नई दिल्ली। कोरोना के डेल्टा वेरिएंट के बारे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान डेल्टा वेरिएंट में अपना रूप दिखाया। इसी से मिलता जुलता एक म्यूटेशन डिटेक्ट हुआ है जिसे डेल्टा प्लस कहा गया है। मंत्रालय के अनुसार, मार्च से यूरोप में यह वेरिएंट दिखा है और फिलहाल चिंता का विषय नहीं है। इसे देश के बाहर पाया गया है। वेरिएंट को लेकर ऐसा कोई तरीका नहीं कि आगे से न आए, रूप न बदले।
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इसके अलावा नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने कहा कि कोरोना के केस कम होने के साथ साथ अनलॉकिंग की प्रक्रिया में तेजी लाई जा रही है लेकिन अनलॉकिंग की प्रक्रिया के दौरान अनुशासन और जिम्मेदारी दिखाना बेहद जरूरी है। डेल्टा वेरिएंट का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह ओरिजनल वेरिएंट नहीं है लेकिन यह बेहद संक्रामक वायरस है। यह 2020 से ज्यादा चालाक वायरस है। इसलिए ज्यादा सावधानी और नियमों का कड़ाई से पालन करने की जरुरत है।
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वहीं डॉ. पॉल ने आगे कहा कि यह म्यूटेशन अभी चिंताजनक नहीं है और हमें इसकी प्रगति पर नजर रखनी होगी। सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, यह वैरिएंट मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज के उपयोग को खत्म कर देता है। हम इस म्यूटेशन के बारे में और अधिक अध्ययन करेंगे और जानकारी प्राप्त करेंगे। साथ ही उन्होंने नोवावैक्स कंपनी के वैक्सीन के बारे में कहा कि इसके बारे में जो आंकड़े उपलब्ध हैं, उसके मुताबिक ये वैक्सीन काफी सुरक्षित और असरदार है। भारत में भी इसका उत्पादन किया जाएगा। इसके क्लीनिकल ट्रायल चल रहे हैं और यह एडवांस स्टेज पर हैं।
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बता दें, स्वास्थ्य विभाग की ओर से बताया गया कि अब देश में वायरस का फैलाव काफी कम हो गया है। 7 मई को सामने आये सबसे ज्यादा मामलों के बाद से दैनिक कोविड मामलों में लगभग 85 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। कोरोना संक्रमण के साप्ताहिक दर में 78 प्रतिशत की तीव्र गिरावट दर्ज गयी है। फिलहाल, ऐसे 20 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश हैं, जहां एक्टिव केस 5000 से कम है।