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सात समंदर पार से आ रही राजनांदगांव बिहान की राखियों की मांग, संयुक्त राज्य अमेरिका के नाचा संस्था की दीपाली सरावगी ने ऑनलाइन मंगाई राखियां

राजनांदगांव बिहान की राखियों की मांग अब सात समंदर पार से आ रही है। नार्थ अमेरिकन छत्तीसगढ़ एसोसिएशन शिकागो (नाचा) की संस्थापक दीपाली सरावगी ने शिकागो से ऑनलाइन राखी ऑर्डर की है। सरावगी ने शिकागो शहर से रायपुर में रहने वाले अपने भाई  स्वप्निल सरावगी के लिए राजनांदगांव बिहान की राखियां अमेजन से ऑर्डर कर भेजी है। हिंदू परंपरा के मुताबिक रक्षाबंधन का पर्व भाई का बहन के प्रति रक्षा का वचन और बहन का भाई के प्रति आत्मविश्वास-प्रेम की भावना को दर्शाता है। 


यह खुशी की बात है कि सात समंदर पार बैठी बहन अपने भाई तक अपनी राखी पहुंचाने के लिए बिहान की बहनों द्वारा निर्मित राखी को चुना है। बता दें कि बिहान राजनांदगांव की महिलाओं द्वारा हस्त निर्मित राखियां आज देश ही नहीं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी लोकप्रिय हो रही हैं। कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा के मार्गदर्शन और जिला पंचायत CEO लोकेश चंद्राकर के प्रयासों से स्वसहायता समूह की महिलाएं राखी बनाकर आर्थिक रूप से सशक्त बन रही है।

दीपाली हर साल भेजती है ऑनलाइन राखी

दीपाली सरावगी हर साल भारत में निवास करने वाले अपने परिवार के सदस्यों को ऑनलाइन राखी भेजती है। इस साल वे महिला स्वसहायता समूह द्वारा बनाए परंपरागत हस्त निर्मित राखियां भेजने की इच्छुक थी। नाचा संस्था द्वारा वे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ प्रदेश और यहां की लोक कला- संस्कृति का प्रसार कर रही हैं। दीपाली अपने राज्य छत्तीसगढ़ के बिहान समूह की महिलाओं द्वारा धान, बांस, चावल, गेंहू, अरहर, रखिया के बीज,  लौकी बीज, मोती से सजी खूबसूरत राखियों को देखकर बहुत प्रसन्न हुई। दीपाली से संपर्क करने पर कहती है कि वे 2009 से कि दीपाली सरावगी और गणेश कर संयुक्त राज्य अमेरिका में निवास कर रहे हैं। 

हस्त निर्मित राखियों का विक्रय 

उन्होंने कहा कि वे इस स्वसहायता समूह की महिलाओं की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सहायता करेंगे। बिहान राजनांदगांव की स्वसहायता समूह की महिलाओं से चर्चा करने पर वे कहती हैं कि इस साल का रक्षाबंधन का त्योहार उनके लिए दोहरी खुशियां लेकर आया है। हम स्वसहायता समूह की महिलाओं को स्वावलंबी बनने के प्रयास में प्रतिदिन शहर में जगह-जगह स्टॉल लगाकर हस्त निर्मित राखियों का विक्रय किया जा रहा है और हजारों रूपए की आय अर्जित की जा रही है। 

अमेजन पर राखियां पंजीकृत

वहीं ऑनलाइन अंतर्राष्ट्रीय बाजार प्लेटफार्म अमेजन पर राखियां पंजीकृत करने के बाद से राज्य ही नहीं देश भर से और आज तो विदेश अमेरिका से भी हमे ऑर्डर प्राप्त हुआ है। हमें बहुत खुशी है कि हमारे राज्य और देश-विदेश में रहने वाली बहनें भी ऑनलाइन ऑर्डर कर हमारा आत्मविश्वास बढ़ा रही हैं और सहयोग प्रदान कर रही है।

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