पुरूष नसबंदी पखवाड़ा के दौरान नसबंदी में छत्तीसगढ़ बीते 5 सालों से देश में पहले स्थान पर है। इस दौरान प्रदेश में 4905 पुरुषों ने परिवार नियोजन के लिए नसबंदी कराई है। पुरूष नसबंदी पखवाड़ा के दौरान साल 2017-18 में प्रदेश के 966, साल 2018-19 में 727, साल 2019-20 में 1695, साल 2020-21 में 168 और साल 2021-22 में 1349 पुरूषों ने नसबंदी कराई है।
परिवार नियोजन कार्यक्रम के उप संचालक डॉ. सत्यार्थी ने बताया कि नसबंदी पखवाड़ा के दौरान ग्राम स्तर से लेकर जिला स्तर तक विशेष अभियान चलाकर लोगों में पुरूष नसबंदी के प्रति फैली भ्रांतियों और मिथकों को विभाग द्वारा दूर किया जाता है। ग्राम स्तर पर 'मोर मितान मोर संगवारी' चौपाल का आयोजन कर पुरूषों को नसबंदी कराने के लिए प्रेरित किया जाता है। उन्होंने बताया कि हर साल स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार और परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी बढ़ाने प्रदेशव्यापी पुरुष नसबंदी पखवाड़ा मनाया जाता है।
2 चरणों में होता है पखवाड़ा
पखवाड़ा दो चरणों मे आयोजित किया जाता है। पहला चरण मोबिलाइजेशन सप्ताह के रूप में जिसमें जनसंख्या स्थिरीकरण में पुरूषों की भागीदारी बढ़ाने और राज्य में एनएसवीटी कार्यक्रम को सुचारू ढंग से संचालित कर नसबंदी के लिए पुरूषों को जागरूक किया जाता है, जिसमें 'मोर मितान मोर संगवारी' की थीम पर ग्राम स्तर पर आयोजित गोष्ठियों में पुरूषों को नसबंदी के लिए प्रेरित किया जाता है। वहीं दूसरा चरण सेवा वितरण सप्ताह के रूप में मनाया जाता है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा नसबंदी कराने वालों को दो हजार रुपए और उत्प्रेरकों को 250 रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाती हैं।