हैती में शनिवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। नेशनल सेंटर ऑफ सीस्मोलॉजी ने शनिवार को बताया कि हैती में भूकंप की तीव्रता काफी तेज थी, जिसके कारण कई इमारतों को भी नुकसान पहुंचा है। भारतीय समय के मुताबिक हैती में शाम 5:59 बजे भूकंप आया है। भूकंप के झटके काफी तेज थे।
रिक्टर स्केल पर हैती में आए भूकंप की तीव्रता 7.2 आंकी गई है। संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने कहा कि शनिवार को हैती में 7.2 तीव्रता का भूकंप आया है, जिससे आपदाग्रस्त कैरेबियाई राष्ट्र के पश्चिम में सुनामी की चेतावनी जारी की गई है। वहीं भूकंप के कारण कई इमारतों को भी नुकसान पहुंचा है।
दरअसल, दक्षिण-पश्चिम हैती में शनिवार को 7.2 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आने से इमारतें भरभरा कर गिर गई। इसमें कम से कम 304 लोगों की मौत हो गई है। जबकि 1800 लोग घायल हो गए हैं। भूकंप के कारण सैकड़ों घर ढह गए हैं। भूकंप के कारण लोग सड़कों पर आ गए और उन्होंने घरों, होटलों और अन्य ढांचों के मलबे में दबे लोगों को निकालने में बचावकर्मियों की मदद की।
Some photos emerging from the South of Haiti this morning where a major earthquake struck. Prayers for people in the towns of Les Cayes, Jacmel, Jérémie. pic.twitter.com/2wTpJPoUOv
— Patrick Gaspard (@patrickgaspard) August 14, 2021
शनिवार को भूकंप आने से कई शहर पूरी तरह से तबाह हो चुके हैं और भूस्खलन होने से भूकंप से बुरी तरह प्रभावित दो समुदायों के बीच बचाव अभियान प्रभावित हो रहा है। भूकंप के कारण कोरोना वायरस महामारी से पहले से बुरी तरह प्रभावित हैती के लोगों की पीड़ा और भी बढ़ गई है। देश के राष्ट्रपति की हत्या और गहराती गरीबी से राष्ट्र वैसे ही संकट में है।
VIDEOS COMING OUT OF PESTEL HAITI, after the 7.2 earthquake of this morning. #HELPHAITI pic.twitter.com/5r1BL1twVQ
— Laurent Lamothe (@LaurentLamothe) August 14, 2021
भूकंप का केंद्र राजधानी पोर्ट औ प्रिंस से करीब 125 किलोमीटर की दूरी था। अगले हफ्ते की शुरुआत में संकट और भी बढ़ सकता है क्योंकि तूफान ग्रेस सोमवार या मंगलवार तक हैती पहुंच सकता है। भूकंप के बाद दिनभर और रात तक झटके महसूस किए जाते रहे। बेघर हो चुके लोग, वे लोग जिनके घर ढहने के कगार पर हैं उन्होंने खुले में सड़कों पर रात बिताई। प्रधानमंत्री एरियल हेनरी ने कहा कि ऐसे स्थानों पर मदद भिजवा रहे हैं जहां पर शहर तबाह हो चुके हैं और अस्पताल मरीजों से भर गए हैं। हैती की नागरिक सुरक्षा एजेंसी के निदेशक जैरी चांडलर की ओर से बताया गया कि मृतक संख्या 304 है और सबसे ज्यादा लोग देश के दक्षिण में हताहत हुए हैं। अस्पतालों में घायलों को लाने का सिलसिला जारी है. कम से कम 860 घर नष्ट हो गए तथा 700 से अधिक क्षतिग्रस्त हो गए।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने यूएसऐड प्रशासक समांथा पॉवर को हैती को अमेरिकी मदद देने के लिए समन्वयक अधिकारी के रूप में नियुक्त किया है। यूएसऐड नुकसान का आकलन करने और पुनर्निर्माण करने में मदद करेगा। अर्जेंटीना, चिली समेत कई देशों ने मदद की पेशकश की है।
2010 में हुई थी 3 लाख मौत
आपदाग्रस्त इस कैरेबियाई देश में अक्सर भूकंप और चक्रवाती तूफान तबाही मचाते रहे हैं। 2018 में यहां 5.9 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें 12 से ज्यादा लोगों की जान गई थी। सबसे ज्यादा तबाही 2010 में हुई थी। 7.1 तीव्रता के इस भूकंप ने 3 लाख से ज्यादा लोगों की जान ले ली थी।
भूकंप आने का कारण
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है। दूसरे शब्दों में कहें तो पृथ्वी कई लेयर में बंटी होती है और जमीन के नीचे कई तरह की प्लेट होती है। ये प्लेट्स आपस में फंसी रहती हैं, लेकिन कभी-कभी ये प्लेट्स खिसक जाती है, जिस वजह से भूकंप आता है।
भोगौलिक हलचल के आधार पर जोन तय
कई बार इससे ज्यादा कंपन हो जाता है और इसकी तीव्रता बढ़ जाती है। भारत में धरती के भीतर की परतों में होने वाली भोगौलिक हलचल के आधार पर कुछ जोन तय किए गए हैं और कुछ जगह यह ज्यादा होती है तो कुछ जगह कम। इन संभावनाओं के आधार पर भारत को 5 जोन बांटा गया है, जो बताता है कि भारत में कहां सबसे ज्यादा भूकंप आने का खतरा रहता है। इसमें जोन-5 में सबसे ज्यादा भूकंप आने की संभावना रहती है और 4 में उससे कम, 3 उससे कम होती है।
भूकंप की तीव्रता मापने का पैमाना
भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से होती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है।
भूकंप आने पर क्या करें
- आपको भूकंप के झटके जैसे ही महसूस हों, वैसे ही आप किसी मजबूत टेबल के नीचे बैठ जाएं और कस कर पकड़ लें।
- जब तक झटके जारी रहें या आप सुनिश्चित न कर लें कि आप सुरक्षित ढंग से बाहर निकल सकते हैं, तब तक एक ही जगह बैठे रहें।
- अगर आप ऊंची इमारत में रहते हैं तो खिड़की से दूर रहें।
- आप बिस्तर पर हैं तो वहीं रहें और उसे कसकर पकड़ लें। अपने सिर पर तकिया रख लें।
- आप बाहर हैं तो किसी खाली स्थान पर चले जाएं यानी बिल्डिंग, मकान, पेड़, बिजली के खंभों से दूर।