। डॉक्टर का कहना कि दूसरी जरूरी बात यह है कि बच्चों की इम्युनिटी को मजबूत करें। इसके लिए बच्चों को पौष्टिक खाना खिलाएं। बच्चों को फल ज्यादा खिलाएं। जिससे बच्चों को विटामिन-सी, विटामिन-डी, बी-कॉम्प्लेक्स और विटामिन-ई भरपूर मात्रा में मिल सके।

इम्यूनिटी बूस्ट के लिए करें ये उपाय

एक्सपर्ट ने बताया कि इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए विटामिन-डी भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विटामिन-डी के लिए बच्चों को सुबह 9 बजे से 11 बजे के बीच धूप में बैठाएं। बच्चों को सूरज की तरफ पीठ करके बैठाएं। उन्होंने ने कहा कि धूप में बैठते समय इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि धूप सीधा बच्चों की पीठ पर पड़ रही हो। ऐसा करने से बच्चों के शरीर में विटामिन डी की मात्रा बढ़ेगी। एक्सपर्ट ने बताया कि अगर घर में कोई कोरोना मरीज है तो बच्चों को उससे दूर रखें। घर में जो व्यक्ति कोरोना मरीज की देखभाल कर रहा है। वह व्यक्ति भी बच्चों के पास न जाए। इस तरह घर के बड़े लोग कई सावधानियां बरतकर बच्चों को कोरोना से सुरक्षित रख सकते हैं।

बच्चों का रखें खास ख्याल

बता दें कि कोरोना की तीसरी लहर दूसरी लहर से भी ज्यादा खतरनाक साबित हो सकती है, जिसके लिए पहले सावधान रहना बहुत जरूरी है। जानकारों के मुताबिक कोरोना की पहली लहर ने बुजुर्गों को सबसे ज्यादा अपनी चपेट में लिया था। कोरोना की पहली लहर बुजुर्गों के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक साबित हुई थी। वहीं कोरोना की दूसरी लहर सबसे ज्यादा युवाओं के लिए खतरनाक साबित हो रही है। ऐसे में कहा जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा सकती है। ऐसे में बच्चों का अच्छे से ख्याल रखें।

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