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चाणक्य के मुताबिक इन 3 चीजों को कभी नहीं करना चाहिए नजरअंदाज, बर्बाद हो सकता है जीवन

आचार्य चाणक्य जिन्हें कौटिल्य और विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है, आचार्य चाणक्य का जन्म ईशा से 350 वर्ष पूर्व हुआ था, जिन्होंने अर्थशास्त्र और नीतिशाश्त्र (Economics and Ethics) की रचना की थी। जिसे ‘चाणक्य नीति’ (Chanakya Niti ) भी कहा जाता है। भले ही चाणक्य द्वारा लिखी गई बाते बहुत पुरानी हो, लेकिन उनके द्वारा कहे गये कथन आज भी उतने सटीक और सही साबित (Chanakya Niti For Successful Life) होती है। 


आचार्य चाणक्य की नीतियां (Chanakya Niti) और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे, लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। हम लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भले ही नजरअंदाज कर दें, लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज का ये विचार किसी भी चीज के महत्व से संबंधित है। 

हर चीज की होती है उपयोगिता

आचार्य चाणक्य के मुताबिक हर चीज की अपनी जगह और उपयोगिता होती है। अगर घर में सांप निकल आए तो लोग उसे मारने के लिए दौड़ पड़ते हैं, लेकिन अगर वही सांप शिवलिंग के आस-पास बैठा हो, तो उसे देवता कहकर पूजने लगते हैं। ये बात सिद्ध करती है कि किसी भी चीज की कभी उपेक्षा नहीं करनी चाहिए क्योंकि जगह और समय के हिसाब से उसका अपना महत्व होता है। कुछ ऐसा ही आचार्य चाणक्य का भी मानना था। आचार्य के मुताबिक किसी चीज को छोटा समझकर हम लापरवाह हो जाते हैं और फिर बड़ा नुकसान उठाते हैं।

किसी को छोटा समझने की नहीं करनी चाहिए गलती 

आचार्य ने अपने जीवन में अनेकों रचनाएं भी कीं, जिसमें से नीति शास्त्र बहुत लो​कप्रिय है। आज भी लोग आचार्य की तमाम बातों से सीखने का प्रयास करते हैं। अपने ग्रंथ नीति शास्त्र में आचार्य ने तीन ऐसी चीजों के बारे में बताया है, जिन्हें कभी छोटा समझने की गलती नहीं करनी चाहिए वर्ना पूरा जीवन बर्बाद हो सकता है।

आचार्य चाणक्य की चाणक्य नीति 

आचार्य चाणक्य के मुताबिक ऋण लेना आसान होता है और देना उतना ही मुश्किल। अगर आप ऋण को हल्के में लेने की गलती करते हैं, तो ये दिनों-दिन बढ़ता जाता है और आपके लिए इसे चुकाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में इंसान बर्बादी की कगार पर पहुंच जाता है। इसलिए कोशिश करें कि ऋण लेने की जरूरत ही न पड़े और अगर किसी कारणवश ​कर्ज ले भी रहे हैं, तो इस मामले में गंभीर रहें और जल्द से जल्द इसे चुकाएं।

शत्रु से निपटने के लिए खुद को रखें तैयार 

आचार्य चाणक्य का कहना है कि शत्रु अगर आपसे कमजोर भी है, तो भी उसे कभी छोटा समझने की गलती न करें। वो कमजोर भी है तो भी आखिर आपका शत्रु है, इसलिए उसे जब भी मौका मिलेगा वो अपना प्रहार करने से नहीं चूकेगा। इसलिए शत्रु को कमजोर समझकर कभी चैन से न बैठें। हमेशा सजग रहें और हर स्थिति में शत्रु से निपटने के लिए खुद को तैयार रखें।

किसी बीमारी की जल्द कराएं इलाज

आचार्य चाणक्य के अनुसार किसी भी रोग को छोटा समझकर कभी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। एक बार आप लापरवाह हुए तो कब आपका रोग बढ़कर आपके लिए समस्या बन जाएगा, आपको इसका अंदाजा भी नहीं लगेगा। इसलिए शुरुआत में ही सचेत होकर उस रोग को बढ़ने से रोक दें और उसका सही इलाज कराएं।

चाणक्य नीति का अध्ययन

चाणक्य की चाणक्य नीति जीवन में सफल बनाने के लिए प्रेरित करती है। चाणक्य नीति व्यक्ति को अंधेर से निकाल कर रोशनी तरफ ले जाती है। यही कारण है आज भी बड़ी संख्या में लोग चाणक्य की चाणक्य नीति का अध्ययन और अनुकरण करते हैं। चाणक्य की शिक्षाएं वास्तविकता के काफी करीब हैं। यह वजह है कि आज भी चाणक्य की नीति की प्रासंगिकता बनी हुई है। 

महान राजनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री थे चाणक्य

आचार्य चाणक्य महान राजनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री थे। आचार्य का भारत की दो प्रमुख शिक्षा संस्थाओं तक्षशिला और नालंदा विश्वविद्यालय में महत्वपूर्ण योगदान है। आचार्य ने पश्चिमी सीमाई राज्यों को आक्रांताओं के आक्रमण और अधिग्रहण से बाहर निकलने में सहायता की। मगध जनपद को धननंद के आतंक से मुक्त कराया।

श्रेष्ठ विद्वानों होती है गिनती

चाणक्य की गिनती भारत के श्रेष्ठ विद्वानों में की जाती है। चाणक्य को अर्थशास्त्र के साथ साथ समाजशास्त्र, राजनीति शास्त्र, कूटनीति शास्त्र और सैन्य शास्त्र के भी ज्ञाता थे। आचार्य चाणक्य का संबंध विश्व प्रसिद्ध तक्षशिला विश्व विद्यालय से भी था। चाणक्य ने तक्षशिला विश्व विद्यालय से शिक्षा प्राप्त की थी और बाद में वे इसी विद्यालय में आचार्य हुए। चाणक्य ने हर उस रिश्ते के बारे में भी जानने और समझने की कोशिश की जो मनुष्य को सबसे ज्यादा प्रभावित करते हैं।

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