राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) नई दिल्ली के निर्देशानुसार छत्तीसगढ़ राज्य में तहसील से लेकर उच्च न्यायालय स्तर तक हाईब्रीड नेशनल लोक अदालत का आयोजन हुआ। सभी न्यायालयों में राजीनामा योग्य प्रकरणों को पक्षकारों की आपसी सुलह-समझौते से निराकृत किया गया। प्राप्त प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार लोक अदालतों में 50 हजार प्रकरणों का निराकरण पक्षकारों की भौतिक और वर्चुअल उपस्थिति में हुआ।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के द्वारा नेशनल लोक अदालत में 05 खंडपीठों के द्वारा कुल 83 प्रकरणों का निराकरण किया गया है, जिसमें मोटर दुर्घटना के 63 प्रकरणों का निराकरण करते हुए एक करोड़ 89 लाख 92 हजार 290 रूपए का अवार्ड पारित किया गया है। न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा, कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश और कार्यपालक अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के निर्देशानुसार लोक अदालत हेतु प्रत्येक जिलों को मजिस्ट्रेट की स्पेशल सिटिंग की शक्ति प्रदान दी गई थी।
दंड प्रक्रिया संहिता
छोटे-छोटे मामलों में पक्षकारों की स्वीकृति के आधार पर निराकृत किए गए। इसके अतिरिक्त विशेष प्रकरणों जैसे दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 321, 258 और पेट्टी आफैन्स के प्रकरणों और कोरोना काल में आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के अतर्गत दर्ज प्रकरणों का भी निराकरण किया गया। ऐसे मामले जो अभी न्यायालय में प्रस्तुत नहीं हुए थे, उन्हें भी प्री-लिटिगेशन प्रकरणों के रूप में पक्षकारों की आपसी समझौते के आधार पर निराकृत किए गए। समाचार लिखे जाने तक कुल 50 हजार प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है, जिसमें लगभग एक हजार मामले कोरोना काल में उल्लंघन से संबंधित धारा 188 के हैं, जो शासन की पहल पर वापस लिए गए हैं।
नेशनल लोक अदालत में 14,203 राजस्व प्रकरणों का निपटारा
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सरगुजा द्वारा 11 सितंबर को आयोजित नेशनल लोक अदालत के तहत 14 हजार 203 राजस्व प्रकरणों का निपटारा किया गया जिसमें 2 करोड़ 40 लाख 50 हजार रूपए समझौता राशि जमा कराया गया। प्रकरणों में 946 नामांतरण तथा 13 हजार 192 अन्य मामले शामिल हैं। कलेक्टर संजीव कुमार झा के मार्गदर्शन में नेशनल लोक अदालत में राजस्व प्रकरणों के निपटारे के लिए 23 खंडपीठों का गठन किया गया था। खंडपीठ में कलेक्टर न्यायालय सहित विभिन्न तहसीलों में खंडपीठ बनाए गए थे।