Responsive Ad Slot

Latest

latest


 

पंचायत भवन से तय होने लगा गांव के विकास का भविष्य

यह है गांव महेशपुर। एक साल पहले जब यह गांव आश्रित ग्राम था, तब गांव के विकास का मसौदा कहीं और तैयार होता था। गांव की महिला जनप्रतिनिधियों को ग्राम सभाओं में भाग लेने के लिए भी कई बार दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। ग्राम पंचायत भवन गांव से दूर होने की वजह से वह सभा में नियमित भाग भी नहीं ले पाती थी। अब जबकि यह गांव नए ग्राम पंचायत के रूप में अस्तित्व में आ चुका है तो यहां विकास की संभावनाएं बढ़ गई है। ग्राम पंचायत के गठन के साथ ही ग्राम पंचायत भवन मिल जाने से निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का न सिर्फ भवन में गांव के विकास के लिए चर्चा होती है, वे ग्राम सभाओं में भी बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं। नवनिर्मित ग्राम पंचायत भवन से गांव के विकास का नया भविष्य तैयार होने लगा है।  

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में प्रदेश में गांव के विकास और त्रि-स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के सशक्तिकरण के लिए लगातार काम किया जा रहा है। नवगठित ग्राम पंचायतें भी सुचारू रूप से अपने दायित्वों का निर्वहन कर सकें इसके लिए सभी बुनियादी अधोसंरचनाएं उन्हें जल्द से जल्द उपलब्ध कराई जा रही हैं। इसी कड़ी में सरगुजा जिले के उदयपुर विकासखंड के अंतर्गत आने वाले ग्राम मानपुर के आश्रित ग्राम महेशपुर को जब नया ग्राम पंचायत बनाया गया तो यहां नए पंचायत भवन की स्वीकृति भी दे दी गई। 


पंचायत भवन का निर्माण समय पर पूरा 

मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) से 14 लाख 42 हजार रूपए की लागत से यहां पंचायत भवन का निर्माण समय पर पूरा कर लिया गया। नवगठित ग्राम पंचायत महेशपुर को पहले ही साल में सर्वसुविधायुक्त नया पंचायत भवन मिलते ही फरवरी-2021 से गांव के निर्वाचित जनप्रतिनिधि नवनिर्मित पंचायत भवन से अपने कार्य संपादित कर रहे हैं। इस सर्वसुविधायुक्त भवन में पंचायत स्तर के काम-काज निपटाने के लिए पृथक कक्षों का निर्माण किया गया है। यहां पंचायत सचिव और ग्राम रोजगार सहायक पंचायत के रोजमर्रा के कार्यों को संपादित करने के साथ ही ग्रामवासियों की समस्याएं भी सुलझा रहे हैं। 

ग्रामसभा और अन्य आयोजनों के लिए पर्याप्त जगह

पंचायत भवन की जरूरतों के अनुरूप यहां सभा कक्ष, कार्यालय कक्ष और शौचालय खण्ड का निर्माण किया गया है। महेशपुर के सरपंच और पंचों ने ग्राम पंचायत के नए भवन में 1 फरवरी 2021 से विधिवत रूप से काम करना शुरू किया। भवन के सामने ग्रामसभा और अन्य आयोजनों के लिए पर्याप्त खुली जगह है। नए भवन में अब तक इस साल तीन ग्रामसभाएं भी हो चुकी हैं। महेशपुर में रहने वाली साधना दास कहती हैं कि जब महेशपुर आश्रित गांव था, तो ग्रामसभा के लिए दो किलोमीटर दूर मानपुर जाना पड़ता था। दूर होने के कारण महिलाएं अक्सर ग्रामसभा में शामिल नहीं हो पाती थीं। लेकिन अब महेशपुर में ही ग्राम पंचायत का भवन होने से काफी सहूलियत हो गई है। घर का काम निपटाकर महिलाएं भी बड़ी संख्या में ग्रामसभा में सम्मिलित होने लगी हैं।

1578 मानव दिवस रोजगार का सृजन

महेशपुर के सरपंच कपिल देव पैंकरा बताते हैं कि नया पंचायत बनने के बाद गांव के सामुदायिक भवन में जैसे-तैसे उन लोगों ने पंचायत का काम शुरू किया था। व्यवस्थित ढंग से कार्य करने के लिए आवश्यक सुविधाओं वाले पंचायत भवन की जरूरत थी। मनरेगा से नए पंचायत भवन के निर्माण का रास्ता निकला। ग्राम पंचायत की पहल पर मनरेगा से नए पंचायत भवन के निर्माण के लिए 14 लाख 42 हजार रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति मिली। पंचायत ने तत्काल जमीन का चिन्हांकन कर 25 जून 2020 को इसका निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया। गांव के 41 पुरूष और इतने ही महिला श्रमिकों ने तेजी से काम कर चार महीनों में ही निर्माण पूर्ण कर दिया। पंचायत भवन के निर्माण के दौरान 1578 मानव दिवस रोजगार का सृजन हुआ, जिसके लिए गांव के मनरेगा श्रमिकों को तीन लाख रूपए का मजदूरी भुगतान किया गया।

Don't Miss
© Media24Media | All Rights Reserved | Infowt Information Web Technologies.