यूनाइटेड किंगडम के निमंत्रण पर PM नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जी-7 शिखर सम्मेलन में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हिस्सा लिया। PM मोदी ने इस दौरान 'वन अर्थ वन हेल्थ' का मंत्र दिया। जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने इस दौरान PMमोदी की तारीफ की और उनके इस विचार को अपना समर्थन दिया।
जानकारी के मुताबिक बैठक के दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति इमेनुएल मैक्रों ने भारत समेत दूसरे देशों को वैक्सीन के कच्चे माल की आपूर्ति में छूट देने की मांग की। उन्होंने कच्चे माल से बैन हटाने की मांग की और कहा कि वैक्सीन बनाने वाले देशों को इसके लिए कच्चा माल मिलना चाहिए।
G-7 समिट इन देशों को मिला था न्योता
बता दें कि इस बार भारत के अलावा रिपब्लिक ऑफ कोरिया और दक्षिण अफ्रीका को भी बतौर मेहमान देश के तौर पर आमंत्रित किया गया है। G-7 देशों में अमेरिका, फ्रांस, कनाडा, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान और इटली शामिल हैं। ये सभी सदस्य देश बारी-बारी से सालाना समिट को होस्ट करते हैं।
व्हाइट हाउस आने का न्योता
जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ब्रिटेन में जी-7 सम्मेलन से इतर मुलाकात की। मर्केल के एक प्रवक्ता स्टीफन सीबर्ट ने कार्बिस बे में एक मेज पर बैठे दोनों नेताओं की तस्वीरें ट्वीट कीं। तस्वीरों के साथ लिखा, 'जी7 सम्मेलन के दूसरे दिन दोपहर के समय चांसलर ने अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडन से मुलाकात की।' हालांकि प्रवक्ता ने दोनों नेताओं के बीच हुई चर्चा के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। मर्केल अगले महीने अमेरिका के दौर पर जा सकती हैं, जहां वह वाशिंगटन में बाइडन से मुलाकात करेंगी। बाइडन ने इस सप्ताह की शुरुआत में मर्केल को व्हाइट हाउस आने का न्योता भेजा था।
क्या है G7 ?
जी-7 दुनिया की सात सबसे बड़ी कथित विकसित और उन्नत अर्थव्यवस्था वाले देशों का समूह है, जिसमें कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमरीका शामिल हैं। इसे ग्रुप ऑफ सेवन भी कहते हैं। समूह खुद को "कम्यूनिटी ऑफ वैल्यूज" यानी मूल्यों का आदर करने वाला समुदाय मानता है।