पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा कम होने का नाम नहीं ले रही है। बंगाल में आए दिन नेताओं और कार्यकर्ताओं पर हमले की खबर सामने आ रही है। इसी बीच BJP सांसद अर्जुन सिंह के आवास के बाहर बम धमाके की खबर सामने आई है, जिसे लेकर राज्यपाल जगदीप धनखड़ चिंता जाहिर की है।
राज्यपाल ने ट्वीट कर कहा कि पश्चिम बंगाल में प्रचंड हिंसा थमने के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं। एक सांसद के आवास के बहार बम धमाका चिंतित करने वाली बात है और कानून व्यवस्था पर प्रश्न खड़ा करती है। राज्यपाल धनखड़ ने पश्चिम बंगाल पुलिस को तुरंत कार्रवाई करने और सांसद की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए हैं।
राज्यपाल जगदीप धनखड़ पहले भी ममता सरकार की पश्चिम बंगाल में जारी राजनीतिक हिंसा के लिए आलोचना करते रहे हैं। इधर, पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा पर कड़ी कार्रवाई का दौर जारी है। फिलहाल धमाके से संबंधित ज्यादा जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। CBI की एक टीम ने चुनाव के बाद हिंसा के मामलों की जांच के तहत मंगलवार को पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता ललन घोष के आवास पर छापा मारा था। जांच दल ने जिले के इलामबाजार थानाक्षेत्र के गोपालपुर गांव का दौरा किया, जहां दो मई को विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के कुछ देर बाद ही भाजपा कार्यकर्ता गौरव सरकार की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी।Wanton violence in WB shows no sign of abating.
— Governor West Bengal Jagdeep Dhankhar (@jdhankhar1) September 8, 2021
Bomb explosions as this morning outside residence of Member Parliament @ArjunsinghWB is worrisome on law and order.
Expect prompt action @WBPolice. As regards his security the issue has been earlier been flagged @MamataOfficial.
आरोपियों की गिरफ्तारी पर जोर
जानकारी के मुताबिक TMC नेता के घर से एक मोबाइल फोन समेत कई दस्तावेज जब्त किए गए। केंद्रीय एजेंसी ने अब तक 34 प्राथमिकी दर्ज की हैं और चुनाव बाद हिंसा के मामलों में तीन गिरफ्तारियां की हैं, जिसमें से दो नदिया में और एक उत्तर 24 परगना में की गई है। बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा के मामलों की जांच की प्रगति पर मंगलवार को CBI के अधिकारियों ने नई दिल्ली मुख्यालय में उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक में अब तक की जांच की समीक्षा की गई। सूत्रों ने बताया कि बैठक में समय पर आरोप पत्र दायर करने, हिंसा के मामलों में आरोपियों की गिरफ्तारी पर जोर दिया गया।
अखिलेश को सौंपी गई मामलों की जांच की जिम्मेदारी
CBI के DIG अखिलेश सिंह को भी दिल्ली में तलब किया गया था, ताकि पता लगाया जा सके कि पिछले 11 दिनों में राज्य में क्या जांच हुई है, किसी भी मामले की क्या स्थिति है, कितने मामले हैं। कितनी चार्जशीट दायर की गई है और कितने को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा जांच अधिकारियों को कहीं बाधाओं का सामना तो नहीं करना पड़ रहा है? जानकारी के मुताबिक अखिलेश से लिखित में पूछा गया है कि कहीं काम करने में उन्हें दिक्कत तो नहीं है। गौरतलब है कि CBI ने बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा के मामलों की जांच की जिम्मेदारी अखिलेश सिंह को सौंपी है।